टोक्यो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान की राजधानी टोक्यो में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जापान के लोगों की देशभक्ति, जापान के लोगों का आत्मविश्वास, स्वच्छता के लिए जापान के लोगों की जागरूकता, उन्होंने इसकी खुलकर प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा कि जब स्वामी विवेकानंद अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे, तो उससे पहले वो जापान भी आए थे. जापान ने उनके मन-मस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा था. भारत और जापान नैसर्गिक सहयोगी हैं.
उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है. जापान से हमारा रिश्ता सामर्थ्य का है, सम्मान का है, विश्व के लिए साझे संकल्प का है. जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, बोद्ध का है, ज्ञान का है, ध्यान का है. आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है. यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो, क्लाइमेट चेंज हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है.
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#WATCH | With chants of "Modi Modi & Jai Shri Ram," PM Modi was welcomed by the Indian diaspora in Tokyo, Japan pic.twitter.com/vPw714TWpm
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उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा हो, समर्पित माल गलियारा हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा कि यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जिस तरह से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई, आपूर्ति श्रृंखला पर प्रश्न चिह्न उठा, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए हम आत्मनिर्भर भारत के समाधान के साथ आगे बढ़ रहे हैं. आत्मनिर्भर भारत का हमारा समाधान केवल भारत के लिए ही नहीं है, बल्कि यह स्थिर एवं टिकाऊ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए है. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा समस्या का समाधान निकाला है, चाहे समस्या कितनी बड़ी क्यों न रही हो. उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अनिश्चितता का माहौल था. लेकिन उस समय भी भारत ने 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं. मोदी ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन विश्व के सामने एक महत्वपूर्ण संकट बन गया है.
उन्होंने कहा, 'हमने भारत में इस चुनौती को देखा भी और उस चुनौती के स्थायी समाधान के रास्ते खोजने हेतु हम आगे भी बढ़े. भारत ने 2070 तक नेट-जीरो करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. भारत जलवायु परिवर्तन के संबंध में बातचीत की अगुवाई कर रहा है. उन्होंने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन पहल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति गैर जीवाश्म क्षमता के माध्यम से करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि आज वैश्विक समुदाय, भारत में आधारभूत ढांचे के अभूतपूर्व पैमाने एवं गति तथा क्षमता विकास को देख रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल क्रांति ने यह सुनिश्चित किया कि बैंकिंग प्रणाली ने कोविड काल में भी प्रभावी ढंग से काम किया. उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया के कुल डिजिटल लेनदेन का 40 प्रतिशत होता है. भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा 'भारत माता की जय' के नारे के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी वे जापान आए, उन्हें काफी स्नेह मिला. उन्होंने कहा, 'जब भी मैं जापान आता हूं, तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है. आप में से कई साथी अनेक वर्षों से यहां बसे हुए हैं.' उन्होंने कहा कि जापान की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो वो आने वाले 25 साल यानी आजादी के 100वें वर्ष तक हिंदुस्तान को हमें किस ऊंचाई तक पहुंचाना है, आज देश उस रोडमैप को तैयार करने में लगा हुआ है. हमने एक मजबूत और लचीले एवं जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है और उसे बीते आठ साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है. भारत में आज सही मायने में लोकोन्मुखी प्रशासन काम कर रहा है. प्रशासन का यही मॉडल, परिणाम को प्रभावी बना रहा है. यही लोकतंत्र पर निरंतर मज़बूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है.'
उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने अतीत को लेकर जितना गौरवान्वित है, उतना ही प्रौद्यागिकी नीत, विज्ञान नीत, नवाचार नीत और प्रतिभा आधारित भविष्य को लेकर भी आशावान है. भारत आज हरित भविष्य, हरित रोजगार के रोडमैप के लिए भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है तथा देश में इलेक्ट्रिक परिवहन को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन को हाइड्रोकार्बन का विकल्प बनाने के लिए विशेष मिशन शुरू किया गया है.
इससे पहले पीएम मोदी के आने की खबर सुनकर कार्यक्रम स्थल में भारतीय मूल के लोग भारी तादाद में इकट्ठा हो गए हैं. लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे हैं. इस दौरान जय श्री राम के नारे भी लगे हैं. सोमवार को जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे.
बता दें कि पीएम मोदी जापान के पीएम फुमिओ किशिदा के निमंत्रण पर 24 मई को क्वाड समिट में शामिल होंगे. यूक्रेन और रूस युद्ध के बीच पीएम मोदी का ये दौरान काफी अहम माना जा रहा है. टोक्यो में पीएम मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने जारेदार स्वागत किया. इस दौरान बच्चे भी मौजूद रहे. उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्वाड से पहले जापान के पीएम फुमियो किशिदा के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि अमेरिका चीनी आक्रमण से ताइवान को बचाने में मदद करेगा.
निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर: भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने आज टोक्यो, जापान में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते (IIA) पर हस्ताक्षर किए हैं. IIA पर विनय क्वात्रा, विदेश सचिव भारत सरकार और स्कॉट नाथन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) द्वारा हस्ताक्षर किए गए. यह IIA वर्ष 1 में भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेता है. डीएफसी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों, जैसे कि ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा और संभावित परियोजनाओं और अनुदानों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के साथ तालमेल रखने के लिए आईआईए पर हस्ताक्षर किए गए हैं.