पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व की हथनी अनारकली का बेबी एलीफेंट को इन दिनों जंगल के नियम से जूझने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. दरअसल पन्ना टाइगर रिजर्व के हथिनी और हाथी लाव लश्कर के साथ यह बेबी एलीफेंट प्रकृति का नजारा देखने के लिए प्रतिदिन पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगलों से निकलता है. Panna Tiger Reserve
जंगल के वातावरण से रूबरू हो रहा बेबी एलीफेंट: टाइगर रिजर्व के अधिकारी भी बताते हैं कि बीते दिनों तेज हुई बारिश के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व से निकलने वाली केन नदी उफान पर थी, जलस्तर बढ़ा हुआ था ऐसे में बाघों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इन हाथियों के कंधों पर है. ऐसे में इन्हें सुदूर पहाड़ी और गुफाओं में पेट्रोलिंग करने के लिए हाथी के साथ-साथ इस बेबी एलीफेंट को जंगल के नियम से रूबरू कराया जा रहा है, जिससे यह जंगल के वातावरण से पूर्ण रूप से सक्षम हो जाए.
सुरक्षा हो तो ऐसी, 'Z+' कैटेगरी में बेबी एलीफेंट
क्यों जरूरी है हाथियों का प्रशिक्षित होना: बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा 75 से अधिक है, इसके अलावा रिजर्व में इस बेबी एलीफेंट को मिलाकर 16 हाथी है. हाथियों का प्रशिक्षित होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि जब बाघ कहीं रिहायशी बस्ती में मूव करता है तो उसे ट्रेंकुलाइज करने की जरूरत पड़ती है. तब इन्हीं हाथियों का सहारा लिया जाता है और हाथियों के ऊपर चढ़कर पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम इनको ट्रेंकुलाइज करती है.