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OBC List : 127वां संविधान संशोधन विधेयक पारित

ओबीसी सूची (OBC List) से जुड़े 127वें संविधान संशोधन विधेयक को 385 सांसदों का समर्थन मिला है. स्पीकर ओम बिरला ने मतविभाजन के बाद इस नतीजे की घोषणा की. बता दें कि संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने के लिए सदन में दो तिहाई बहुमत हासिल किया जाना अनिवार्य है. ऐसे में ओबीसी सूची से जुड़ा 127वां संविधान संशोधन विधेयक निर्विरोध पारित हो गया.

लोक सभा में ओबीसी विधेयक पारित
लोक सभा में ओबीसी विधेयक पारित
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Published : Aug 10, 2021, 8:05 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 8:46 PM IST

नई दिल्ली : OBC List से जुड़े 127वें संविधान संशोधन विधेयक को 385 सांसदों का समर्थन मिला है. लोक सभा में मैराथन चर्चा के बाद हुए मतविभाजन में इसका निर्णय हुआ. इस बिल के खिलाफ किसी सांसद ने मतदान नहीं किया है.

शिवसेना सांसद विनायक राउत की ओर से पेश किया गया पहला संशोधन खारिज हो गया. मतविभाजन के बाद इसके पक्ष में सिर्फ 71 वोट पड़े.

वीडियो

इसके बाद खंड दो में संशोधन के पक्ष में 372 सांसदों ने मतदान किया. विपक्ष में किसी सांसद का मतदान नहीं हुआ. लोक सभा में पर्याप्त समर्थन मिलने के कारण यह संशोधन स्वीकृत हो गया.

127वें संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में 386 सांसद

खंड तीन में एनके प्रेमचंद्रन ने संशोधन संख्या दो और तीन पेश किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शंकाओं पर जवाब नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि ओबीसी मुद्दे पर उनके द्वारा पेश किया गया एक अन्य संशोधन पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के कार्यकाल में सरकार की ओर से मंजूर किया गया है. ऐसे में सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. एनके प्रेमचंद्रन का संशोधन ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया.

इसके बाद संशोधन तीन और चार पर मतविभाजन कराया गया. मतविभाजन में 386 सांसदों ने संशोधन के पक्ष में वोट डाले. दो तिहाई बहुमत होने के कारण प्रस्ताव स्वीकृत हो गया. ऐसे में खंड तीन और चार विधेयक के अंग बनेंगे.

इसके बाद लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मतविभाजन के बाद 380 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. प्रावधान के मुताबिक यह दो तिहाई से अधिक है, ऐसे में खंड एक संशोधन के साथ विधेयक का अंग बना.

इसके बाद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा. लोक सभा स्पीकर ने इसके बाद मतविभाजन कराया.

पढ़ें :- OBC List Bill : लोक सभा में अखिलेश आक्रामक, कहा- पिछड़ी जातियों के सहारे ही बनी है सरकार

इससे पहले साढ़े पांच घंटे से अधिक की मैराथन चर्चा के बाद अपने जवाब में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राम मनोहर लोहिया, डॉ अंबेडकर, पेरियार और पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जिक्र किए जाने पर कहा कि दलों की विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन दिलों में सबके एक ही भावना होती है, कि समाज के वंचित तबके का कल्याण करना है.

नई दिल्ली : OBC List से जुड़े 127वें संविधान संशोधन विधेयक को 385 सांसदों का समर्थन मिला है. लोक सभा में मैराथन चर्चा के बाद हुए मतविभाजन में इसका निर्णय हुआ. इस बिल के खिलाफ किसी सांसद ने मतदान नहीं किया है.

शिवसेना सांसद विनायक राउत की ओर से पेश किया गया पहला संशोधन खारिज हो गया. मतविभाजन के बाद इसके पक्ष में सिर्फ 71 वोट पड़े.

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इसके बाद खंड दो में संशोधन के पक्ष में 372 सांसदों ने मतदान किया. विपक्ष में किसी सांसद का मतदान नहीं हुआ. लोक सभा में पर्याप्त समर्थन मिलने के कारण यह संशोधन स्वीकृत हो गया.

127वें संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में 386 सांसद

खंड तीन में एनके प्रेमचंद्रन ने संशोधन संख्या दो और तीन पेश किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शंकाओं पर जवाब नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि ओबीसी मुद्दे पर उनके द्वारा पेश किया गया एक अन्य संशोधन पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के कार्यकाल में सरकार की ओर से मंजूर किया गया है. ऐसे में सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. एनके प्रेमचंद्रन का संशोधन ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया.

इसके बाद संशोधन तीन और चार पर मतविभाजन कराया गया. मतविभाजन में 386 सांसदों ने संशोधन के पक्ष में वोट डाले. दो तिहाई बहुमत होने के कारण प्रस्ताव स्वीकृत हो गया. ऐसे में खंड तीन और चार विधेयक के अंग बनेंगे.

इसके बाद लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मतविभाजन के बाद 380 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. प्रावधान के मुताबिक यह दो तिहाई से अधिक है, ऐसे में खंड एक संशोधन के साथ विधेयक का अंग बना.

इसके बाद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा. लोक सभा स्पीकर ने इसके बाद मतविभाजन कराया.

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इससे पहले साढ़े पांच घंटे से अधिक की मैराथन चर्चा के बाद अपने जवाब में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राम मनोहर लोहिया, डॉ अंबेडकर, पेरियार और पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जिक्र किए जाने पर कहा कि दलों की विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन दिलों में सबके एक ही भावना होती है, कि समाज के वंचित तबके का कल्याण करना है.

Last Updated : Aug 10, 2021, 8:46 PM IST
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