नई दिल्ली : केंद्रीय दूर संचार मंत्री (राज्य) राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी भारतीय कंपनियां बाजार में पिछड़ रहीं हैं. अगर गलत ट्रेड प्रैक्टिस की वजह से इन कंपनियों को नुकसान होता है, तो सरकार की यह पूरी जवाबदेही बनती है कि वह अपनी भूमिका निभाए.
उन्होंने कहा कि हम विदेशी ब्रांडों को भारत को वैश्विक आधार के रूप में चुनने और यहां से निर्यात करने के लिए कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री का दृष्टिकोण एक मजबूत, जीवंत और इन्नोवेटिव इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम बनाने का है, जिसमें विदेशी और भारतीय दोनों ब्रांड शामिल हैं.
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On being asked about reports of govt ban on Chinese phones under Rs 12,000, MoS R Chandrasekhar said, "There's no such proposal. It's govt's obligation & duty to build Indian brands. If due to unfair trade practices, there's exclusion of Indian brands, we'll intervene & resolve." pic.twitter.com/MAxglWYnJw
— ANI (@ANI) August 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) August 29, 2022On being asked about reports of govt ban on Chinese phones under Rs 12,000, MoS R Chandrasekhar said, "There's no such proposal. It's govt's obligation & duty to build Indian brands. If due to unfair trade practices, there's exclusion of Indian brands, we'll intervene & resolve." pic.twitter.com/MAxglWYnJw
— ANI (@ANI) August 29, 2022
दरअसल, कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि चीनी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों ने भारतीय स्मार्टफोन कंपनियों को काफी पछाड़ दिया है, खासकर लो बजल वाले फोन में. इसलिए सरकार भारतीय कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए सस्ते चाइनीज मोबाइल पर प्रतिबंध लगा सकती है.
भारतीय स्मार्टफोन कंपनियां लावा और माइक्रोमैक्स बाजार में उतरी थी, तो बहुत उम्मीदें थीं. शुरुआत में कंपनी को काफी सफलता भी मिली. लेकिन समय के साथ चीनी कंपनियों ने बाजार में अपनी धाक जमा ली.