जबलपुर। एमपी के जबलुपर में शुक्रवार की देर रात राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी NIA और एटीएस की टीम ने बड़ी छापेमारी की. दिल्ली और भोपाल से आई टीम ने नईम खान जो अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के मामले में पैरवी कर चुके हैं उनसे भी पूछताछ की है. इसके साथ ही ओमती इलाके के घरों में एक साथ 8 से 10 जगहों पर एनआईए ने दबिश दी. जहां से NIA की टीम ने हाई कोर्ट के वकील ए उस्मानी को भी हिरासत में लिया है. इसके साथ ही 14 लोगों को भी टीम ने हिरासत में किया है. NIA और ATS की टीम ने कई जगह से अवैध हथियार और आपत्तिजनक लिट्रेचर बरामद किए हैं.
कार्रवाई को रखा गया गोपनीय: जानकारी के अनुसार एनआईए टीम दिल्ली में दर्ज एक FIR के कनेक्शन में जबलपुर पहुंची, जिसके बाद जबलपुर पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था के लिए साथ लेकर छापेमार कार्रवाई की गई. फिलहाल जांच में टेरर फंडिंग और युवाओं को बरगलाने का भी एंगल सामने आया है, कार्रवाई को आतंकियों को मिलने वाली टेरर फंडिंग से जोड़कर भी देखा जा रहा है. कार्रवाई में मकसूद कबाड़ी समेत एडवोकेट अहादुल्ला उस्मानी, उसके भाई ए उस्मानी, आशु उस्मानी, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद बिलाल के अलावा अजहर अली के बेटे मामूर सहित एक महिला को भी NIA ने हिरासत में लिया है.
हाल ही में एटीएस ने भोपाल से 10, छिंदवाड़ा से एक और हैदराबाद से 5 संदिग्ध आतंकियों को अपनी गिरफ्त में लिया था और ये सभी हिज़्ब उत तहरीर यानि HUT नाम के संगठन से जुड़े थे. जिसके बाद जबलपुर में हुई इस कार्रवाई को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि जबलपुर में हुई कार्रवाई को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया. अधिकारी कुछ भी बोलने से पूरी तरह कतराते रहे, इस कार्रवाई के दौरान हालात ऐसे बने कि जबलपुर के ओमती इलाके के क्षेत्र को 1 किलोमीटर तक सील कर दिया गया था, दोनों तरफ सख्त बैरिकेडिंग के साथ ही अधिकारियों की टीमें तैनात रही. बाहर जिला पुलिस का बल मुस्तैद रहा, तो अंदर एनआईए कार्रवाई करती रही.
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इस मामले की अब्दुल रज्जाक से जुड़े होने की संभावना: सूत्रों के मुताबिक एनआईए की टीम ने शहर के ओमती इलाके के अलावा सिंधी धर्मशाला इलाके के रहने वाले मकसूद कबाड़ी और पास ही रहने वाले एक डॉक्टर के रिश्तेदार, सिविल लाइंस में खान कोचिंग क्लासेस चलाने वाले संचालक के घर और अधारताल में भी छापे की कार्रवाई की है. हालांकि अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं. एनआईए की इस कार्रवाई को जबलपुर जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
कौन है अब्दुल रज्जाक: हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के घर पर साल 2021 में पुलिस ने छापा मारकर कई विदेशी हथियार बरामद किए थे, जिसके बाद लगातार उसके खिलाफ जांच चलती रही और नए-नए मुकदमे भी दर्ज होते रहे. इस बीच उसका बेटा सरताज दुबई भागने में कामयाब रहा. सूत्रों के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक का बेटा अब दुबई में रहकर अपनी गैंग ऑपरेट कर रहा है, अब्दुल रज्जाक के मामले में पुलिस को इस बात के पुख्ता सबूत मिले थे कि उसके भी कई आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं और उसे भी विदेशों से फंडिंग होती रही है.
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े थे सभी संदिग्ध: जानकारी के अनुसार जिन लोगों को एनआईए ने अपनी गिरफ्त में लिया है, वह किसी एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए थे. पकड़ाए गए 14 लोगों में सबसे ज्यादा चर्चा एडवोकेट ए उस्मानी की है, जो एडवोकेट उस्मानी मध्य प्रदेश बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य हैं. उस्मानी के परिवार के 2 अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया है, इसमें एक 17 साल का लड़का भी शामिल है. जानकारी के अनुसार ये एक व्हाट्सएप ग्रुप में चैटिंग करते थे, उसी को आधार बनाकर एनआईए ने छापामार कार्रवाई की है. सिविल लाइन इलाके में रहने वाले एडवोकेट नईम खान को भी एनआईए ने नोटिस दिया है और उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना जवाब देने का वक्त दिया है. वहीं घंटाघर के पास से एक परिवार के 2 लड़कों को एनआईए द्वारा उठाकर ले जाने की खबर है, इसी परिवार की तीन लड़कियों की भी सूचना नहीं मिल रही है.
इसी छापामार कार्रवाई में ओमती क्षेत्र में ही रहने वाले मोहम्मद शाहिद को भी एनआईए की टीम ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन सुबह उसे छोड़ दिया. मोहम्मद शाहिद सब्जी व्यापारी है, और उसकी मां अफसाना का कहना है कि वह ऐसे किसी काम में शामिल नहीं है, जिसके लिए पुलिस उसे हिरासत में ले. हालांकि अफसाना ने बताया कि मोहम्मद शाहिद के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं हुई. वहीं कानून के जानकारों का कहना है कि एनआईए किसी भी संदिग्ध को 15 दिनों तक रिमांड में रखकर पूछताछ कर सकती है.
पूछताछ कर 2 लोगों को पुलिस ने छोड़ा: फिलहाल पूरे मामले में जबलपुर पुलिस अधीक्षक तुषार कांत विद्यार्थी का कहना है कि "8 से 10 जगहों पर एनआईए और एटीएस की संयुक्त टीम ने मिलकर छापा मारा है, जिसमें कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं लेकिन इसके आगे की जानकारी एनआईए ही दे सकती है. पुलिस को केवल लॉ एंड ऑर्डर के लिए तैनात किया गया है, जिसका जबलपुर पुलिस पालन कर रही है." बहरहाल 18 घंटे तक चली इस कार्रवाई में एनआईए की टीम 12 लोगों को हिरासत में लेकर भोपाल निकली है, वहीं 2 लोगों को पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ दिया है.