नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत नाजुक है. वह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे हैं. वह दुबई के एक अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें कई दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. हालांकि, परिवार वालों ने वेंटिलेटर पर रखे जाने की खबरों को नकार दिया है. 78 वर्षीय मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. साल 1999 में नवाज शरीफ के शासन का तख्तापलट के बाद वह देश के 10वें राष्ट्रपति बने थे. महाभियोग से बचने के लिए उन्होंने 2008 में इस्तीफा दे दिया था.
मुशर्रफ मार्च 2016 में इलाज के लिए दुबई गए थे, इसके बाद से वह कभी पाकिस्तान नहीं लौटे. 17 दिसंबर, 2019 को एक स्पेशल बेंच ने मुशर्रफ को राजद्रोह के केस में मौत की सजा सुनाई थी. एक इंटरव्यू में मुशर्रफ ने कहा था कि वह अदालत का सम्मान करते हुए मामलों का सामना करने वापस जरूर आएंगे, लेकिन बाद में उन्होंने वापस लौटने से साफ इनकार कर दिया था. मार्च 2018 में पाकिस्तान कोर्ट के आदेश के बाद उनका पासपोर्ट और पहचान पत्र तक रद कर दिया गया था.
1999 में जब भारत ने कारगिल युद्ध जीता था, तब वह पाकिस्तानी सेना के प्रमुख थे. मुशर्रफ ने ही कारगिल में घुसपैठ की प्लानिंग की थी. कहा जाता है कि इस साजिश के बारे में खुद नवाज शरीफ को भी नहीं पता था. इसके बाद भी भारत ने परवेज मुशर्रफ के सैन्य शासन के दौरान कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू की थी. जुलाई 2001 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मुशर्रफ की आगरा में मुलाकात हुई थी. आगरा शिखर वार्ता में मुशर्रफ के अड़ियल रवैये के कारण कश्मीर का हल नहीं निकल सका था.