नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने ड्रोन के इस्तेमाल के लिए नई नीतियों की घोषणा कर दी है.नई ड्रोन नीति के तहत लाइसेंस जारी करने के पंजीकरण से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी. ड्रोन रूल्स 2021, यूएएस रूल्स 2021 की जगह लेगा जिसे 12 मार्च 2021 को जारी किया गया था. आइए जानते है ड्रोन नियम 2021 के तहत आने वाले नए नियम.
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज भारत सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा कर रही है ये ड्रोन पॉलिसी स्वयं में एक इतिहास रचेगी, भारत की 21वीं सदी की सोच और विचारधारा के लिए. हमारी सोच है एक इकोसिस्टम भारत में बने जिसके आधार पर एक क्रांति भारत में आए.
उन्होंने कहा कि इस क्रांति के 3 भाग हैं, जिसमें पहला भाग व्यापार करने में आसानी हो, दूसरा भाग है जिसमें सारे फिज़ूल की स्वीकृति को निकालना और तीसरे भाग व्यापार में प्रवेश बाधाओं को हटाना.
सिंधिया ने कहा कि देश की सुरक्षा के मद्देनज़र हमने 6 नियम बनाए हैं. आपके ड्रोन का आकार जो भी हो उसे रजिस्टर करना ज़रूरी है. सभी ड्रोन मालिकों को आधार और पासपोर्ट डिटेल देनी होगी. हमारी सुरक्षा एजेंसियों को डिजिटल स्काई प्लेटफार्म का डायरेक्ट एक्सेस दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि DGCA की संस्था किसी भी ड्रोन का निरीक्षण कर सकती है. अगर किसी राज्य को लगे कि सीमित समय के लिए किसी क्षेत्र को रेड ज़ोन में परिवर्तित करना है जहां फ्लाइंग अनुमति के बिना वर्जित है, तो राज्य उस क्षेत्र को 48 घंटे के लिए रेड ज़ोन में परिवर्तित कर सकता है.
जानें क्या हैं नए नियम?
- नए नियमों के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है, जिसमें अब भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियां शामिल हैं.
- ड्रोन के लिए किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है.
- अनुमतियों के लिए अपेक्षित शुल्क भी नाममात्र तक कम कर दिया गया है.
- सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा.
- अब यूनिक अधिकृत नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र ,मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकरण, रिमोट पायलट लाइसेंस, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन घटकों के लिए अनुमोदन समाप्त कर दिए गए हैं.
- नई राष्ट्रीय ड्रोन नीति के तहत, नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम दंड को घटाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है. हालांकि अन्य कानूनों के उल्लंघन के लिए लगाए गए दंड के लिए भी यह लागू नहीं है.
- व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी.
- ड्रोन के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.
- कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर भी विकसित किए जाएंगे.
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा.
- हवाई अड्डे की परिधि से यलो क्षेत्र को 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है.
- हवाई अड्डे की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है.
- सभी जोनों का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा, जिसमें ड्रोन के हस्तांतरण और पंजीकरण के लिए निर्धारित एक आसान प्रक्रिया होगी.
- नई ड्रोन नीति का उद्देश्य भारत में मौजूदा ड्रोनों को नियमित करना है.
- सभी ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी.
- डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा.
- 'नो परमिशन - नो टेक-ऑफ (एनपीएनटी)' रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग और इसी तरह की सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा.
- अनुपालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा.