नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. सांस लेने में लोगों को प्रॉब्लम हो रही है. दिल्ली के चारों तरफ धुंध की चादर फैली है. दिल्ली में आज सांस लेना दुश्वार हो गया है. एक तरफ लेवल 400 के पार पहुंच गया है. तो अधिकतर इलाकों में 450 के आसपास AQI लेवल बना हुआ है. वहीं, AQI लेवल बढ़ने के साथ दिल्ली में राजनीति शुरू हो गई है. दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा इंडिया गेट कर्तव्य पथ पर पहुंचे. इस दौरान वह चेहरे पर मास्क लगाए हुए नजर आए. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता मुमताज पटेल भी चेहरे पर मास्क लगाकर इंडिया गेट पहुंचीं.
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कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने किया कहा
कांग्रेस नेता मुमताज पटेल कहती हैं, "दिल्ली की AAP सरकार और केंद्र सरकार के बीच मतभेद और आरोप-प्रत्यारोप का खेल दिल्ली के लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है. जब आप सरकार दिल्ली में सत्ता में आई थी, तब वे कहते थे कि अगर पंजाब में आप सरकार आएगी तो वे पराली जलाने की समस्या का समाधान करेंगे. आप सरकार सिर्फ़ लोगों को बेवकूफ़ बनाने की कोशिश कर रही है. वे कोई काम नहीं कर रहे हैं...जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तब हरियाली ज़्यादा थी..."
#WATCH | Delhi | Congress leader Mumtaz Patel says, " the rift and blame game between delhi's aap government and the central government is creating problems for the people of delhi. when aap government came to power in delhi, they used to say that they would resolve the issue of… pic.twitter.com/MtbTSRKLRb
— ANI (@ANI) November 14, 2024
वीरेंद्र सचदेवा ने किया कहा
वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बिगड़ते वायु प्रदूषण पर कहा, "हम कर्तव्य पथ पर खड़े हैं और यहां AQI 474 है... हम यह भी नहीं बता सकते कि इंडिया गेट किस तरफ है. सरकार की अक्षमता इसका कारण है... यह सरकार केवल इवेंट मैनेजमेंट में लगी हुई है. क्या उन्होंने पिछले 10 सालों में दिल्ली के लिए कोई पर्यावरण योजना बनाई है?... इस मौसम में PM 2.5 सबसे बड़ा कारण है और यह धूल के कारण होता है. दिल्ली की सड़कें क्षतिग्रस्त हैं... सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि 3100 टन CNG कचरा बिना उपचार के निकल रहा है... उनके पास इसे उपचारित करने का कोई माध्यम नहीं है... पंजाब में पराली जलाना और PM 2.5 दिल्ली में प्रदूषण का कारण है... स्कूली छात्रों के लिए छुट्टियां घोषित की जानी चाहिए और लोगों को सुबह की सैर पर न जाने की सलाह दी जानी चाहिए..."
#WATCH | Delhi: On the deteriorating air pollution, Delhi BJP President Virendraa Sachdeva says, " we are standing at the kartavya path and the aqi here is 474... we cannot even tell which way is the india gate. the inefficiency of the arvind kejriwal government is the reason...… pic.twitter.com/0pdaQPLB5X
— ANI (@ANI) November 14, 2024
बढ़ता प्रदूषण गंभीर मसला
बढ़ते प्रदूषण के बीच इंडिया गेट पर पहुंचे दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 474 AQI है अभी कर्तव्य पथ का जबकि सूरज निकल चुका है. आप समझ लें कि दिल्ली की स्थिति बदतर क्यों होती जा रही है. दिल्ली की हवा खराब इसलिए हो रही है कि क्योंकि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कभी भी ठोस नीति से काम किया नहीं. इनके पास कोई नीति नहीं है. पिछले 10 सालों में एक भी एनवायरमेंटल प्लान इन्होंने पेश नहीं किया.
दिल्ली की जनता के सामने दिल्ली में आज जो प्रदूषण की स्थिति है. वह एक दिन का नहीं है, पूरे महीने का प्रॉब्लम है. आज तक AQI 50 से नीचे नहीं गया. अगर आपको डस्ट पॉल्यूशन से निजात पाना है, तो ठोस नीति बनाकर काम करना होगा. ना तो यह प्रदूषण रोक पा रहे हैं ना यह सड़के बना रहे. ना गार्बेज को डिस्पोज कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इनको फटकार भी लगाई है. दिल्ली में एयर पॉल्यूशन पंजाब के परली का धुआं अरविंद केजरीवाल का था लेकिन इसमें वह फेल हुए क्योंकि सिर्फ उनको भ्रष्टाचारी और चोरी करनी आती है.
इस बीच आज सुबह इंडिया गेट पहुंची कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने कहा कि बहुत ही ज्यादा बुरा हाल है. मैं यही कहना चाहूंगी कि मैं ब्लेम भी नहीं करना चाहती. लेकिन जाहिर है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बड़ी-बड़ी बातें करके सत्ता में आई थी. प्रदूषण के बारे में उनकी जिम्मेदारी बनती है. क्योंकि आज जिस स्टेट को आप पंजाब की वजह से खराब होता कह रहे थे. कि उनकी वजह से हो रहा है. आज AAP की सरकार वहां पर है, जब वक्त आता है जब डेंजर लेवल पर पॉल्यूशन लेवल पहुंच जाता है.
उन्होंने कहा कि गाड़ी बंद कर देंगे, स्कूल बंद हो जाएंगे, अब तो हफ्तों तक ऐसा हो रहा है. यह कोई तरीका नहीं है. आपको कोई सॉल्यूशन तो ढूंढना पड़ेगा. जब हमारी कांग्रेस की सरकार थी यहां पर तो आपने देखा था कि ग्रीन कर कितना बढ़ चुका था. केरोसिन बंद किया था. फ्री सिलेंडर दिए थे. सीएनजी लेकर आए थे उस वक्त, आज आप देखिए सड़कों पर हालात क्या हैं. एक सिस्टम होना चाहिए एक तरीके से आपको प्लानिंग करनी चाहिए कोई कमेटी ही बनती जाती है. डिसीजन ही लिए जाते हैं. इंप्लीमेंटेशन कुछ नहीं होता है.
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