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MP Election 2023 : एमपी के मतदाता भाजपा से नाराज, वोटिंग के माध्यम से रखेंगे अपनी बात : कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह - जितेंद्र सिंह

मध्य प्रदेश चुनाव 2023 (MP Election 2023) के लिए कांग्रेस रणनीति बनाने में जुटी है. उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग की तैयारी है. एमपी एआईसीसी स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन जितेंद्र सिंह जल्द ही भोपाल जाएंगे. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Jitendra Singh
एमपी एआईसीसी स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन जितेंद्र सिंह
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 7:00 PM IST

नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश के मतदाता भाजपा से नाराज हैं. वे मतपत्र के माध्यम से अपनी बात रखेंगे (MP Election 2023).

एमपी एआईसीसी स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'एमपी के मतदाता भाजपा से नाराज हैं, जिसने 2020 में हमारी सरकार छीन ली. 2018 के चुनावों में जनादेश कमल नाथ सरकार के लिए था जिसने सत्ता में अपने छोटे कार्यकाल के दौरान कुछ अच्छे काम किए. इसके बाद बीजेपी ने हमारी पार्टी में दलबदल कराया, जिसके कारण 2020 में कांग्रेस सरकार गिर गई. उस घटना के कारण एमपी के मतदाताओं में बीजेपी विरोधी भावना प्रबल है और वे मतपत्र के माध्यम से अपने मन की बात कहेंगे.'

उन्होंने कहा कि 'मध्य प्रदेश भाजपा घबरा गई है क्योंकि उसे चुनाव में अपनी हार का एहसास हो गया है और इसलिए वह हमारी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ 41 एफआईआर दर्ज करने जैसी तुच्छ राजनीति का सहारा ले रही है, जो राज्य सरकार में भ्रष्टाचार को उजागर कर रही हैं. वे भ्रष्टाचार के जरिए सत्ता में आए और बाद में और अधिक भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज तीन नए मंत्रियों को शामिल करने का कदम उसी घबराहट का प्रतिबिंब है. जब चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं तो इस तरह की प्रतीकात्मकता से भाजपा को कोई मदद नहीं मिलने वाली है.'

एआईसीसी पदाधिकारी ने दावा किया कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता में वापस आने जा रही है. उन्होंने कहा कि टिकट वितरण पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

उन्होंने कहा कि 'मैं सभी 230 विधानसभा सीटों की समीक्षा के लिए 2 सितंबर से पांच दिनों तक भोपाल में रहूंगा. हमारी जीत और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा निर्धारित 150 सीटों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए टिकट वितरण महत्वपूर्ण होगा. इसलिए, मैं प्रत्येक सीट पर कार्यकर्ताओं और नेताओं के एक वर्ग से फीडबैक प्राप्त करूंगा. टिकट हमारे मौजूदा विधायकों को स्वचालित रूप से नहीं मिलेंगे और पुनर्नामांकन केवल विधायकों के प्रदर्शन के आधार पर होगा.'

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि हालांकि पार्टी नेताओं द्वारा सबसे उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए कई सर्वेक्षण किए जा रहे हैं, लेकिन संभावित टिकट चाहने वालों की जीत मध्य प्रदेश में निर्णायक कारक होगी.

सिंह ने कहा कि 'हमारे नेता राहुल गांधी के दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिक युवा नेताओं और महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर हमेशा ध्यान केंद्रित रहेगा. यदि किसी सीट पर दो बहुत अच्छे उम्मीदवार हैं तो युवा चेहरे को प्राथमिकता दी जाएगी.'

स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख ने स्वीकार किया कि मध्य प्रदेश में टिकट चाहने वालों की भीड़ है. लेकिन राज्य इकाई द्वारा सुझाए गए नामों की सूची संतुलित प्रतीत होती है.

सिंह ने कहा कि 'पिछले कुछ दिनों में लगभग 500 लोग मुझसे यह दावा करने के लिए मिले हैं कि उन्हें टिकट मिलना चाहिए. चुनाव के समय ऐसी चीजें होती हैं और इससे पता चलता है कि कांग्रेस में टिकटों के लिए होड़ मची है.'

उन्होंने कहा कि 'राज्य इकाई ने भी अपने सुझाव भेजे हैं और मैं उनकी सूची से यह समझ सकता हूं कि यह काफी संतुलित है. सुझावों में पर्याप्त सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व है. बेशक, जातिगत समीकरणों को भी संतुलित करने की जरूरत है, लेकिन मेरा मुख्य मानदंड टिकट के इच्छुक की जीतने की क्षमता होगी.'

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नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश के मतदाता भाजपा से नाराज हैं. वे मतपत्र के माध्यम से अपनी बात रखेंगे (MP Election 2023).

एमपी एआईसीसी स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'एमपी के मतदाता भाजपा से नाराज हैं, जिसने 2020 में हमारी सरकार छीन ली. 2018 के चुनावों में जनादेश कमल नाथ सरकार के लिए था जिसने सत्ता में अपने छोटे कार्यकाल के दौरान कुछ अच्छे काम किए. इसके बाद बीजेपी ने हमारी पार्टी में दलबदल कराया, जिसके कारण 2020 में कांग्रेस सरकार गिर गई. उस घटना के कारण एमपी के मतदाताओं में बीजेपी विरोधी भावना प्रबल है और वे मतपत्र के माध्यम से अपने मन की बात कहेंगे.'

उन्होंने कहा कि 'मध्य प्रदेश भाजपा घबरा गई है क्योंकि उसे चुनाव में अपनी हार का एहसास हो गया है और इसलिए वह हमारी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ 41 एफआईआर दर्ज करने जैसी तुच्छ राजनीति का सहारा ले रही है, जो राज्य सरकार में भ्रष्टाचार को उजागर कर रही हैं. वे भ्रष्टाचार के जरिए सत्ता में आए और बाद में और अधिक भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज तीन नए मंत्रियों को शामिल करने का कदम उसी घबराहट का प्रतिबिंब है. जब चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं तो इस तरह की प्रतीकात्मकता से भाजपा को कोई मदद नहीं मिलने वाली है.'

एआईसीसी पदाधिकारी ने दावा किया कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता में वापस आने जा रही है. उन्होंने कहा कि टिकट वितरण पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

उन्होंने कहा कि 'मैं सभी 230 विधानसभा सीटों की समीक्षा के लिए 2 सितंबर से पांच दिनों तक भोपाल में रहूंगा. हमारी जीत और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा निर्धारित 150 सीटों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए टिकट वितरण महत्वपूर्ण होगा. इसलिए, मैं प्रत्येक सीट पर कार्यकर्ताओं और नेताओं के एक वर्ग से फीडबैक प्राप्त करूंगा. टिकट हमारे मौजूदा विधायकों को स्वचालित रूप से नहीं मिलेंगे और पुनर्नामांकन केवल विधायकों के प्रदर्शन के आधार पर होगा.'

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि हालांकि पार्टी नेताओं द्वारा सबसे उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए कई सर्वेक्षण किए जा रहे हैं, लेकिन संभावित टिकट चाहने वालों की जीत मध्य प्रदेश में निर्णायक कारक होगी.

सिंह ने कहा कि 'हमारे नेता राहुल गांधी के दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिक युवा नेताओं और महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर हमेशा ध्यान केंद्रित रहेगा. यदि किसी सीट पर दो बहुत अच्छे उम्मीदवार हैं तो युवा चेहरे को प्राथमिकता दी जाएगी.'

स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख ने स्वीकार किया कि मध्य प्रदेश में टिकट चाहने वालों की भीड़ है. लेकिन राज्य इकाई द्वारा सुझाए गए नामों की सूची संतुलित प्रतीत होती है.

सिंह ने कहा कि 'पिछले कुछ दिनों में लगभग 500 लोग मुझसे यह दावा करने के लिए मिले हैं कि उन्हें टिकट मिलना चाहिए. चुनाव के समय ऐसी चीजें होती हैं और इससे पता चलता है कि कांग्रेस में टिकटों के लिए होड़ मची है.'

उन्होंने कहा कि 'राज्य इकाई ने भी अपने सुझाव भेजे हैं और मैं उनकी सूची से यह समझ सकता हूं कि यह काफी संतुलित है. सुझावों में पर्याप्त सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व है. बेशक, जातिगत समीकरणों को भी संतुलित करने की जरूरत है, लेकिन मेरा मुख्य मानदंड टिकट के इच्छुक की जीतने की क्षमता होगी.'

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