भोपाल (पीटीआई)। सीधी जिले में बीजेपी नेता द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब करने के मामले सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. यह मामला बहुत बड़ा बन गया है. प्रशासन द्वारा आरोपी बीजेपी नेता के घर पर बुलडोजर चलने के बाद कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग की है. कांग्रेस ने यह भी मांग की कि अन्य मामलों में राज्य सरकार द्वारा की गई इसी तरह की कार्रवाई की तरह आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त कर दिया जाए.
कांतिलाल भूरिया ने लगाया आरोप: भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने दावा किया कि वीडियो कुछ महीने पुराना है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला ने पीड़ित से एक शपथ पत्र भरवाया है कि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने बुधवार को शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारी ने बताया कि "आरोपियों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई शुरू की जा रही है".
कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग: कांतिलाल भूरिया कहा, कि "सीधी में हुई घटना आदिवासी समुदाय का अपमान है. राज्य सरकार को मामले की जांच सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को सौंप देनी चाहिए और मामले की सुनवाई गैर-भाजपा राज्यों की अदालत में होनी चाहिए." उन्होंने मांग की कि पीड़ित परिवार को दो करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए. भूरिया ने आरोप लगाया है कि ‘‘ यह वीडियो कुछ महीने पुराना बताया जा रहा है, लेकिन पीड़ित आरोपी भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला से इतना डरा हुआ था कि महीनों बाद भी पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा सका. साथ ही आरोपी ने एक शपथ पत्र भी ले लिया जिसमें पीड़ित ने कहा कि उसके (शुक्ला के) खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए." उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि भाजपा के विधायक और उनके प्रतिनिधि स्थानीय गुंडों की तरह काम कर रहे हैं."
आरोपी के शीर्ष नेताओं से संबंध: कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने यह भी दावा किया कि आरोपी के भाजपा के शीर्ष नेताओं से संबंध है और सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें सामने आई हैं. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के इस आरोप से इनकार किया था कि आरोपी भगवा पार्टी से जुड़ा था. अधिकारी ने मंगलवार को बताया था कि "आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 294 एवं 504 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है." उन्होंने बताया कि इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई शुरू की गई है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा ऐसे लोग पार्टी के नहीं: बता दें जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से जब पूछा गया कि क्या आरोपी उनका प्रतिनिधि है तो उन्होंने जवाब दिया था कि ‘‘ऐसे लोग किसी पार्टी के नहीं हैं, जब विशेष रूप से पूछा गया कि क्या उन्हें पार्टी से हटा दिया गया है. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि आरोपी प्रवेश शुक्ला सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि है लेकिन संपर्क करने पर विधायक ने इससे इनकार किया. केदारनाथ शुक्ला ने कहा, ‘‘ आरोपी मेरा प्रतिनिधि नहीं है. मुझे नहीं पता कि पीड़िता आदिवासी है या नहीं लेकिन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.’’