ETV Bharat / bharat

MP Urinating Case: सीधी पेशाब कांड के आरोपी पर कसा कानून का शिकंजा, 6 महीने जेल से बाहर नहीं आ सकेगा प्रवेश शुक्ला

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित सीधी पेशाब कांड में आरोपी बनाए गए प्रवेश शुक्ला को लेकर लाेग सवाल उठा रहे हैं, उसे बचाने के लिए मामूली धाराएं लगाई गई हैं और वह जल्द जेल से बाहर होगा. ईटीवी भारत ने पूरे घटनाक्रम को दाेबारा स्कैन किया और कानून के जानकारों से बात की तो स्पष्ट हुआ, कम से कम 6 महीने बेल नहीं मिलेगी.

sidhi urinating case
शिकंजे में प्रवेश
author img

By

Published : Jul 6, 2023, 8:25 PM IST

Updated : Jul 6, 2023, 8:53 PM IST

भोपाल। सीधी पेशाब कांड के आरेापी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ कुल पांच धाराएं लगाई गई हैं. इनमें 294, 506, 3(1)(A), 3(1)(R)(S) यानी एससी/एसटी एक्ट और एनएसए (National Security Act (India) प्रमुख है. इनमें से दो धाराएं यानी 294 और 506 में थाने से ही जमानत हो जाएगी, क्योंकि यह जमानती धाराएं हैं, लेकिन बाकी के मामले में जमानत मिलना मुश्किल है. इस मामले में क्रिमिनल मामलों के दो एडवोकेट से बात हुई. दोनों ही हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. इनमें पहला नाम अनुराग माहेश्वरी और दूसरा सौरभ श्रीवास्तव का है. दोनों से ईटीवी भारत की सभी धाराओं पर विस्तार से बातचीत हुई.

pravesh shukla news
प्रवेश शुक्ला पर केस दर्ज

वकीलों से जानिए प्रवेश शुक्ला पर क्या होगी कार्रवाई: एडवोकेट अनुराग माहेश्वरी का साफ कहना है कि "दो धाराओं को छोड़कर बाकी तीनों गैर जमानती हैं. केवल कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है कि आरोपी को जमानत दी जाए या नहीं. ऐसे में मुश्किल यह होगी कि आरोपी के लिए किसी भी स्तर पर जमानत लेना मुश्किल हो जाएगा." वहीं एडवोकेट सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि "इस मामले में कम से कम 6 महीने तक आरोपी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा, क्योंकि एसटी-एससी एक्ट के साथ NSA गैर जमानती है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में जब एससी-एसटी एक्ट के मामले जाते हैं तो अब जमानत मिल जाती है. इसमें तर्क यह दिया जाता है कि आरोपी को पता नहीं था कि सामने वाला किस वर्ग का है. भावावेश में झगड़ा हो गया और अपमानित कर दिया, लेकिन यह मामला अलग है. इसमें अब तक जो कहानी सामने आई, उसके अनुसार आरोपी को पता था कि दशमत रावत (पीड़ित) किस वर्ग से आता है. उसकी जाति कौल है, यह भी आरोपी को स्पष्ट था. ऐसे मामले में एससी-एसटी एक्ट में जमानत मिलना बेहद मुश्किल है. इस एक्ट में कम से कम 6 महीने तक और फिर 5 साल तक की सजा व जुर्माना दोनों लगता है.

Pravesh Shukla Twitter
प्रवेश शुक्ला का ट्विटर

NSA के तहत कितनी होगी सजा: जबकि NSA के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 3 महीने तक जेल में रखा जा सकता है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसे 3-3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन किसी भी हालत में 12 महीने से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता है, लेकिन जब एमपी के संदर्भ में बात करें तो यहां NSA को काफी पॉवरफुल कर दिया गया है. NSA को लेकर कोर्ट भी सख्त है और 6 महीने से पहले किसी भी मामले में जमानत नहीं मिलती है.

MP Urinating Case
रीवा आईजी ने दी धाराओं की जानकारी

क्या है मामला: मध्यप्रदेश के सीधी में एक आदिवासी युवक के ऊपर बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा पेशाब करने का वीडियो दो दिन पहले सामने आया. इस वीडियो में दिखाई दे रहा युवक सीधी जिले के कुबरी निवासी प्रवेश कुमार शुक्ला है. हाथ में सिगरेट का कश लगाते हुए प्रवेश आदिवासी युवक दशमत पर पेशाब कर रहा था. वीडियो वायरल होने के बाद भोपाल से दिल्ली तक भाजपा सरकार हिल गई. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बीते 48 घंटे से इस मामले से जुड़ा कोई न कोई वर्ड ट्रेंडिंग में चल रहा है. वीडियो में सीधी विधानसभा क्षेत्र के विधायक केदार शुक्ला के विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला सीधी के ही दशमत रावत नामक व्यक्ति पर शराब के नशे में पेशाब करते दिखाई दे रहा है. वीडियो सामने आने के बाद हंगामा मचा, लेकिन मामला तब और बिगड़ गया, जब विधायक केदार शुक्ला ने प्रवेश को अपना प्रतिनिधि मानने से इंकार कर दिया, क्योंकि प्रवेश शुक्ला सीधी विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि है. इसके ढेरों प्रमाण सोशल मीडिया से लेकर दूसरे माध्यमों से सामने आ गए.

sidhi urinating case
विधायक केदार शुक्ला के साथ प्रवेश शुक्ला

यहां पढ़ें...

pravesh shukla news
जानिए सीधी पेशाब कांड

कांग्रेस ने भुनाया मुद्दा तो शिवराज ने किया डैमेज कंट्रोल: वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया और पूरे प्रदेश में आदिवासी प्रताड़ना का मुद्दा बनाकर भाजपा की घेराबंदी कर दी. इस मामले में सरकार ने आनन-फानन में आरोपी की गिरफ्तारी की और उसके खिलाफ गंभीर धारा लगाकर उसे रीवा केंद्रीय जेल भेज दिया, लेकिन कांग्रेस के नेता अब भी दशमत रावत के परिजनों के साथ धरने पर डटे हैं. हालांकि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए दशमत रावत को भोपाल बुलाया और उसके पैर धोकर माफी मांगी. साथ में भोजन किया और उसका सम्मान किया.

MP Urinating Case
तस्वीर में नरोत्तम मिश्रा के साथ प्रवेश शुक्ला

प्रवेश शुक्ला और उसकी भाजपा राजनीति: सीधी विधायक केदार शुक्ला भले ही कहें कि उनका प्रवेश शुक्ला से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन अब तक सामने आए रिकार्ड कुछ और कह रहा है. मिली जानकारी के अनुसार प्रवेश शुक्ला भाजयुमो के कुचवाही मंडल का उपाध्यक्ष रह चुका है. वो केदार शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि रह चुका है और इसकी खबरें उस समय के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी. इसके अलावा प्रवेश शुक्ला के फोटो कई बड़े नेताओं के साथ हैं. इनमें गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर दूसरे बड़े नेता भी शामिल हैं.

भोपाल। सीधी पेशाब कांड के आरेापी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ कुल पांच धाराएं लगाई गई हैं. इनमें 294, 506, 3(1)(A), 3(1)(R)(S) यानी एससी/एसटी एक्ट और एनएसए (National Security Act (India) प्रमुख है. इनमें से दो धाराएं यानी 294 और 506 में थाने से ही जमानत हो जाएगी, क्योंकि यह जमानती धाराएं हैं, लेकिन बाकी के मामले में जमानत मिलना मुश्किल है. इस मामले में क्रिमिनल मामलों के दो एडवोकेट से बात हुई. दोनों ही हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. इनमें पहला नाम अनुराग माहेश्वरी और दूसरा सौरभ श्रीवास्तव का है. दोनों से ईटीवी भारत की सभी धाराओं पर विस्तार से बातचीत हुई.

pravesh shukla news
प्रवेश शुक्ला पर केस दर्ज

वकीलों से जानिए प्रवेश शुक्ला पर क्या होगी कार्रवाई: एडवोकेट अनुराग माहेश्वरी का साफ कहना है कि "दो धाराओं को छोड़कर बाकी तीनों गैर जमानती हैं. केवल कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है कि आरोपी को जमानत दी जाए या नहीं. ऐसे में मुश्किल यह होगी कि आरोपी के लिए किसी भी स्तर पर जमानत लेना मुश्किल हो जाएगा." वहीं एडवोकेट सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि "इस मामले में कम से कम 6 महीने तक आरोपी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा, क्योंकि एसटी-एससी एक्ट के साथ NSA गैर जमानती है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में जब एससी-एसटी एक्ट के मामले जाते हैं तो अब जमानत मिल जाती है. इसमें तर्क यह दिया जाता है कि आरोपी को पता नहीं था कि सामने वाला किस वर्ग का है. भावावेश में झगड़ा हो गया और अपमानित कर दिया, लेकिन यह मामला अलग है. इसमें अब तक जो कहानी सामने आई, उसके अनुसार आरोपी को पता था कि दशमत रावत (पीड़ित) किस वर्ग से आता है. उसकी जाति कौल है, यह भी आरोपी को स्पष्ट था. ऐसे मामले में एससी-एसटी एक्ट में जमानत मिलना बेहद मुश्किल है. इस एक्ट में कम से कम 6 महीने तक और फिर 5 साल तक की सजा व जुर्माना दोनों लगता है.

Pravesh Shukla Twitter
प्रवेश शुक्ला का ट्विटर

NSA के तहत कितनी होगी सजा: जबकि NSA के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 3 महीने तक जेल में रखा जा सकता है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसे 3-3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन किसी भी हालत में 12 महीने से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता है, लेकिन जब एमपी के संदर्भ में बात करें तो यहां NSA को काफी पॉवरफुल कर दिया गया है. NSA को लेकर कोर्ट भी सख्त है और 6 महीने से पहले किसी भी मामले में जमानत नहीं मिलती है.

MP Urinating Case
रीवा आईजी ने दी धाराओं की जानकारी

क्या है मामला: मध्यप्रदेश के सीधी में एक आदिवासी युवक के ऊपर बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा पेशाब करने का वीडियो दो दिन पहले सामने आया. इस वीडियो में दिखाई दे रहा युवक सीधी जिले के कुबरी निवासी प्रवेश कुमार शुक्ला है. हाथ में सिगरेट का कश लगाते हुए प्रवेश आदिवासी युवक दशमत पर पेशाब कर रहा था. वीडियो वायरल होने के बाद भोपाल से दिल्ली तक भाजपा सरकार हिल गई. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बीते 48 घंटे से इस मामले से जुड़ा कोई न कोई वर्ड ट्रेंडिंग में चल रहा है. वीडियो में सीधी विधानसभा क्षेत्र के विधायक केदार शुक्ला के विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला सीधी के ही दशमत रावत नामक व्यक्ति पर शराब के नशे में पेशाब करते दिखाई दे रहा है. वीडियो सामने आने के बाद हंगामा मचा, लेकिन मामला तब और बिगड़ गया, जब विधायक केदार शुक्ला ने प्रवेश को अपना प्रतिनिधि मानने से इंकार कर दिया, क्योंकि प्रवेश शुक्ला सीधी विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि है. इसके ढेरों प्रमाण सोशल मीडिया से लेकर दूसरे माध्यमों से सामने आ गए.

sidhi urinating case
विधायक केदार शुक्ला के साथ प्रवेश शुक्ला

यहां पढ़ें...

pravesh shukla news
जानिए सीधी पेशाब कांड

कांग्रेस ने भुनाया मुद्दा तो शिवराज ने किया डैमेज कंट्रोल: वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया और पूरे प्रदेश में आदिवासी प्रताड़ना का मुद्दा बनाकर भाजपा की घेराबंदी कर दी. इस मामले में सरकार ने आनन-फानन में आरोपी की गिरफ्तारी की और उसके खिलाफ गंभीर धारा लगाकर उसे रीवा केंद्रीय जेल भेज दिया, लेकिन कांग्रेस के नेता अब भी दशमत रावत के परिजनों के साथ धरने पर डटे हैं. हालांकि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए दशमत रावत को भोपाल बुलाया और उसके पैर धोकर माफी मांगी. साथ में भोजन किया और उसका सम्मान किया.

MP Urinating Case
तस्वीर में नरोत्तम मिश्रा के साथ प्रवेश शुक्ला

प्रवेश शुक्ला और उसकी भाजपा राजनीति: सीधी विधायक केदार शुक्ला भले ही कहें कि उनका प्रवेश शुक्ला से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन अब तक सामने आए रिकार्ड कुछ और कह रहा है. मिली जानकारी के अनुसार प्रवेश शुक्ला भाजयुमो के कुचवाही मंडल का उपाध्यक्ष रह चुका है. वो केदार शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि रह चुका है और इसकी खबरें उस समय के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी. इसके अलावा प्रवेश शुक्ला के फोटो कई बड़े नेताओं के साथ हैं. इनमें गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर दूसरे बड़े नेता भी शामिल हैं.

Last Updated : Jul 6, 2023, 8:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.