सिंगरौली। एमपी को वैसे ही अजब गजब नहीं कहा जाता है, यहां कारनामे भी अजब गजब तरीके के होते हैं. सिंगरौली में एक पंचायत सचिव की तीन पत्नियां है और तीनों पंचायत चुनाव लड़ रही हैं. जब तीनों पत्नियां नामांकन दाखिल करने पहुंची तो लोग हैरान रह गए. क्योकि पंचायत सचिव की तीनों पत्नियां एक साथ चुनावी रण में उतरी हैं. दो पत्नियां तो सरपंच पद के लिए आमने-सामने ही मैदान में हैं, जबकि तीसरी पत्नी जनपद सदस्य के लिए चुनाव में नामांकन दाखिल किया
इसमें किसी पत्नी को शिकायत नहीं है, अगर कोई शिकायत होती तो जरूर कार्यवाही की जाती. लेकिन किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है.
- आकाश सिंह, एसडीएम देवसर
सचिव की तीनों पत्नियां लड़ रहीं चुनाव: सिंगरौली की जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत घोंघरा पंचायत के सचिव सुखराम सिंह की तीन पत्नियां है. सुखराम ने अपनी पहली पत्नी को देवसर जनपद सदस्य के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कराया है, तो वहीं दूसरी पत्नी कुसुमकली व गीता सिंह को अलग-अलग ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल कराया है. अब इस मामले में एक नया मोड़ तब आ गया, जब जनपद सीईओ बिके सिंह ने हिन्दू अधिनियम के विरुद्ध जाकर तीनों को दस्तावेज में पत्नी बताने को लेकर नोटिस थमा दिया. हालांकि अभी तक नामांकन खारिज नहीं किया गया है. जिसने रिटर्निंग अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है.
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अलग-अलग घरों में रहती हैं तीनों: आशिक मिजाज पंचायत सचिव सुखराम सिंह की पहली शादी 30 वर्ष पूर्व कुसुम कली सिंह से हुई थी. उसके बाद 10 साल पहले उसने गीता सिंह से दूसरी शादी की थी. जबकि तीसरी शादी उर्मिला सिंह से 2 साल पहले की है. जानकारी के अनुसार तीनों पत्नियां एक ही गांव में अलग-अलग घरों में रहती हैं.