भोपाल। अरेरा हिल्स पर जब शाम को सन्नाटा होता है, उसके कुछ देर पहले अचानक फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के सायरन गूंजने लगते हैं, किसी को कुछ समझ नहीं आया कि हुआ क्या. अचानक एक खबर आग की तरह फैल गई कि सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर आग लग गई. शुरूआत में बताया गया कि यह आग शाम 4 बजे लगी, लेकिन हकीकत यह है कि आग दोपहर 2.40 बजे ही लग गई थी. सतपुड़ा के ठीक पास में अपना चाउमिन का ठेला लगाने वाले राजेश मिश्रा ने बताया कि आग की खबर मुझे 2.50 बजे मिली कि सतपुड़ा में आग लग गई. हम लोग गए तो वहां से लोगों को निकाला जा रहा था. अभी मिश्रा की बात पूरी भी नहीं हुई कि उनके बगल में खड़ा सतवंत बोला कि "भैया इन लोगों को लगा कि हम ही बुझा लेंगे, इसलिए ध्यान नहीं दिया. वरना तो आग बुझ जाती, क्योंकि 500 मीटर दूर फायर स्टेशन जो है." दरअसल सतपुड़ा के सामने और विंध्याचल भवन के पास ही मप्र पुलिस का फायर स्टेशन बना हुआ है, यहां एक समय में दो से तीन गाड़ियां मौजूद रहती हैं, लेकिन इन्हें भी नहीं बुलाया गया. जब तक फायर की गाड़ियां आई आग बेकाबू हो गई.
सबसे अधिक नुकसान स्वास्थ्य विभाग का हुआ: सतपुड़ा भवन की जिस विंग में आग लगी, उसकी तीसरी मंजिल से छटवी मंजिल केवल तीन ही विभाग के दफ्तार थे. तीनों मंजिल स्वास्थ्य विभाग के अलावा आदिम जाति कल्याण और परिवहन का ऑफिस था, यानी सबसे अधिक नुकसान स्वास्थ्य विभाग का हुआ. कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़ अफसरों में से कुछ की ईओडल्ब्यू और लोकायुक्त जांच के दस्तावेज थे, जो जल गए हैं, लेकिन पुख्ता तौर पर यह बात नहीं कही गई है.
80 टैंकर और 22 दमकलें मिलकर बुझा रहे थे आग: मौके पर करीब 80 टैंकर लगे हुए थे, जो 22 से अधिक दमकलों को यानी फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पानी सप्लाई कर रही थे. वहीं 1000 से अधिक कर्मचारी और अफसर मौके पर तैनात थे. रात 2 बजे तक कर्मचारी थकने लगे थे, हाल यह था कि पाइप पकड़ना मुश्किल हो रहा था. आधी रात को भी बिल्डिंग से लपटें और धुआं उठता दिख रहा था. मौके पर भोपाल के अलावा रायसेन, औबेदुल्लागंज, बैरागढ़ आदि की गाड़ियां आ गई थी. उद्यान विभाग के टैंकर भी बुला लिए गए थे, जबकि इंदौर से भी गाड़ी बुलाने की खबर थी.
आधी रात को बताया कि हैलीकॉप्टर नहीं आएंगे: आग बुझाने की कोशिशें सफल नहीं होते देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एयरफोर्स की मदद मांगी. बताया गया कि रात में ही AN 32 विमान और MI-15 हेलिकॉप्टर यहां पहुंचेंगे, जो आग बुझाने में मदद करेंगे. लेकिन रात 2 बजे तक दोनों में से कोई नहीं पहुंचा, मामले में जब पुलिस कमिश्नर से बात की तो जवाब मिला कि "फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है." वहीं भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि "आग ऊपर की मंजिलों में थी और वहां पर ज्वलनशील सामग्री थी, इसलिए इतना समय लग गया."