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PM आवास के तहत बनाए गए मकानों में लोगों को रूचि नहीं, MP में नहीं मिल रहे खरीददार

एक तरफ मध्य प्रदेश को झुग्गी मुक्त प्रदेश बनाने के दावे हो रहे हैं तो दूसरी तरफ शहरों में झुग्गियां लगातार बन रही हैं. सरकारी जमीन देखते ही रातों रात झुग्गियां बन रही हैं. इधर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकानों को खरीदने में लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं.

Pradhan Mantri Awas Yojana
मप्र में नही मिल रहे खरीददार
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Published : May 17, 2023, 6:41 AM IST

Updated : May 17, 2023, 11:25 AM IST

प्रधानमंत्री आवास को लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने

भोपाल। सरकार गरीबों को मुफ्त मकान बना कर दे रही हैं, तो वहीं 'हाउसिंग फॉर ऑल' के लिए पीएम आवास के तहत बनाए जा रहे मकानों के लिए खरीददार नहीं मिल रहें. ये आवास वर्षों पहले से बनकर तैयार हैं, इनकी देख-रेख में अलग से सरकार को राशि खर्च करनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा 6 हजार से ज्यादा एलआईजी, एमआईजी आवास इंदौर, भोपाल में बिना बिके हैं.

Pradhan Mantri Awas Yojana
एमपी में पीएम आवास की फैक्ट फाइल

मकानों को खरीदने में 3 लाख की सब्सिडी: सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये आवास सीमित आय वर्ग लोगों और आवासहीनों के लिए बनाए हैं. अगर कोई आवासहीन इन आवासों को खरीदता है तो उसे इसमें करीब 3 लाख रुपए की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा सरकार ने आवास खरीदने के लिए हितग्राही को बैंक से लोन दिलाने के लिए प्रावधान किया गया है.

Pradhan Mantri Awas Yojana
एमपी में पीएम आवास की फैक्ट फाइल

बढ़ती जा रही प्रोजेक्ट लागत: बहुमंजिला आवास पिछले 5 से 6 वर्षों से बनाए जा रहे हैं, लेकिन बुकिंग नहीं होने से काम की गति काफी धीमी हो गई है. इन आवासों को बेचने से जो राशि मिलेगी उससे गरीबों के लिए आवास बनाए जाने का प्रावधान है. अब सरकार इन्हें बेच नहीं पा रही जिसके चलते नए मकान बनने में देर हो रही है. आवास नहीं बिकने से इनकी प्रोजेक्ट लागत भी साल दर साल बढ़ती जा रही है. प्रदेश में 19 हजार एलआईजी और एमआईजी फ्लैट बनाए जा रहे हैं, इसमें से सिर्फ आठ हजार आवासों की ही बुकिंग हो पाई है.

प्रदेश में 7 लाख आवास स्वीकृत: प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास के तहत अलग-अलग योजनाओं में पिछले 7 वर्षों के अंदर 7 लाख आवास स्वीकृत किए गए थे. इसमें से 4 लाख 35 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं.

13 हजार एएचपी आवासों की बुकिंग नहीं: गरीब और कमजोर वर्ग के लिए साझेदारी में किफायती आवास के तहत करीब 300 शहरों में 47 हजार आवास बनाए गए हैं. इनमें से अभी तक 13 हजार आवासों की बुकिंग नहीं हो पाई है. इसमें भी भोपाल, इंदौर जबलपुर निकाय में सबसे ज्यादा आवासों की बुकिंग नहीं हुई है. इन मकानों को बेचने के लिए निकाय गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को योजना का लाभ लेने दिलाने की कोशिश में जुटी है.

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कांग्रेस ने साधा निशाना: नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि ''जिन आवासों की बुकिंग हो गई है उन्हें जल्द बनाकर बेचा जाएगा. आवास जो अभी नहीं बिके हैं, इनके लिए विभाग मार्केटिंग के विकल्पों को भी तलाश रहा है.'' वहीं, कांग्रेस का कहना है कि कमीशनखोरी और घटिया निर्माण पीएम आवास में हो रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ''मध्यप्रदेश में पीएम आवास के तहत बनाए जा रहे मकान घटिया क्वालिटी के हैं जिसके चलते लोग मकानों को नहीं खरीद रहे हैं.'' वही सत्ता धारी पार्टी बीजेपी का कहना है कि ''पीएम आवास के तहत गरीबों को मकान दिए जा रहे हैं और साथ ही जो लोग मकान खरीद सकते हैं उनके लिए मकान सरकार लोन भी दिला रही है और सब्सिडी भी.''

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भोपाल। सरकार गरीबों को मुफ्त मकान बना कर दे रही हैं, तो वहीं 'हाउसिंग फॉर ऑल' के लिए पीएम आवास के तहत बनाए जा रहे मकानों के लिए खरीददार नहीं मिल रहें. ये आवास वर्षों पहले से बनकर तैयार हैं, इनकी देख-रेख में अलग से सरकार को राशि खर्च करनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा 6 हजार से ज्यादा एलआईजी, एमआईजी आवास इंदौर, भोपाल में बिना बिके हैं.

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एमपी में पीएम आवास की फैक्ट फाइल

मकानों को खरीदने में 3 लाख की सब्सिडी: सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये आवास सीमित आय वर्ग लोगों और आवासहीनों के लिए बनाए हैं. अगर कोई आवासहीन इन आवासों को खरीदता है तो उसे इसमें करीब 3 लाख रुपए की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा सरकार ने आवास खरीदने के लिए हितग्राही को बैंक से लोन दिलाने के लिए प्रावधान किया गया है.

Pradhan Mantri Awas Yojana
एमपी में पीएम आवास की फैक्ट फाइल

बढ़ती जा रही प्रोजेक्ट लागत: बहुमंजिला आवास पिछले 5 से 6 वर्षों से बनाए जा रहे हैं, लेकिन बुकिंग नहीं होने से काम की गति काफी धीमी हो गई है. इन आवासों को बेचने से जो राशि मिलेगी उससे गरीबों के लिए आवास बनाए जाने का प्रावधान है. अब सरकार इन्हें बेच नहीं पा रही जिसके चलते नए मकान बनने में देर हो रही है. आवास नहीं बिकने से इनकी प्रोजेक्ट लागत भी साल दर साल बढ़ती जा रही है. प्रदेश में 19 हजार एलआईजी और एमआईजी फ्लैट बनाए जा रहे हैं, इसमें से सिर्फ आठ हजार आवासों की ही बुकिंग हो पाई है.

प्रदेश में 7 लाख आवास स्वीकृत: प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास के तहत अलग-अलग योजनाओं में पिछले 7 वर्षों के अंदर 7 लाख आवास स्वीकृत किए गए थे. इसमें से 4 लाख 35 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं.

13 हजार एएचपी आवासों की बुकिंग नहीं: गरीब और कमजोर वर्ग के लिए साझेदारी में किफायती आवास के तहत करीब 300 शहरों में 47 हजार आवास बनाए गए हैं. इनमें से अभी तक 13 हजार आवासों की बुकिंग नहीं हो पाई है. इसमें भी भोपाल, इंदौर जबलपुर निकाय में सबसे ज्यादा आवासों की बुकिंग नहीं हुई है. इन मकानों को बेचने के लिए निकाय गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को योजना का लाभ लेने दिलाने की कोशिश में जुटी है.

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कांग्रेस ने साधा निशाना: नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि ''जिन आवासों की बुकिंग हो गई है उन्हें जल्द बनाकर बेचा जाएगा. आवास जो अभी नहीं बिके हैं, इनके लिए विभाग मार्केटिंग के विकल्पों को भी तलाश रहा है.'' वहीं, कांग्रेस का कहना है कि कमीशनखोरी और घटिया निर्माण पीएम आवास में हो रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ''मध्यप्रदेश में पीएम आवास के तहत बनाए जा रहे मकान घटिया क्वालिटी के हैं जिसके चलते लोग मकानों को नहीं खरीद रहे हैं.'' वही सत्ता धारी पार्टी बीजेपी का कहना है कि ''पीएम आवास के तहत गरीबों को मकान दिए जा रहे हैं और साथ ही जो लोग मकान खरीद सकते हैं उनके लिए मकान सरकार लोन भी दिला रही है और सब्सिडी भी.''

Last Updated : May 17, 2023, 11:25 AM IST
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