मुरैना/रीवा। एमपी के मुरैना में बनने वाली गजक और विंध्य को पहचान दिलाने वाले रीवा के सुंदरजा आम को जीआई टैग मिल गया है. मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की खस्ता करारी और मशहूर गजक की देश-दुनिया में डिमांड है. गजक का स्वाद ऐसा है कि हर कोई इसका दीवाना है. सर्दी के सीजन में इसकी बिक्री कई गुना बढ़ जाती है. वहीं रीवा के गोविंदगढ़ के बगीचों के सुंदरजा आम के मिठास की दुनिया कायल है. सुंदरजा आम की विदेशों में भी काफी डिमांड है. अब विंध्य क्षेत्र के सुंदरजा और मुरैना की गजक को जीआई टैग दे दिया गया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सीएम शिवराज समेत कई नेताओं ने Tweet कर प्रसन्नता जताई है.
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मध्यप्रदेश के रीवा का आम, मुरैना की गज़क और धमतरी छत्तीसगढ़ का नगरी दुबराज (चावल की किस्म) को मिला GI Tag.
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) March 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अब इनकी भी पहचान होगी देश विदेश में। pic.twitter.com/2nCMtEqEP2
">मध्यप्रदेश के रीवा का आम, मुरैना की गज़क और धमतरी छत्तीसगढ़ का नगरी दुबराज (चावल की किस्म) को मिला GI Tag.
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) March 26, 2023
अब इनकी भी पहचान होगी देश विदेश में। pic.twitter.com/2nCMtEqEP2मध्यप्रदेश के रीवा का आम, मुरैना की गज़क और धमतरी छत्तीसगढ़ का नगरी दुबराज (चावल की किस्म) को मिला GI Tag.
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अब इनकी भी पहचान होगी देश विदेश में। pic.twitter.com/2nCMtEqEP2
रीवा का सुंदरजा आम: रीवा के गोविंदगढ़ और कुठूलिया में स्थित प्रदेश का सबसे बड़ा आम अनुसंधान केंद्र स्थापित है. इस अनुसंधान केंद्र के बगीचे में करीब 150 प्रजाती के आम के पेड़ मौजूद है. इन आमों के बीचसुंदरजा आम का भी उत्पादन होता है, जो देश के अलावा विदेशों में भी मशहूर है. वैसे तो फलों का राजा आम होता है, लेकिन यहां 'आमों का राजा सुन्दरजा आम' है. इस आम की खासियत ये है कि इस आम में शुगर की मात्रा कम होने के कारण इसका स्वाद Diabetic Patients भी चख सकते है. इतना ही नहीं वर्ष 1968 में भारत सरकार की ओर से सुन्दरजा आम के नाम से 50 पैसे वाला एक डाक टिकट भी जारी किया था. फल अनुसंधान केंद्र कुठुलिया के वैज्ञानिक डॉ. टीके सिंह ने कुछ साल पहले सुंदरजा आम को GI Tag दिलाने के लिए अप्लाई किया था.
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मुरैना की गजक: मैं चंबल की घाटी हूं, सदियों से मुझे क्रांतिकारी, बागियों और दस्यु समस्या के चलते नकारात्मक नजरिए से ही देखा गया, लेकिन अब मेरे आंचल में बहने वाले पानी की मिठास देश ही नहीं विदेश में भी अपनी सकारात्मक पहचान बनाएगी. जी हां, यह 10, 20, 30 साल में नहीं बल्कि कई दशकों के प्रयासों के बाद संभव हुआ. अब चंबल के मीठे पानी से बनी गजक को केंद्र सरकार ने जीआई टैग (ज्योग्राफिकल इंडिकेटर टैग) दे दिया है. 100 साल पहले सर्दियों की मिठाई के रूप में गुड़़ और तिली को मिलाकर तैयार की गई गजक की देश ही नहीं विदेश में भी पहचान है. आज तकरीबन 20 से 22 बैरायटी की गजक यहां तैयार की जाती है जो मुरैना से देश के उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, छग, महाराष्ट्र सहित अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, सिंगापुर, थाइलैंड तक एक्सपोर्ट होती है.
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अब अलग पहचान: कुछ साल पहले एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना की गजक को जीआई टैग दिलाने की घोषणा की थी. जिला मुख्यालय से शुरू हुए प्रयास भोपाल से दिल्ली तक पहुंचे और अंतत: मुरैना की गजक को जीआई टैग केंद्र सरकार ने दे दिया है. इसी को लेकर मुरैना कलेक्टर का कहना है कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राईट के अंतर्गत जो जीआई टैग दिए जाते हैं उससे विशिष्ठ पहचान कमोडिटी की उस जगह के ही नाम से दी जाती है. मुरैना की गजक पहले से भी प्रसिद्ध रही है. जिसे हम अन्य स्टेट में भी गजक की दुकानों पर देखें तो मुरैना के नाम से ही मिलती है लेकिन जीआई टैग होने के बाद इंटरनेशनल मार्केट में इसकी दिमांड भी बढ़ेगी.
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इनके स्वाद के चर्चे होंगे अब आम,
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
GI tag से बढेगा इनका देश विदेश में नाम I pic.twitter.com/q38SCjsIEL
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दुकानदारों में खुशी: जीआई टैग मिलने के बाद मुरैना के गजक दुकानदार और व्यापारियों ने खुशी जताते हुए है कहा कि, जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है जिससे जिले का नाम और प्रदेश और देश के अलावा विदेशी में भी अब अलग पहचान बनाएगा, क्योंकि जो मुरैना की गजक है वह अब मुरैना के नाम से ही कहीं और बिकेगी. अन्य लोग मुरैना का टैग लगा कर नकली गजक नही बेचेंगे. जिससे हमारा भी नाम खराब नहीं होगा.
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यह हर्ष का विषय है कि हमारे रीवा के सुंदरजा आम व मुरैना की गजक को #GITag के माध्यम से वैश्विक पहचान मिली है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इस गौरवपूर्ण सम्मान हेतु रीवा व मुरैना के भाई-बहनों व सभी प्रदेशवासियों को बधाई!
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आभार व श्री पीयूष गोयल जी को धन्यवाद। https://t.co/J4QYNoKLRC
">यह हर्ष का विषय है कि हमारे रीवा के सुंदरजा आम व मुरैना की गजक को #GITag के माध्यम से वैश्विक पहचान मिली है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 26, 2023
इस गौरवपूर्ण सम्मान हेतु रीवा व मुरैना के भाई-बहनों व सभी प्रदेशवासियों को बधाई!
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आभार व श्री पीयूष गोयल जी को धन्यवाद। https://t.co/J4QYNoKLRCयह हर्ष का विषय है कि हमारे रीवा के सुंदरजा आम व मुरैना की गजक को #GITag के माध्यम से वैश्विक पहचान मिली है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 26, 2023
इस गौरवपूर्ण सम्मान हेतु रीवा व मुरैना के भाई-बहनों व सभी प्रदेशवासियों को बधाई!
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आभार व श्री पीयूष गोयल जी को धन्यवाद। https://t.co/J4QYNoKLRC
सीएम ने जताया आभार: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रीवा के सुंदरजा आम और छत्तीसगढ़ के धमतरी के नागरी दूबराज चावल के साथ ही मुरैना की गजक को जीआइ टैग मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी Tweet कर लिखा कि, "इनके स्वाद के चर्चे होंगे अब आम, GI tag से बढेगा इनका देश विदेश में नाम." सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मुरैना की गजक को जीआई टैग मिलने पर मुरैना वासियों के साथ सभी प्रदेशवासियों को इस बात के लिए बधाई दी है. सीएम ने इस उपलब्धि के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर का आभार भी माना है.