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Damoh Hijab Case: हिंदू-जैन लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए नहीं किया जाए मजबूर, प्रिंसिपल सहित 3 को मिली जमानत

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 3:53 PM IST

Updated : Aug 30, 2023, 5:05 PM IST

School Hizab Controversy: एमपी हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हिंदू और जैन समुदाय की लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर नहीं किया जाए. इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि किसी को भी तिलक, कलावा और जनेऊ पहनने से नहीं रोका जाएगा.

Damoh Hijab Case
दमोह गंगा जमुना स्कूल हिजाब मामला
हिंदू-जैन लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए नहीं किया जाए मजबूर

MP High Court News: दमोह जिले स्थित गंगा जमुना स्कूल के हिजाब मामले में महिला प्रचार्या सहित 3 अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिल है. हाईकोर्ट जस्टिस डी के पालीवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि "हिन्दू व जैन समुदाय की बच्चियों को हिजाब पहनने पर मजबूर नहीं किया जाए. धार्मिक अनिवार्यता तिलक, कलावा व जनेऊ पहनने से किसी को रोका नहीं जायेगा.

सूट और हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया: गंगा जमुना स्कूल की प्रचार्या असफा शेख, शिक्षक अनस अथर व चपरासी रूस्तम अली की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्हें धारा 295 ए, 506, 120 बी, जुबेनाइल एक्ट तथा धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में 11 जून को गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है. पुलिस ने प्रकरण में चालान भी न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है, उन पर आरोप है कि उन्होनें कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक छात्राओं को सलवार सूट तथा स्कार्फ पहनने के लिए मजबूर किया. स्कूल में मुस्लिम धर्म की प्रार्थना तथा उर्दू भाषा सभी के लिए अनिर्वाय थी, छात्रों को तिलक लगाना तथा कालावा व जनेऊ पहनना प्रतिबंधित था.

स्कूल कमेटी ने डिसाइड किया ड्रेस कोड: याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने एकलपीठ को बताया कि "ड्रेस कोड का निर्धारण स्कूल कमेटी द्वारा किया गया था, कर्मचारी होने के कारण उसका पालन करना याचिकाकर्ताओं द्वारा किया गया. स्कूल एक अल्पसंख्यक संस्था का है, परंतु धर्मांतरण को कोई शिकायत सामने नहीं आई है. तीनों याचिकाकर्ता लगभग ढाई माह से जेल में बंद हैं, संबंधित न्यायालय के समक्ष पुलिस ने प्रकरण में चालान भी पेश कर दिया है."

यहां पढ़ें...

इन पांच शर्तों पर मिली जमानत: एकलपीठ ने पांच शर्ते निर्धारत करते हुए आरोपियों को जमानत दी है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि "चालान पेश हो गया है और ट्रायल में समय लगेगा, मुख्य रूप से स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि छात्राओं को हिजाब पहनने मजबूर किया गया. एकलपीठ ने पांच शर्ते निर्धारत करते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं करें, स्कूल परिसर में हिजाब पहनने छात्राओं को मजबूर नहीं किया जाए, माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार शिक्षा प्रदान की जाए और छात्रों को धार्मिक शिक्षा नहीं बल्कि आधुनिक शिक्षा दी जाए. इसके साथ ही शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत समाप्त हो जाएगी.

हिंदू-जैन लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए नहीं किया जाए मजबूर

MP High Court News: दमोह जिले स्थित गंगा जमुना स्कूल के हिजाब मामले में महिला प्रचार्या सहित 3 अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिल है. हाईकोर्ट जस्टिस डी के पालीवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि "हिन्दू व जैन समुदाय की बच्चियों को हिजाब पहनने पर मजबूर नहीं किया जाए. धार्मिक अनिवार्यता तिलक, कलावा व जनेऊ पहनने से किसी को रोका नहीं जायेगा.

सूट और हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया: गंगा जमुना स्कूल की प्रचार्या असफा शेख, शिक्षक अनस अथर व चपरासी रूस्तम अली की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्हें धारा 295 ए, 506, 120 बी, जुबेनाइल एक्ट तथा धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में 11 जून को गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है. पुलिस ने प्रकरण में चालान भी न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है, उन पर आरोप है कि उन्होनें कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक छात्राओं को सलवार सूट तथा स्कार्फ पहनने के लिए मजबूर किया. स्कूल में मुस्लिम धर्म की प्रार्थना तथा उर्दू भाषा सभी के लिए अनिर्वाय थी, छात्रों को तिलक लगाना तथा कालावा व जनेऊ पहनना प्रतिबंधित था.

स्कूल कमेटी ने डिसाइड किया ड्रेस कोड: याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने एकलपीठ को बताया कि "ड्रेस कोड का निर्धारण स्कूल कमेटी द्वारा किया गया था, कर्मचारी होने के कारण उसका पालन करना याचिकाकर्ताओं द्वारा किया गया. स्कूल एक अल्पसंख्यक संस्था का है, परंतु धर्मांतरण को कोई शिकायत सामने नहीं आई है. तीनों याचिकाकर्ता लगभग ढाई माह से जेल में बंद हैं, संबंधित न्यायालय के समक्ष पुलिस ने प्रकरण में चालान भी पेश कर दिया है."

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इन पांच शर्तों पर मिली जमानत: एकलपीठ ने पांच शर्ते निर्धारत करते हुए आरोपियों को जमानत दी है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि "चालान पेश हो गया है और ट्रायल में समय लगेगा, मुख्य रूप से स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि छात्राओं को हिजाब पहनने मजबूर किया गया. एकलपीठ ने पांच शर्ते निर्धारत करते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं करें, स्कूल परिसर में हिजाब पहनने छात्राओं को मजबूर नहीं किया जाए, माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार शिक्षा प्रदान की जाए और छात्रों को धार्मिक शिक्षा नहीं बल्कि आधुनिक शिक्षा दी जाए. इसके साथ ही शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत समाप्त हो जाएगी.

Last Updated : Aug 30, 2023, 5:05 PM IST
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