विदिशा। मध्यप्रदेश के कई जिलों में हो रही जोरदार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बारिश का पानी लोगों के घरों और दुकानों में घुस गया, वहीं निचली बस्तियों में पानी भरने से लोगों के घर, मकान और गृहस्थी का सामान बर्बाद हो गया. विदिशा में 2 दिन हुई बारिश के बाद निचली बस्तियों में भरा बारिश का पानी तो उतर गया, लेकिन अपने दर्द और बर्बादी के निशान छोड़ गया. देखिए ये रिपोर्ट
10 फीट नीचे धंसा फर्श: मुसीबत की बारिश की ये कहानी विदिशा की आम वाली कॉलोनी की है. यहां रहने वाले एक परिवार को पानी से राहत तो कम मिली, लेकिन बारिश का पानी उन्हें आहत जरूर कर गया. आम वाली कॉलोनी में रहने वाले भगवानदास पेशे से मजदूर हैं. अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ यहां रहते हैं. पत्नी भी मजदूरी करती हैं. कुछ महीनों पहले ही भगवान दास के पैर की सर्जरी हुई है. वे फिलहाल काम पर नहीं जा रहे इसलिए घर पर ही रहते हैं. दो छोटे-छोटे बच्चे है जो पढ़ने जाते हैं. दो दिन पहले रात को वे परिवार सहित अपने घर में सो रहे थे. बाहर तेज बारिश हो रही थी. तभी रात को अचानक उनके कमरे का फर्श धंस गया और उनकी पत्नी, बच्चे और गृहस्थी का सामान अचानक से 10 फीट गहरे गड्ढे में जा गिरे. नीचे गिरते ही तेजी से पानी उनके आसपास जमा होने लगा और वे बहने लगे.चीख पुकार मच गई. चीख पुकार जब पड़ोसियों ने सुनी तो वह इस परिवार को बचाने के लिए वहां इकट्ठा हुए और जैसे तैसे परिवार को बचाया जा सका.
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पीड़ित की पत्नी रजनी कुशवाहा ने बताया कि, 'हम लोग रात में ठीक ठाक सोए थे देर रात करीब 2 बजे एकदम से पानी आया और हम लोग एकदम से जमीन धंस गए. पानी में बहने लगे थे. हम लोग एक दूसरे को पकड़कर मुश्किल से कुछ देर वहां खड़े रहे.मदद की आवाज सुनकर पड़ोसी आए. पड़ोसियों ने रस्सी से बांधकर हम लोगों को बाहर निकाला. उन्होंने जान पर खेलकर हमारी जान तो बचा ली, लेकिन गृहस्थी का कुछ भी सामान नहीं बचा. सब पानी में बह गया. घर करीब 40 हजार रुपए और कुछ गहने भी रखे हुए थे, बह भी बारिश की भेंट चढ़ गए. अब हमारे पास केवल वही कपड़े बचे हुए हैं जो हमने पहने हुए हैं.'
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40 हजार रुपए कर्ज लिया था: यह परिवार अब तक इस सदमे से उबर नहीं पा रहा है. इनके पास अब कुछ नहीं बचा. गृहस्थी का सारा सामान पानी में बह गया. हाल ही में जो 40 हजार रुपए का कर्ज एक सोसाइटी से लिया था वह पैसे भी पानी में बह गए. पीड़ित परिवार की मदद फिलहाल पड़ोसी कर रह हैं. प्रशासन ने खाने-पीने की व्यवस्था की हुई है, लेकिन पीड़ित भगवानदास और उनके परिवार के सामने यह सवाल आ खड़ा हुआ है कि भविष्य में क्या होगा.
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मोहल्ले वाले कर रहे हैं ऑटोचालक अमर की मदद: आफत की बारिश ने ऑटो चालक अमर सिंह के परिवार को भी मुसीबत में डाल दिया. अमर सिंह बताते हैं कि 'सोमवार रात अचानक तेज पानी आया उसमें मेरा ऑटो बह गया. परिवार के लोग जान बचाने के लिए छत पर चढ़ गए थे. हमारे चारों तरफ लगभग 10 फीट से भी ज्यादा पानी भरा हुआ था. जान बचाना बहुत मुश्किल था. पूरा परिवार भीग चुका था...हम परेशान थे मैं अपने ऑटो को छत से बहता हुआ देख रहा था. पानी में बह गया ऑटो अगली सुबह तीसरी पुलिया पर मिल गया है, लेकिन काफी नुकसान हो चुका है. परिवार का गुजारा ऑटो चलाकर ही होता था. फिलहाल मोहल्ले के लोग मदद कर रहे हैं'.
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नाले में फंसा था ऑटो: बारिश के दौरान ETV BHARAT पर एक वीडियो दिखाया गया था. वीडियो में पानी के तेज बहाव में एक ऑटो बहता हुआ दिखाई दे रहा था. पानी के दिए दर्द से पैदा हुई इस कहानी को जानने के लिए ETV BHARAT की टीम ऑटो चालक के घर पहुंची. ऑटो चालक अमर बाबू अपने परिवार सहित ऑटो की सफाई कर रहे थे. दरअसल 10 जुलाई की रात को इन्होंने अपने घर के बाहर ऑटो खड़ा किया था. रात में हुई भारी बारिश से इतनी तेज रफ्तार से पानी आया की घर के सामने खड़ा ऑटो खिलौने की तरह बह गया. उस समय अमर सिंह का घर भी पानी में डूब गया था. अमर सिंह परिवार सहित घर की छत पर अपनी जान बचा रहे थे. अगली सुबहउनका ऑटो घर से बहुत दूर एक नाले में फंसा मिला. जिसे वह निकलवा कर लाए. अमर सिंह के परिवार में माता पिता, दो भाई, पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे हैं इनका सारा खर्च इस ऑटो की कमाई से ही निकलता है. अभी प्रशासन की ओर से भोजन दिया जा रहा है, लेकिन भविष्य में क्या होगा यह सवाल अमर सिंह के सामने है.