भोपाल। मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के नियम राज्य सरकार ने जारी कर दिए हैं. इसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तित करना चाहता है तो उसे और धर्माचार्य या फिर धर्म परिवर्तन का आयोजन करने वाले को जिला मजिस्ट्रेट में सूचना देनी होगी. यह सूचना व्यक्तिगत तौर पर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर या फिर डाक द्वारा भी दी जा सकेगी. कलेक्टर कार्यालय द्वारा इसके लिए पावती भी दी जाएगी. इसके बाद संतुष्ट होने पर इसकी अनुमति दी जाएगी
हर माह सरकार तक जाएगी रिपोर्ट : प्रदेश भर में जिलों में कितने धर्मांतरण के मामले हुए, इसकी जिला कलेक्टर द्वारा हर माह सरकार को रिपोर्ट देनी होगी. इसमें कलेक्टर को बताना होगा कि किस महिला/ पुरुष ने धर्मांतरण किया और इसमें धर्माचार्य या आयोजक कौन हैं. इसके साथ ही अभियोजना की स्वीकृति का पूरी रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में हर माह की 10 तारीख तक राज्य सरकार को भेजनी होगी.
2021 में पारित हो चुका है विधेयक : मध्यप्रदेश सरकार लव जिहाद पर अंकुश लगाने और लालच देकर या दवाब में कराए जाने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 लेकर आई थी. इसके विधानसभा में पारित कर पिछले साल कानून बनाया जा चुका है. हालांकि अभी तक इसके नियम जारी नहीं हुए थे, जिसकी अब अधिसूचना जारी हुई है. कानून में भय, प्रलोभन, धोखे, कपट आदि से किए गए या कराए जा रहे धर्मांतरण को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 का उल्लंघन माना जाएगा. ऐसे में ऐसा कृत्य करने वाले या उक्त कृत्य में सहयोगियों और सहभागियों को 10 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.