भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह सरकार किसी की मेहरबानी पर नहीं चला रहे हैं. सिंधिया के समर्थक विधायक इस्तीफा देकर चुनाव लड़कर शान से जीतकर आए हैं. सिंधिया पर कांग्रेस की ओर से लगातार हो रहे हमलों की बीच अब सीएम शिवराज ने मोर्चा संभाला है. सीएम शिवराज ने कहा है कि सिंधिया गद्दार नहीं बल्कि खुद्दार हैं. आखिर सिंधिया कांग्रेस में कितना अपमान सहते. विधानसभा चुनाव सिंधिया के नाम पर कांग्रेस ने लड़ा और मुख्यमंत्री बुजुर्ग कमलनाथ को बना दिया गया.
शिवराज बोले- अहंकारी हो गए थे कमलनाथ : सीएम शिवराज ने कहा कि कमलनाथ सरकार को पीछे से दिग्विजय सिंह ही चला रहे थे. कमलनाथ नाममात्र के चेहरे थे. उन्होंने कहा कि बार-बार सिंधिया और उनके साथी जन समस्याओं की तरफ ध्यान दिला रहे थे, लेकिन कमलनाथ का अहंकार इतना बड़ा था कि जब सिंधिया ने कहा कि ये काम करो नहीं तो हम सड़कों पर उतर आएंगे तो कमनलाथ का ईगो ऐसा कि कहा मैं तो गाड़ी में बिठाकर छोड़ आऊंगा दूसरी पार्टी में. शिवराज ने कहा कि ये कोई भी खुद्दार कैसे बर्दाश्त करता है. आखिर कितने अपमानित होते.
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किसी की मेहरबानी पर नहीं सरकार : सीएम शिवराज ने सिंधिया की ढाल बनते हुए भी बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया. उन्होने सिंधिया समर्थकों का नाम लिये बगैर कहा कि अगर वो गलत लोग होते तो जनता का इतना समर्थन उन्हें कैसे मिलता. जो कांग्रेस में हजार व दो हजार वोट से चुनाव जीते. वो पचास- साठ हजार वोटों से चुनाव जीतकर आए. इस्तीफा दिया, चुनाव लड़ा. शान से जीतकर आए. वोटों से जीते, किसी की मेहरबानी पर सरकार नहीं चला रहे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ओछेपन की होड़ लगी हुई है. हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है. इस होड़ में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सब शामिल हैं. सूत ना कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा.