कटिहारः आज के दौर में हर कोई मोटापे से भागता है, सभी लोग फिट दिखना चाहते हैं. जाहिर है कि मोटापा ही ज्यादातर बीमारियों की जड़ है. अगर आपको सेहतमंद रहना है, तो फैट को कम करना ही पड़ेगा. लेकिन आज हम आपको कटिहार के ऐसे शख्स से मिलाएंगे, जिनका वजन 2 क्विंटल यानि 200 किलो से ज्यादा है. इनका मोटापा ऐसा है कि जब ये अपने बुलेट पर चलते हैं तो वो भी पिचक कर लूना बन जाती है. पैदल चलना तो इनके लिए मुसीबत है. तभी तो लोग इन्हें 'बुलेट वाला जीजा' भी बुलाते हैं. अपने खान-पान और मोटापे के कारण ये पूरे कटिहार में मशहूर हैं. जिले के मनसाही प्रखंड (Mansahi Block) के जयनगर के रहने वाले रफीक अदनान (Rafiq Adnan of Katihar) के खाने का मेन्यू और भी दिलचस्प है.
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एक टाइम भोजन में तीन किलो चावल की खुराक: कटिहार के 30 वर्षीय रफीक अदनान ना तो कोई जनप्रतिनिधि हैं और ना ही बड़े सरकारी बाबू, लेकिन इलाके का हर कोई इन्हें एक खास वजह से जानता है. इसके पीछे का कारण है इनका मोटापा. दो सौ किलोग्राम वाले रफीक अदनान दिन के भोजन में तीन किलोग्राम चावल का भात खा लेते हैं. दाल, सब्जियों की बात ही मत पूछिये. रफीक के मुताबिक वो रोटियां थोड़ी कम ही खाते हैं. 4 से 5 किलो आटे की रोटियां इनकी खुराक में शामिल है. लेकिन एक दिन में तीन से चार किलो दूध के अलावा 2 किलो चिकन-मटन, डेढ़ किलो मछली भी हजम कर जाते हैं.
दो शादियां लेकिन एक भी बच्चे नहींः रफीक अदनान ने दो शादियां की हैं, इसके बावजूद इनको कोई बच्चा नहीं है. इसका कारण भी वो अपने मोटापे को ही बताते हैं. आपको जानकर हैरत होगी कि रफीक अदनान के खाने के बाद घर में बना भोजन इतना भी नहीं बचता कि जिससे उसकी दोनों बीवियां पेट भरके खा सकें. अदनाद के खाने की आदत से परेशान इनके पड़ोसी और रिश्तेदार भी अपने यहां इनको किसी फंक्शन में नहीं बुलाते. क्योंकि ये जहां जाते हैं, वहां अकेले कई लोगों का खाना खुद ही खा जाते हैं. ये चिकन देखते ही हांडी भर चिकन चट कर जाते हैं. रफीक अदनान अनाज के व्यवसायी है.
'बचपन से ऐसा ही हूं, लेकिन अब ज्यादा वजन हो गया है. 2 क्विंटल वेट है, दिक्कत होता है चलने फिरने में. 30 से ज्यादा उम्र हो गया शादी किए लेकिन वजन के कारण बच्चे नहीं हुए. तीन किलो चावल का भात, 4-5 किलो आटें की रोटी और डेली 3 किलो दूध पी लेते हैं. 2 किलो मीट और मछली एक टाइम में डेढ़ किलो खा लेते हैं. पानी एक बार में दो लोटा पीते हैं. डॉक्टर कहते हैं, इलाज करो ठीक हो जाएगा. लेकिन होता कहां है'- रफीक अदनान
'ये पहले थोड़ा कम था अब इसका वजन बहुत ज्यादा हो गया है, पहले तो पैदल चल भी लेता था अब नहीं बिना बुलेट के नहीं चल पाता. बुलेट भी कभी-कभी रुक जाती है. डेली एक हड़िया चावल खाता है. परिवार के लिए भी खाना नहीं बचता. एक बोरा चावल तीन से चार दिन में खत्म हो जाता है. कहीं शादी ब्याह में जाता है तो पूरा खाना खत्म कर देता है'-सलमान, स्थानीय
क्या है डॉक्टर का कहनाः वहीं, स्थानीय डॉक्टर मृणाल रंजन का कहना है कि एक बीमारी होती है बुलीमिया नर्वोसा(Bulimia nervosa), जिसमें व्यक्ति बार-बार और बहुत ज्यादा खाता है. यह एक प्रकार का ईटिंग डिसऑर्डर है. इसमें व्यक्ति को बहुत ज्यादा खाने की ख्वाहिश होती है. जिसकी वजह से उसका वजन बढ़ता जाता है. या हो सकता है कि कोई हार्मोनल बीमारी हो, इसकी पूरी जांच कराने के बाद ही पता चलेगा कि आखिर वजन किस वजह से बढ़ रहा है.
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क्या है बुलीमिया नर्वोसा बीमारीः बुलीमिया नर्वोसा की बीमारी अधिकांश आनुवांशिक होती है. पर कई बार व्यक्ति के आसपास का माहौल भी इसके लिए जिम्मेदार होता है. इससे कभी-कभी व्यक्ति का व्यवहार भी बदल जाता है, वो सोशल फोबिया महसूस करने लगता है और उसका आत्मविश्वास भी कम हो जाता है. इसमें वजन अचानक घटने या बढ़ने लगता है. बुलीमिया नर्वोसा को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है. अगर आपके आसपास आप किसी में ऐसे लक्षण देखें तो उसे डॉक्टर को जरूर दिखाएं. इसके लिए आहार विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक और काउंसलर किसी की भी जरूरत हो सकती है. इसका इलाज दवा, थेरेपी और बेहतर डाइट प्लान के जरिए किया जा सकता है.
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