इंफाल : मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. गत 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो सामने के बाद पूरे देश में आक्रोश है. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पुलिस ने बताया कि आरोपी को थौबल जिले से सोमवार शाम गिरफ्तार किया गया. इसी के साथ इस मामले में अब तक कुल सात आरोपियों को पकड़ा जा चुका है. इस बीच, गुस्साई भीड़ ने पहले थौबल के वांगजिंग इलाके में फरार संदिग्ध 20 वर्षीय एल. कबीचंद्र और थौबल के येरीपोक गांव में मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास सिंह के घरों में आग लगा दी.
पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो से उन 14 लोगों की पहचान की थी, जो चार मई को दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के कृत्य में शामिल थे. दोनों महिलाओं का आरोप है कि उन्हें मुक्त करने से पहले भीड़ ने उनका यौन उत्पीड़न भी किया था. इस घटना के संबंध में 26 सेकंड का एक वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था. पुलिस ने 4 मई को हुए जघन्य अपराध के सिलसिले में एक किशोर सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
गौरतलब है कि वायरल वीडियो में दिखाई दे रही एक महिला पूर्व सैनिक की पत्नी है. उसके पति असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में कार्यरत थे और कारगिल युद्ध का हिस्सा भी थे. इस घटना के संबंध में शिकायत करीब एक महीने पहले 21 जून को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बता दें कि मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
(पीटीआई-भाषा)