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कर्नाटक विधानसभा स्पीकर ने कहा- राष्ट्रवादी आरएसएस हिंदुओं को एकजुट कर रहा - karnataka assembly speaker rss organising hindu

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राष्ट्रवादी संगठन बताया है. उन्होंने कहा, देश को मजबूत बनाने के लिए आरएसएस हिंदुओं को एकजुट (RSS nationalist org organizing Hindu society) कर रहा है.

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कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी
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Published : Feb 22, 2022, 4:54 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी (Karnataka Assembly Speaker Vishweshwar Hegde Kageri) ने विधानसभा के अंदर आरएसएस विरोधी नारे लगाए जाने पर नाराजगी (Speaker Hegde admonished Congress MLAs) जताई. कांग्रेस विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए स्पीकर हेगड़े ने नसीहत दी, आपको आरएसएस से हाथ मिलाना चाहिए.

उन्होंने कहा, आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है जो देश को मजबूत बनाने के लिए हिंदू समाज को संगठित करने का प्रयास (karnataka assembly speaker rss organising hindu) कर रहा है. उन्होंने नसीहत दी कि आपको इसके प्रयासों में आरएसएस से हाथ मिलाना चाहिए.

कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के व्यवहार से क्षुब्ध स्पीकर हेगड़े ने कहा, आप विधानसभा में आरएसएस विरोधी नारे लगा रहे हैं, जिसका आपकी राजनीतिक विमर्श से कोई लेना-देना नहीं. उन्होंने कहा, इस तरह के नारे लगाने के लिए विधानसभा का इस्तेमाल नहीं करने देंगे.

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को लगातार चौथे दिन कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा जो राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के राष्ट्र ध्वज पर कथित बयान के लिए उन्हें बर्खास्त करने और मंत्री के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक विधानसभा के अंदर RSS के खिलाफ लगे नारे

सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आ गए और ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष आकर किए गए हंगामे के दौरान 'अनावश्यक' तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम घसीटे जाने को लेकर 'कड़ी आपत्ति' जताई. मंत्री को हटाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार से विधानसभा के भीतर विधान सौध में डेरा डाला हुआ है और वे रात में भी वहीं सो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो : पूर्व मुख्यमंत्री

गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने हाल में कहा था कि भविष्य में कभी 'भगवा ध्वज' राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है और तब इसे लाल किले पर फहराया जा सकता है. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि अभी तिरंगा ही राष्ट्रीय ध्वज है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.

बता दें कि ईश्वरप्पा अपने बयानों और कार्यशैली के कारण पहले भी सुर्खियों में रहे हैं. शिवमोग्गा में बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या पर मंत्री ईश्वरप्पा ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के गुंडों ने इस हत्या को अंजाम दिया. ईश्वरप्पा ने कहा, मुस्लिम गुंडों ने बजरंग दल के कार्यकर्ता को मार डाला. यह पहले शिवमोग्गा में नहीं हुआ था. लेकिन डीके शिवकुमार की हालिया भड़काऊ टिप्पणियों के कारण ऐसा हुआ है. शिवकुमार के उकसावे ने विशेष समुदाय के गुंडों को प्रोत्साहित किया. यह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हम इसे जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे.

पहले भी विवादों में रहे हैं ईश्वरप्पा
दिसंबर, 2021 में कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा (Minister of Rural Development and Panchayat Raj of Karnataka K S Eshwarappa )ने कहा, 'सांगोली रायन्ना (Sangoli Rayanna )की प्रतिमा को विकृत करने वालों और कन्नड़ झंडा जलाने वालों को गोली मारकर हत्या कर देनी चाहिए.'

यह भी पढ़ें- संगोली रायन्ना की मूर्ति को विकृत करने वालों को गोली मार देनी चाहिए: मंत्री ईश्वरप्पा

दिसंबर, 2019 में ईश्वरप्पा ने अभिनेत्री एश्वर्या राय पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे थे. उन्होंने कहा था, '.....किसको यह पद नहीं चाहिए(उप मुख्यमंत्री का)? एक युवक की चाहत एश्वर्या राय जैसी किसी शख्सियत की होती है. वह एक ही नहीं है?' दरअसल, उन्होंने यह बात उस प्रश्न के उत्तर में कही कि क्या अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से किसी को भी जीत मिलने पर उप मुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है.

इससे पहले सितंबर, 2019 में भी ईश्वरप्पा धर्म आधारित बयान को लेकर आलोचकों के निशाने पर आए थे. उन्होंने कहा था, शिवमोग्गा में उनके निर्वाचन क्षेत्र में 50,000 से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं और वह कभी भी उनसे वोट मांगने नहीं गए. उन्होंने कहा था 'अखंड भारत हर किसी की तमन्ना है. ऐसा इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि उन्हें (राजनीतिक नेताओं का एक वर्ग को) डर है कि उन्हें मुसलमानों का वोट नहीं मिल पाएगा.'

बकौल ईश्वरप्पा, उन्होंने कांग्रेस विधायकों से कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेरे समुदाय कुरुबा के लगभग 8,000-10,000 मतदाता है और 50,000 से अधिक मुस्लिम वोट हैं. मैं आज तक वोट के लिये एक भी मुसलमान को सलाम ठोकने नहीं गया. मैंने 47,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की.

ईश्वरप्पा का बड़बोलापन; पढ़ें खबरें-

ईश्वरप्पा ने कहा, 'मैं यह क्यों कह रहा हूं जो पत्रकार इसे लिखें. एक राष्ट्रभक्त मुसलमान बीजेपी को वोट देगा, और जो पाकिस्तान समर्थक और राष्ट्रद्रोही हैं वे बीजेपी को वोट देने में संकोच करेंगे.' गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने अप्रैल में लोकसभा चुनावों से पहले कहा था कि भाजपा मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं देगी क्योंकि वे पार्टी में विश्वास नहीं करते.

अप्रैल, 2021 में ईश्वरप्पा कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मिले थे. उन्होंने राज्यपाल को पांच पन्ने का पत्र सौंपा था. पत्र में ईश्वरप्पा ने गंभीर चूक और मुख्यमंत्री द्वारा निरंकुश तरीके से प्रशासन चलाए जाने के आरोप लगाये थे. ईश्वरप्पा का आरोप था कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा उनके विभाग के कामकाम में हस्तक्षेप कर रहे हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटिल, राज्य के प्रभारी अरुण सिंह और राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को पत्र लिखा है. हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी और मंत्रियों के एक समूह ने कहा था कि ईश्वरप्पा का मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ कर्नाटक के राज्यपाल को शिकायत करना 'सही नहीं' था. येदियुरप्पा का पुरजोर समर्थन करते हुए कर्नाटक के प्रभारी भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा था कि वरिष्ठ नेता एवं मंत्री होते हुए ईश्वरप्पा को ऐसा पत्र नहीं लिखना चाहिए था.

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी (Karnataka Assembly Speaker Vishweshwar Hegde Kageri) ने विधानसभा के अंदर आरएसएस विरोधी नारे लगाए जाने पर नाराजगी (Speaker Hegde admonished Congress MLAs) जताई. कांग्रेस विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए स्पीकर हेगड़े ने नसीहत दी, आपको आरएसएस से हाथ मिलाना चाहिए.

उन्होंने कहा, आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है जो देश को मजबूत बनाने के लिए हिंदू समाज को संगठित करने का प्रयास (karnataka assembly speaker rss organising hindu) कर रहा है. उन्होंने नसीहत दी कि आपको इसके प्रयासों में आरएसएस से हाथ मिलाना चाहिए.

कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के व्यवहार से क्षुब्ध स्पीकर हेगड़े ने कहा, आप विधानसभा में आरएसएस विरोधी नारे लगा रहे हैं, जिसका आपकी राजनीतिक विमर्श से कोई लेना-देना नहीं. उन्होंने कहा, इस तरह के नारे लगाने के लिए विधानसभा का इस्तेमाल नहीं करने देंगे.

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को लगातार चौथे दिन कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा जो राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के राष्ट्र ध्वज पर कथित बयान के लिए उन्हें बर्खास्त करने और मंत्री के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

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सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आ गए और ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष आकर किए गए हंगामे के दौरान 'अनावश्यक' तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम घसीटे जाने को लेकर 'कड़ी आपत्ति' जताई. मंत्री को हटाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार से विधानसभा के भीतर विधान सौध में डेरा डाला हुआ है और वे रात में भी वहीं सो रहे हैं.

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गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने हाल में कहा था कि भविष्य में कभी 'भगवा ध्वज' राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है और तब इसे लाल किले पर फहराया जा सकता है. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि अभी तिरंगा ही राष्ट्रीय ध्वज है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.

बता दें कि ईश्वरप्पा अपने बयानों और कार्यशैली के कारण पहले भी सुर्खियों में रहे हैं. शिवमोग्गा में बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या पर मंत्री ईश्वरप्पा ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के गुंडों ने इस हत्या को अंजाम दिया. ईश्वरप्पा ने कहा, मुस्लिम गुंडों ने बजरंग दल के कार्यकर्ता को मार डाला. यह पहले शिवमोग्गा में नहीं हुआ था. लेकिन डीके शिवकुमार की हालिया भड़काऊ टिप्पणियों के कारण ऐसा हुआ है. शिवकुमार के उकसावे ने विशेष समुदाय के गुंडों को प्रोत्साहित किया. यह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हम इसे जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे.

पहले भी विवादों में रहे हैं ईश्वरप्पा
दिसंबर, 2021 में कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा (Minister of Rural Development and Panchayat Raj of Karnataka K S Eshwarappa )ने कहा, 'सांगोली रायन्ना (Sangoli Rayanna )की प्रतिमा को विकृत करने वालों और कन्नड़ झंडा जलाने वालों को गोली मारकर हत्या कर देनी चाहिए.'

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दिसंबर, 2019 में ईश्वरप्पा ने अभिनेत्री एश्वर्या राय पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे थे. उन्होंने कहा था, '.....किसको यह पद नहीं चाहिए(उप मुख्यमंत्री का)? एक युवक की चाहत एश्वर्या राय जैसी किसी शख्सियत की होती है. वह एक ही नहीं है?' दरअसल, उन्होंने यह बात उस प्रश्न के उत्तर में कही कि क्या अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से किसी को भी जीत मिलने पर उप मुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है.

इससे पहले सितंबर, 2019 में भी ईश्वरप्पा धर्म आधारित बयान को लेकर आलोचकों के निशाने पर आए थे. उन्होंने कहा था, शिवमोग्गा में उनके निर्वाचन क्षेत्र में 50,000 से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं और वह कभी भी उनसे वोट मांगने नहीं गए. उन्होंने कहा था 'अखंड भारत हर किसी की तमन्ना है. ऐसा इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि उन्हें (राजनीतिक नेताओं का एक वर्ग को) डर है कि उन्हें मुसलमानों का वोट नहीं मिल पाएगा.'

बकौल ईश्वरप्पा, उन्होंने कांग्रेस विधायकों से कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेरे समुदाय कुरुबा के लगभग 8,000-10,000 मतदाता है और 50,000 से अधिक मुस्लिम वोट हैं. मैं आज तक वोट के लिये एक भी मुसलमान को सलाम ठोकने नहीं गया. मैंने 47,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की.

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ईश्वरप्पा ने कहा, 'मैं यह क्यों कह रहा हूं जो पत्रकार इसे लिखें. एक राष्ट्रभक्त मुसलमान बीजेपी को वोट देगा, और जो पाकिस्तान समर्थक और राष्ट्रद्रोही हैं वे बीजेपी को वोट देने में संकोच करेंगे.' गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने अप्रैल में लोकसभा चुनावों से पहले कहा था कि भाजपा मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं देगी क्योंकि वे पार्टी में विश्वास नहीं करते.

अप्रैल, 2021 में ईश्वरप्पा कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मिले थे. उन्होंने राज्यपाल को पांच पन्ने का पत्र सौंपा था. पत्र में ईश्वरप्पा ने गंभीर चूक और मुख्यमंत्री द्वारा निरंकुश तरीके से प्रशासन चलाए जाने के आरोप लगाये थे. ईश्वरप्पा का आरोप था कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा उनके विभाग के कामकाम में हस्तक्षेप कर रहे हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटिल, राज्य के प्रभारी अरुण सिंह और राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को पत्र लिखा है. हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी और मंत्रियों के एक समूह ने कहा था कि ईश्वरप्पा का मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ कर्नाटक के राज्यपाल को शिकायत करना 'सही नहीं' था. येदियुरप्पा का पुरजोर समर्थन करते हुए कर्नाटक के प्रभारी भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा था कि वरिष्ठ नेता एवं मंत्री होते हुए ईश्वरप्पा को ऐसा पत्र नहीं लिखना चाहिए था.

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