मुरैना। शनिवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार दिख रहा है. कर्नाटक में अभी तक रुझानों के अनुसार कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाती दिख रही है. इसके बाद भी कांग्रेस के दिग्गज बीजेपी से सतर्क हैं. किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त से निपटने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को बेंगलूरु बुलाया है. बताया जाता है कि यहां से विधायकों को हैदराबाद या कहीं और किसी रिसॉर्ट में रखने की तैयारी की जा रही है. इधर, मुरैना पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आशंका जताई है कि बीजेपी खरीद-फरोख्त की हरसंभव कोशिश करेगी. बता दें कि दोपहर तक कर्नाटक में कांग्रेस कुल 224 सीटों के रुझानों के अनुसार 125 सीटों पर आगे चल रही है. इस प्रकार यहां कांग्रेस की सरकार बनना लगभग तय है. वहीं बीजेपी 69 सीटों पर सिमटती दिख रही है.
कांग्रेस काफी आगे, बीजेपी से सतर्कता जरूरी : शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मुरैना जिले के दौरे पर हैं. जौरा विधानसभा में वह किसानों की सभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा कि इसमें अब कोई शक नहीं है कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. रुझानों में शुरू से ही लगातार कांग्रेस पार्टी बढ़त बनाए हुए है. कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद बीजेपी अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाली. बीजेपी का प्रयास रहेगा कि अन्य दलों से मिलकर खरीद-फरोख्त कर किसी प्रकार सत्ता में आ जाए. क्योंकि बीजेपी हमेशा यही करती है. बीजेपी ने सियासी सौदेबाजी की शुरुआत अरुणाचल प्रदेश से शुरू की थी, जो अभी भी जारी है. कमलनाथ ने कहा कि सौदे की राजनीति हम भी कर सकते थे लेकिन हमारे सिद्धांत इसकी परमीशन नहीं देते.
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मध्यप्रदेश में भी सौदेबाजी कर बनाई सरकार : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने मध्यप्रदेश में भी सौदे के दम पर सरकार बनाई थी. कांग्रेस की सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल था लेकिन उन्होंने सौदेबाजी कर हमारे विधायक तोड़ लिए और सरकार गिरा दी. बता दें कि साल 2018 में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 तो बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने छोटे दलों के साथ ही निर्दलियों के दम पर सरकार बना ली थी. ये सरकार केवल 15 माह ही चल सकी. क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को झटका देकर सरकार गिरा दी. सिंधिया समर्थक 17 से 18 विधायकों के साथ ही करीब 25 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी की सरकार बनवा दी. इसके बाद हुए उपचुनाव में इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायक फिर चुनकर आ गए. तब से मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इस सरकार पर कांग्रेस के दिग्गज लगातार हमले बोल रहे हैं. कांग्रेस नेता आरोप लगाते हैं कि सौदेबाजी कर बीजेपी ने चुनी हुई कांग्रेस सरकार को गिराया.