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बिजली फिटिंग करना इन महिलाओं के बायं हाथ का खेल, मर्दों वाले काम करके बन रहीं सशक्त

मध्यप्रदेश के इंदौर की समान संस्था के जरिए महिलाओं को इलेक्ट्रिशियन बनाया गया है, अब ये महिलाएं घर की बिजली फिटिंग से लेकर इलेक्ट्रिक पोल पर चढ़कर लाईट दुरुस्त करने के सारे काम कर कर रही हैं. आइए जानते हैं पूरी कहानी-

House wiring training given to women in Indore
महिलाएं भी इलेक्ट्रिशियन बनीं
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Published : Jun 16, 2023, 11:18 AM IST

बिजली फिटिंग करना इन महिलाओं के बायं हाथ का खेल

इंदौर। वर्तमान दौर में भी महिलाओं के लिए वर्जित माने जाने वाले आजीविका के कुछ ऐसे कामकाज है, जिन पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है, या कहें कि अब भी समाज में कुछ ऐसे काम हैं जो महिलाओं के लिए सिर्फ इसलिए वर्जित कर दिए गए हैं कि 'तुम नहीं कर पाओगी.' इलेक्ट्रीशियन और लाइट फिटिंग भी इस काम में शुमार रहा है, जिसमें अब तक पुरुष ही काम संभालते थे, लेकिन अब रोजगार और आजीविका के साधन तलाशने वाली महिलाएं इलेक्ट्रिशियन क्या कामकाज संभालने में भी पीछे नहीं हैं. इंदौर में लाइट फिटिंग के अलावा यह महिलाएं अब बिजली और इलेक्ट्रीशियन के कामकाज से जुड़े हर खतरे को झेलने तैयार हैं.

सशक्त हो रही महिलाएं: महिला सशक्तिकरण के नाम पर अब समाजसेवी संस्थाएं महिलाओं को स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर वह काम सिखा रही हैं, जो अब तक पुरुष करते आए हैं. इंदौर में जरूरतमंद महिलाओं को टू व्हीलर और फोर व्हीलर के मैकेनिक का काम सिखाने और गैराज खोलने समेत महिलाओं द्वारा संचालित टैक्सी सर्विस जैसे प्रयोग कर चुकी समान सोसाइटी नामक संस्था अब करीब एक दर्जन महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें घरों की लाइट फिटिंग के कामकाज में उतार चुकी है. सिलाई कढ़ाई बुनाई जैसे महिलाओं के पारंपरिक काम के विपरीत इलेक्ट्रिशियन के काम में जब दो से तीन गुनी कमाई हो रही है, तो महिलाएं अब इस काम को बेखौफ होकर करते नजर आ रही हैं.

कुछ महिलाएं ले रही ट्रेनिंग कुछ फील्ड पर उतरीं: दरअसल महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन बनाने के लिए हाल ही में समान संस्था द्वारा इंदौर के हवा बंगला क्षेत्र स्थित विदुर नगर में प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया है, जहां इस वर्ष 50 महिलाओं को इलेक्ट्रीशयन का प्रशिक्षण दिया जाने का संकल्प लिया है, यहां वर्तमान में 20 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है. यहीं नहीं इनमें से 6 महिलाएं तो प्रशिक्षण प्राप्त कर लाइट फिटिंग की फील्ड पर भी उतर गई है, जिसके तहत महिलाओं के द्वारा कुंदन नगर स्थित निर्माणाधीन मकान की लाइट फिटिंग और सर्विस लाइन संबंधी काम भी शुरू कर दिया.

महिलाओं द्वारा रोशन किया गया घर: बताया जा रहा है कि यह इंदौर का पहला ऐसा मकान होगा, जिसे महिलाओं द्वारा विद्युतीकरण कर रोशन किया जाएगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिलाओं द्वारा इलेक्ट्रिशियन का ऊपरी कामकाज किया है, बल्कि इस मकान में दीवार पर झिरी, कटाई, पाइप बिछाना, वायरिंग करना, स्विच बोर्ड लगाने से लेकर बल्ब, पंखे फिट करने तक का जिम्मा महिलाओं ने किया है. शायद यह इंदौर का पहला निर्माणाधीन मकान ही है, जिसमें महिलाओं द्वारा इलेक्ट्रीशियन का पूरा काम किया जा रहा है. इसे लेकर इलेक्ट्रीशियन महिलाएं आत्मविश्वास से भरी एवं खुश भी हैं.

सिलाई, कढ़ाई से ज्यादा इलेक्ट्रिशियन के काम की कमाई: इलेक्ट्रिशियन का काम कर रही सुनीता पाल बताती हैं कि "मुझ पर परिवार को संभालने की जिम्मेदारी है, इसलिए जब समान संस्था की ओर से इलेक्ट्रिशियन की ट्रेनिंग लेने का अवसर आया तो मैंने इस काम के लिए भी सहमति दी. आज जब इस काम का मेहनताना मिल रहा है, तो खुशी इस बात की है कि सिलाई, कढ़ाई या महिलाओं से जुड़े हुए काम में बहुत कम कमाई होती है और इस काम से हम ज्यादा कमा रहे हैं."

इन खबरों पर भी एक नजर:

महिलाओं को भी आजीविका के लिए आग बढ़ने का हक: महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे करण वास्कले बताते हैं कि "महिलाओंं को इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग देने के बाद जो काम उनके द्वारा किया जा रहा है, वह प्रोफेशनल इलेक्ट्रीशियन की तरह ही है बल्कि कई मामलों में अच्छा है. महिलाएं जब मेहनत और काम करने में पीछे नहीं हट रही हैं तो फिर कामकाज कोई भी हो उन्हें भी आजीविका के लिए आग बढ़ने का हक है. "

महिला ड्राइवर दौड़ा रही हैं बस, रिक्शा और अन्य गाड़ियां: समान सोसाइटी द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को अलग-अलग प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अब इलेक्ट्रीशियन के अलावा घरेलू विद्युत उपकरणों के रिपेयर का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा, इसके साथ ही मोटर बाईंडिंग और एलईडी बल्व उत्पादन इकाई भी महिलाओं के लिए स्थापित की जाएगी, जिसका प्रबंधन महिलाएं ही करेंगी.

संस्था के राजेंद्र बंधु बताते हैं कि "फिलहाल संस्था के प्रयासों से इंदौर शहर में 500 महिलाएं ड्राईविंग रोजगार से जुड़ी हैं, वहीं इंदौर को देश का पहला महिला मैकेनिक गैराज संचालित करने का गौरव हासिल हुआ है. इलेक्ट्रीशियन के प्रशिक्षण के बाद संभवतया इंदौर शहर पूरे देश का एक मात्र ऐसा अनोखा शहर होगा, जहां पुरूष वर्चस्व वाले ज्यादातर रोजगार में महिलाओं की सशक्त भागीदारी दिखाई देगी. ड्राईवर और मैकेनिक के मामले में यह सफलता हासिल की जा चुकी है, इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को समान सोसाइटी द्वारा इन प्रशिक्षित महिलाओं को कानूनी जानकारी, सेल्फ डिफेंस, मेप रीडिंग, जीपीएस और संवाद कौशल आदि शामिल हैं.

बिजली फिटिंग करना इन महिलाओं के बायं हाथ का खेल

इंदौर। वर्तमान दौर में भी महिलाओं के लिए वर्जित माने जाने वाले आजीविका के कुछ ऐसे कामकाज है, जिन पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है, या कहें कि अब भी समाज में कुछ ऐसे काम हैं जो महिलाओं के लिए सिर्फ इसलिए वर्जित कर दिए गए हैं कि 'तुम नहीं कर पाओगी.' इलेक्ट्रीशियन और लाइट फिटिंग भी इस काम में शुमार रहा है, जिसमें अब तक पुरुष ही काम संभालते थे, लेकिन अब रोजगार और आजीविका के साधन तलाशने वाली महिलाएं इलेक्ट्रिशियन क्या कामकाज संभालने में भी पीछे नहीं हैं. इंदौर में लाइट फिटिंग के अलावा यह महिलाएं अब बिजली और इलेक्ट्रीशियन के कामकाज से जुड़े हर खतरे को झेलने तैयार हैं.

सशक्त हो रही महिलाएं: महिला सशक्तिकरण के नाम पर अब समाजसेवी संस्थाएं महिलाओं को स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर वह काम सिखा रही हैं, जो अब तक पुरुष करते आए हैं. इंदौर में जरूरतमंद महिलाओं को टू व्हीलर और फोर व्हीलर के मैकेनिक का काम सिखाने और गैराज खोलने समेत महिलाओं द्वारा संचालित टैक्सी सर्विस जैसे प्रयोग कर चुकी समान सोसाइटी नामक संस्था अब करीब एक दर्जन महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें घरों की लाइट फिटिंग के कामकाज में उतार चुकी है. सिलाई कढ़ाई बुनाई जैसे महिलाओं के पारंपरिक काम के विपरीत इलेक्ट्रिशियन के काम में जब दो से तीन गुनी कमाई हो रही है, तो महिलाएं अब इस काम को बेखौफ होकर करते नजर आ रही हैं.

कुछ महिलाएं ले रही ट्रेनिंग कुछ फील्ड पर उतरीं: दरअसल महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन बनाने के लिए हाल ही में समान संस्था द्वारा इंदौर के हवा बंगला क्षेत्र स्थित विदुर नगर में प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया है, जहां इस वर्ष 50 महिलाओं को इलेक्ट्रीशयन का प्रशिक्षण दिया जाने का संकल्प लिया है, यहां वर्तमान में 20 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है. यहीं नहीं इनमें से 6 महिलाएं तो प्रशिक्षण प्राप्त कर लाइट फिटिंग की फील्ड पर भी उतर गई है, जिसके तहत महिलाओं के द्वारा कुंदन नगर स्थित निर्माणाधीन मकान की लाइट फिटिंग और सर्विस लाइन संबंधी काम भी शुरू कर दिया.

महिलाओं द्वारा रोशन किया गया घर: बताया जा रहा है कि यह इंदौर का पहला ऐसा मकान होगा, जिसे महिलाओं द्वारा विद्युतीकरण कर रोशन किया जाएगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिलाओं द्वारा इलेक्ट्रिशियन का ऊपरी कामकाज किया है, बल्कि इस मकान में दीवार पर झिरी, कटाई, पाइप बिछाना, वायरिंग करना, स्विच बोर्ड लगाने से लेकर बल्ब, पंखे फिट करने तक का जिम्मा महिलाओं ने किया है. शायद यह इंदौर का पहला निर्माणाधीन मकान ही है, जिसमें महिलाओं द्वारा इलेक्ट्रीशियन का पूरा काम किया जा रहा है. इसे लेकर इलेक्ट्रीशियन महिलाएं आत्मविश्वास से भरी एवं खुश भी हैं.

सिलाई, कढ़ाई से ज्यादा इलेक्ट्रिशियन के काम की कमाई: इलेक्ट्रिशियन का काम कर रही सुनीता पाल बताती हैं कि "मुझ पर परिवार को संभालने की जिम्मेदारी है, इसलिए जब समान संस्था की ओर से इलेक्ट्रिशियन की ट्रेनिंग लेने का अवसर आया तो मैंने इस काम के लिए भी सहमति दी. आज जब इस काम का मेहनताना मिल रहा है, तो खुशी इस बात की है कि सिलाई, कढ़ाई या महिलाओं से जुड़े हुए काम में बहुत कम कमाई होती है और इस काम से हम ज्यादा कमा रहे हैं."

इन खबरों पर भी एक नजर:

महिलाओं को भी आजीविका के लिए आग बढ़ने का हक: महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे करण वास्कले बताते हैं कि "महिलाओंं को इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग देने के बाद जो काम उनके द्वारा किया जा रहा है, वह प्रोफेशनल इलेक्ट्रीशियन की तरह ही है बल्कि कई मामलों में अच्छा है. महिलाएं जब मेहनत और काम करने में पीछे नहीं हट रही हैं तो फिर कामकाज कोई भी हो उन्हें भी आजीविका के लिए आग बढ़ने का हक है. "

महिला ड्राइवर दौड़ा रही हैं बस, रिक्शा और अन्य गाड़ियां: समान सोसाइटी द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को अलग-अलग प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अब इलेक्ट्रीशियन के अलावा घरेलू विद्युत उपकरणों के रिपेयर का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा, इसके साथ ही मोटर बाईंडिंग और एलईडी बल्व उत्पादन इकाई भी महिलाओं के लिए स्थापित की जाएगी, जिसका प्रबंधन महिलाएं ही करेंगी.

संस्था के राजेंद्र बंधु बताते हैं कि "फिलहाल संस्था के प्रयासों से इंदौर शहर में 500 महिलाएं ड्राईविंग रोजगार से जुड़ी हैं, वहीं इंदौर को देश का पहला महिला मैकेनिक गैराज संचालित करने का गौरव हासिल हुआ है. इलेक्ट्रीशियन के प्रशिक्षण के बाद संभवतया इंदौर शहर पूरे देश का एक मात्र ऐसा अनोखा शहर होगा, जहां पुरूष वर्चस्व वाले ज्यादातर रोजगार में महिलाओं की सशक्त भागीदारी दिखाई देगी. ड्राईवर और मैकेनिक के मामले में यह सफलता हासिल की जा चुकी है, इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को समान सोसाइटी द्वारा इन प्रशिक्षित महिलाओं को कानूनी जानकारी, सेल्फ डिफेंस, मेप रीडिंग, जीपीएस और संवाद कौशल आदि शामिल हैं.

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