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अफगानिस्तान संकट : वायुसेना का विमान भारतीयों को लेकर हिंडन एयरबेस पर उतरा

अफगानिस्तान में तालिबान और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष बढ़ गया है. इस बीच भारत ने अपने सभी नागरिकों को तत्काल अफगानिस्तान छोड़ने को कहा है. इसी क्रम में मजार-ए-शरीफ से भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों को लेकर भारतीय वायुसेना की एक विशेष विमान बुधवार सुबह हिंडन एयरबेस पर उतरा.

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Published : Aug 11, 2021, 2:38 PM IST

अफगानिस्तान संकट
अफगानिस्तान संकट

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा कई क्षेत्रों पर कब्जा किए जाने के बाद गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. जिसके मद्देनजर भारत ने अपने सभी नागरिकों को तत्काल अफगानिस्तान से निकलने को कहा है.

सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ से भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों को लेकर भारतीय वायुसेना की एक विशेष विमान बुधवार सुबह हिंडन एयरबेस पर उतरा. इस तरह मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से सभी राजनयिकों और कर्मचारियों को निकाल लिया गया है.

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति के बीच, मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को मजार-ए-शरीफ और उसके आसपास जाने वाले भारतीय नागरिकों से तत्काल भारत के लिए रवाना होने को कहा था.

भारतीय नागरिकों को निकालने का भारत का कदम ऐसे समय में आया है, जब तालिबान मजार-ए-शरीफ पर कब्जा करने के लिए उस पर हमला करने की योजना बना रहा है.

मजार-ए-शरीफ के भारत के भारतीय महावाणिज्य दूतावास भारत ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, मजार-ए-शरीफ से नई दिल्ली के लिए एक विशेष फ्लाइट रवाना हो रही है. मजार-ए-शरीफ और उसके आसपास रहने वाले भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे आज देर शाम प्रस्थान करने वाली विशेष उड़ान से भारत के लिए रवाना हों.

भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों को निकालने के फैसले के तुरंत बाद, काबुल में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को एक सुरक्षा परामर्श जारी कर अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों से कहा कि वे अफगानिस्तान में वाणिज्यिक हवाई सेवाएं बंद होने से पहले भारत लौटने के लिए तत्काल यात्रा की व्यवस्था करें.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान के संकट का असर ना केवल पड़ोस पर बल्कि उससे भी बाहर तक होगा: जयशंकर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में करीब 1500 भारतीय अफगानिस्तान में रह रहे हैं.

इस बीच, बुधवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी मजार-ए-शरीफ पहुंचे, क्योंकि तालिबान ने फैजाबाद पर रातों-रात कब्जा कर लिया था. राष्ट्रपति गनी ने जनरल अत्ता मोहम्मद नूर और मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम व अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की.

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा कई क्षेत्रों पर कब्जा किए जाने के बाद गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. जिसके मद्देनजर भारत ने अपने सभी नागरिकों को तत्काल अफगानिस्तान से निकलने को कहा है.

सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ से भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों को लेकर भारतीय वायुसेना की एक विशेष विमान बुधवार सुबह हिंडन एयरबेस पर उतरा. इस तरह मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से सभी राजनयिकों और कर्मचारियों को निकाल लिया गया है.

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति के बीच, मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को मजार-ए-शरीफ और उसके आसपास जाने वाले भारतीय नागरिकों से तत्काल भारत के लिए रवाना होने को कहा था.

भारतीय नागरिकों को निकालने का भारत का कदम ऐसे समय में आया है, जब तालिबान मजार-ए-शरीफ पर कब्जा करने के लिए उस पर हमला करने की योजना बना रहा है.

मजार-ए-शरीफ के भारत के भारतीय महावाणिज्य दूतावास भारत ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, मजार-ए-शरीफ से नई दिल्ली के लिए एक विशेष फ्लाइट रवाना हो रही है. मजार-ए-शरीफ और उसके आसपास रहने वाले भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे आज देर शाम प्रस्थान करने वाली विशेष उड़ान से भारत के लिए रवाना हों.

भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों को निकालने के फैसले के तुरंत बाद, काबुल में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को एक सुरक्षा परामर्श जारी कर अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों से कहा कि वे अफगानिस्तान में वाणिज्यिक हवाई सेवाएं बंद होने से पहले भारत लौटने के लिए तत्काल यात्रा की व्यवस्था करें.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में करीब 1500 भारतीय अफगानिस्तान में रह रहे हैं.

इस बीच, बुधवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी मजार-ए-शरीफ पहुंचे, क्योंकि तालिबान ने फैजाबाद पर रातों-रात कब्जा कर लिया था. राष्ट्रपति गनी ने जनरल अत्ता मोहम्मद नूर और मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम व अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की.

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