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किन देशों में ओलंपिक मेडल जीतने वाले एथलीट पर होती है पैसों की बारिश ? - मीराबाई चानू ने जीता सिल्वर मेडल

टोक्यो ओलंपिक में भारत को अबतक एक सिल्वर मेडल मिला है . लवलीना और पी वी सिंधु भी मेडल की कतार में हैं. मेडल जीतने वाले इन खिलाड़ियों को अच्छी प्राइज मनी मिलेगी. क्या आप जानते हैं कि विश्व के अन्य देशों में मेडल विनर एथलीट को कितनी रकम मिलती है.

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Published : Jul 30, 2021, 3:36 PM IST

Updated : Jul 30, 2021, 8:12 PM IST

हैदराबाद : टोक्यो ओलंपिक में 205 देशों के 11 हजार से अधिक एथीलीट 339 इवेंट्स में शिरकत कर रहे हैं. इसमें भारत के 119 खिलाड़ी भी शामिल हैं. अभी तक भारत के हिस्से में एक सिल्वर मेडल आया है. मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में 48 किलोग्राम कैटिगरी में सिल्वर मेडल जीता है. इसके अलावा बॉक्सिंग में एक पदक भी पक्का कर लिया है. भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन 69 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं. जीत गई तो चांदी मिलेगी और हार गई तो कांस्य. अगर लवलीना जीत जाती हैं तो उन पर भी पैसों की बारिश होगी. कितना मिलेगा, इसकी घोषणा तो जीत के बाद होगी.

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भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन ने 69 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. अब उन्हें मेडल मिलना तय है

आयोजक देते हैं सिर्फ मेडल : ओलंपिक में विनर को आयोजक की तरफ से सिर्फ मेडल ही मिलता है. आयोजकों की तरफ से कोई इनामी राशि नहीं दी जाती है. बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के आयोजन में 15.4 बिलियन डॉलर का खर्च आया है. जीतने का बाद संबंधित देश की ओलंपिक कमेटी अपने विजेता खिलाड़ियों को इनाम देती है.

मीराबाई चानू को मिली कुल कितनी प्राइज मनी : जैसे भारत के लिए अभी मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता है. भारतीय ओलंपिक कमेटी ( IOC) उन्हें 40 लाख रुपये देगी. इसके अलावा रेलवे ने उन्हें 2 करोड़ और मणिपुर सरकार ने एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. यानी मीराबाई चानू को अबतक 3 करोड़ 40 लाख रुपये का इनाम मिला है. इस रकम को डॉलर में तब्दील कर दें तो यह राशि करीब 457206 डॉलर होगी.

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प्राइज मनी संबंधित देशों की ओलंपिक कमेटी एथीलीट को देती है

सिंगापुर देता है सबसे अधिक इनामी राशि : सवाल यह है कि क्या ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद यह इनामी राशि संतोषजनक है. यह जानने के लिए हम दूसरे देशों में विनर को मिलने वाली रकम बता रहे हैं. सिंगापुर ओलंपिक कमिटी विश्व में सबसे अधिक रकम अपने ओलंपिक विजेताओं को देती है. सिंगापुर गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी को 7 लाख 37 हजार यूएस डॉलर देता है, जो भारतीय के करीब 55 करोड़ रुपये के बराबर है. इसी तरह सिल्वर और कांस्य जीतने वाले को क्रमश: 3 लाख 69 हजार और एक लाख 84 हजार डालर देती है.

अमेरिका के एथलीट को मिलते हैं कम पैसे : सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, खिलाड़ियों को मालामाल करने में कजाकिस्तान दूसरे नंबर पर है. वहां सोना जीतने वाले एथीलीट को ढाई लाख और सिल्वर विनर को डेढ़ लाख डॉलर दिया जाता है. ब्रॉन्ज जीतने वाले खिलाड़ी को भी दो लाख डॉलर मिलते हैं. मलेशिया अपने स्वर्ण पदक विजेता को 2 लाख 36 हजार डॉलर का इनाम देता है. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अपने मेडल विनर्स को इन देशों के मुकाबले काफी कम रकम देता है. डॉलर में हिसाब करें तो यह भारत से भी कम हैं. गौर करने वाली बात यह है कि प्राइज मनी कम होने के बाद भी इन देशों के एथलीट अपने देश के लिए काफी मेडल जीतते हैं और मेडल टेली के टॉप-10 में बने रहते है.

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भारतीय राज्यों में पश्चिम बंगाल सबसे कम इनामी राशि ओलंपिक मेडल विजेता को देता है

इंडिया में गोल्ड जीतने वाले को 75 लाख : भारत का ओलंपिक संघ ने गोल्ड मेडल जीतने वाले एथीलीट को 75 लाख रुपये की प्राइज मनी देने की घोषणा की है. इसे डॉलर में देखें तो करीब 100799 होती है. इसी तरह सिल्वर और ब्रॉन्ज जीतने वालों को क्रमश: 40 लाख और 25 लाख रुपये मिलेंगे. इसके अलावा भारत की राज्य की सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर विजेताओं के लिए प्राइज मनी का ऐलान किया है. साथ ही कई राज्यों में विजेताओं को नौकरी भी दी जाती है.

उत्तरप्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ प्रशासन और उड़ीसा में प्राइज मनी सर्वाधिक है. इन राज्यों में गोल्ड जीतने वालों को 6 करोड़ रुपये और सिल्वर जीतने वालों को 4 करोड़ मिलेंगे. कांस्य जीतने वालों के लिए भी 2 करोड़ रुपये की प्राइज मनी है. ओलंपिक विजेताओं को प्राइज देने में पश्चिम बंगाल ने काफी कंजूसी की है. यहां स्वर्ण पदक जीतने वाले के लिए 25 लाख, चांदी के विजेता को 15 लाख और कांस्य जीतने वाले ओलंपियन को 10 लाख ही मिलेंगे.

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले सभी एथलीटों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया था. उड़ीसा सरकार ओलंपिक जाने वालों को 15 लाख और आंध्र प्रदेश सरकार 5 लाख रुपये देती है.

यह इनामी राशि संबंधित देशों का ओलंपिक संघ देता है. भारत में मेडल जीतने वालों का भुगतान रुपये में किया जाता है. यहां कई राज्य अपने विजेताओं को इस रकम के अलावा भी इनामी राशि देते हैं.

खर्चा क्रिकेट पर तो मेडल ओलंपिक में कैसै मिलेगा?

ओलंपिक की कहानी में क्रिकेट का जिक्र करना गुस्ताखी हो सकती है. करोड़ और लाख जैसी प्राइज मनी की चर्चा के बाद अगर आप यह समझ रहे हैं कि मेडल जीतने के बाद भारतीय एथीलीट देश के धनी खिलाड़ियों में शुमार हो जाएंगे तो यह गलत है. यह कड़वा है मगर सच है. भारत में खिलाड़ियों पर पैसा सिर्फ क्रिकेट में ही बरसता है. आपने गौर किया होगा कि ओलंपिक के मेडल विनर गिने-चुने विज्ञापनों में नजर आते हैं. उन्हें कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर कोई बड़ी रकम नहीं मिलती है.

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भारतीय क्रिकेटरों को बीसीसीआई से अनुबंध के तहत हर साल एकमुश्त रकम मिलती है, इसके अलावा उन्हें मैच फीस भी मिलती है.

बीसीसीआई (BCCI) ग्रेड ए प्लस के तहत आने वाले खिलाड़ियों के साथ 7 करोड़ रुपये का सालाना अनुबंध करती है. जबकि ग्रेड ए के तहत आने वाले खिलाड़ियों को हर साल 5 करोड़ रुपये, ग्रेड बी के लिए 3 करोड़ रुपये और ग्रेड सी के लिए हर साल 1 करोड़ रुपये खिलाड़ियों को मिलते हैं. टीम इंडिया के खिलाड़ियों को एक टेस्ट खेलने के 15 लाख रुपये मिलते हैं. जबकि एक वनडे के 6 लाख और एक टी20 के 3 लाख रुपये मिलते हैं. इसके अलावा जो मैच में नहीं खेल रहे होते हैं, उन्हें इसके आधे पैसे मिलते हैं. यह कमाई तो शुद्ध खेल से ही है. ऐसे में भारत का ओलंपिक में मेडल का इंतजार करना लाजिमी है.

हैदराबाद : टोक्यो ओलंपिक में 205 देशों के 11 हजार से अधिक एथीलीट 339 इवेंट्स में शिरकत कर रहे हैं. इसमें भारत के 119 खिलाड़ी भी शामिल हैं. अभी तक भारत के हिस्से में एक सिल्वर मेडल आया है. मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में 48 किलोग्राम कैटिगरी में सिल्वर मेडल जीता है. इसके अलावा बॉक्सिंग में एक पदक भी पक्का कर लिया है. भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन 69 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं. जीत गई तो चांदी मिलेगी और हार गई तो कांस्य. अगर लवलीना जीत जाती हैं तो उन पर भी पैसों की बारिश होगी. कितना मिलेगा, इसकी घोषणा तो जीत के बाद होगी.

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भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन ने 69 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. अब उन्हें मेडल मिलना तय है

आयोजक देते हैं सिर्फ मेडल : ओलंपिक में विनर को आयोजक की तरफ से सिर्फ मेडल ही मिलता है. आयोजकों की तरफ से कोई इनामी राशि नहीं दी जाती है. बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के आयोजन में 15.4 बिलियन डॉलर का खर्च आया है. जीतने का बाद संबंधित देश की ओलंपिक कमेटी अपने विजेता खिलाड़ियों को इनाम देती है.

मीराबाई चानू को मिली कुल कितनी प्राइज मनी : जैसे भारत के लिए अभी मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता है. भारतीय ओलंपिक कमेटी ( IOC) उन्हें 40 लाख रुपये देगी. इसके अलावा रेलवे ने उन्हें 2 करोड़ और मणिपुर सरकार ने एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. यानी मीराबाई चानू को अबतक 3 करोड़ 40 लाख रुपये का इनाम मिला है. इस रकम को डॉलर में तब्दील कर दें तो यह राशि करीब 457206 डॉलर होगी.

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प्राइज मनी संबंधित देशों की ओलंपिक कमेटी एथीलीट को देती है

सिंगापुर देता है सबसे अधिक इनामी राशि : सवाल यह है कि क्या ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद यह इनामी राशि संतोषजनक है. यह जानने के लिए हम दूसरे देशों में विनर को मिलने वाली रकम बता रहे हैं. सिंगापुर ओलंपिक कमिटी विश्व में सबसे अधिक रकम अपने ओलंपिक विजेताओं को देती है. सिंगापुर गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी को 7 लाख 37 हजार यूएस डॉलर देता है, जो भारतीय के करीब 55 करोड़ रुपये के बराबर है. इसी तरह सिल्वर और कांस्य जीतने वाले को क्रमश: 3 लाख 69 हजार और एक लाख 84 हजार डालर देती है.

अमेरिका के एथलीट को मिलते हैं कम पैसे : सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, खिलाड़ियों को मालामाल करने में कजाकिस्तान दूसरे नंबर पर है. वहां सोना जीतने वाले एथीलीट को ढाई लाख और सिल्वर विनर को डेढ़ लाख डॉलर दिया जाता है. ब्रॉन्ज जीतने वाले खिलाड़ी को भी दो लाख डॉलर मिलते हैं. मलेशिया अपने स्वर्ण पदक विजेता को 2 लाख 36 हजार डॉलर का इनाम देता है. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अपने मेडल विनर्स को इन देशों के मुकाबले काफी कम रकम देता है. डॉलर में हिसाब करें तो यह भारत से भी कम हैं. गौर करने वाली बात यह है कि प्राइज मनी कम होने के बाद भी इन देशों के एथलीट अपने देश के लिए काफी मेडल जीतते हैं और मेडल टेली के टॉप-10 में बने रहते है.

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भारतीय राज्यों में पश्चिम बंगाल सबसे कम इनामी राशि ओलंपिक मेडल विजेता को देता है

इंडिया में गोल्ड जीतने वाले को 75 लाख : भारत का ओलंपिक संघ ने गोल्ड मेडल जीतने वाले एथीलीट को 75 लाख रुपये की प्राइज मनी देने की घोषणा की है. इसे डॉलर में देखें तो करीब 100799 होती है. इसी तरह सिल्वर और ब्रॉन्ज जीतने वालों को क्रमश: 40 लाख और 25 लाख रुपये मिलेंगे. इसके अलावा भारत की राज्य की सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर विजेताओं के लिए प्राइज मनी का ऐलान किया है. साथ ही कई राज्यों में विजेताओं को नौकरी भी दी जाती है.

उत्तरप्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ प्रशासन और उड़ीसा में प्राइज मनी सर्वाधिक है. इन राज्यों में गोल्ड जीतने वालों को 6 करोड़ रुपये और सिल्वर जीतने वालों को 4 करोड़ मिलेंगे. कांस्य जीतने वालों के लिए भी 2 करोड़ रुपये की प्राइज मनी है. ओलंपिक विजेताओं को प्राइज देने में पश्चिम बंगाल ने काफी कंजूसी की है. यहां स्वर्ण पदक जीतने वाले के लिए 25 लाख, चांदी के विजेता को 15 लाख और कांस्य जीतने वाले ओलंपियन को 10 लाख ही मिलेंगे.

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले सभी एथलीटों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया था. उड़ीसा सरकार ओलंपिक जाने वालों को 15 लाख और आंध्र प्रदेश सरकार 5 लाख रुपये देती है.

यह इनामी राशि संबंधित देशों का ओलंपिक संघ देता है. भारत में मेडल जीतने वालों का भुगतान रुपये में किया जाता है. यहां कई राज्य अपने विजेताओं को इस रकम के अलावा भी इनामी राशि देते हैं.

खर्चा क्रिकेट पर तो मेडल ओलंपिक में कैसै मिलेगा?

ओलंपिक की कहानी में क्रिकेट का जिक्र करना गुस्ताखी हो सकती है. करोड़ और लाख जैसी प्राइज मनी की चर्चा के बाद अगर आप यह समझ रहे हैं कि मेडल जीतने के बाद भारतीय एथीलीट देश के धनी खिलाड़ियों में शुमार हो जाएंगे तो यह गलत है. यह कड़वा है मगर सच है. भारत में खिलाड़ियों पर पैसा सिर्फ क्रिकेट में ही बरसता है. आपने गौर किया होगा कि ओलंपिक के मेडल विनर गिने-चुने विज्ञापनों में नजर आते हैं. उन्हें कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर कोई बड़ी रकम नहीं मिलती है.

etv bharat
भारतीय क्रिकेटरों को बीसीसीआई से अनुबंध के तहत हर साल एकमुश्त रकम मिलती है, इसके अलावा उन्हें मैच फीस भी मिलती है.

बीसीसीआई (BCCI) ग्रेड ए प्लस के तहत आने वाले खिलाड़ियों के साथ 7 करोड़ रुपये का सालाना अनुबंध करती है. जबकि ग्रेड ए के तहत आने वाले खिलाड़ियों को हर साल 5 करोड़ रुपये, ग्रेड बी के लिए 3 करोड़ रुपये और ग्रेड सी के लिए हर साल 1 करोड़ रुपये खिलाड़ियों को मिलते हैं. टीम इंडिया के खिलाड़ियों को एक टेस्ट खेलने के 15 लाख रुपये मिलते हैं. जबकि एक वनडे के 6 लाख और एक टी20 के 3 लाख रुपये मिलते हैं. इसके अलावा जो मैच में नहीं खेल रहे होते हैं, उन्हें इसके आधे पैसे मिलते हैं. यह कमाई तो शुद्ध खेल से ही है. ऐसे में भारत का ओलंपिक में मेडल का इंतजार करना लाजिमी है.

Last Updated : Jul 30, 2021, 8:12 PM IST
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