नई दिल्ली : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की क्लास 10 और क्लास 12 की टर्म 2 की परीक्षा 26 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. 26 अप्रैल से 12वीं का एग्जाम शुरू हुआ है जबकि 10वीं की परीक्षाएं 05 मई से 24 मई तक आयोजित की जाएंगी. 12वीं की परीक्षा 19 मई तक होंगी. सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में 35 लाख से अधिक स्टूडेंट शामिल हो रहे हैं , इनमें से 21,16,209 छात्र क्लास 10 के परीक्षार्थी हैं. 12वीं का एग्जाम देने वाले छात्रों की तादाद 14,54,370 है. सीबीएसई के नए नियम के तहत दूसरे टर्म की परीक्षा अप्रैल-मई माह में आयोजित की जा रही है. नवंबर-दिसंबर माह में पहले टर्म की परीक्षा आयोजित की गई थी.
टर्म टू एग्जाम के बाद रिजल्ट घोषित किए जाएंगे. ये नतीजे 9 पॉइंट स्केल ग्रेडिंग प्रणाली पर आधारित होंगे और क्लास में प्रमोशन के लिए पांच विषयों में से चार में योग्य ग्रेड प्राप्त करने की आवश्यकता होगी. छात्रों की मार्कशीट पर पास या फेल नहीं लिखे जाएंगे. छात्रों के पास अपनी परीक्षा से दो साल की अवधि के भीतर ग्रेड में सुधार करने के लिए चार विकल्प होंगे. मगर यह जानना जरूरी है कि ग्रेडिंग कैसे होती है.
कैसे बंटता सीबीएसई का ग्रेड
- A1 : पास कैंडिडेट में से टॉप 1/8 छात्रों को A-1 ग्रेड मिलेगा. यानी 8 पास कैंडिडेट में से एक को मरिट के आधार पर ग्रेड मिलता है.
- A2 : बचे हुए पास कैंडिडेट में अगले 1/8 को A2 ग्रेड मिलता है.
- B1 : दो ग्रेड बंटने के बाद जितने पास कुल छात्र बचे, उनमें से अगले 1/8 कैंडिडेट को B1 ग्रेड दिया जाता है.
- B 2 : इसी तरह फिर बचे हुए कुल छात्रों में अगले 1/8 सफल स्टूडेंट B2 के दायरे में आते हैं
- C1 : ग्रेडिंग का 1/8 का फार्मूला चलता रहेगा. चार ग्रेड बंटने के बाद बचे हुए सफल छात्रों में 1:8 के रेश्यो से C1 ग्रेड दिया जाता है.
- इसी तरह बचे हुए सफल कैंडिडेट को 1/8 फार्मूले के आधार पर C2, D1, D2 ग्रेड दिए जाएंगे. कम नंबर पाने वाले स्टूडेंट के E ग्रेड दिया जाता है. उन्हें ग्रेड पॉइंट नहीं दिया जाता है.
इसे उदाहरण के साथ समझें : इस साल एग्जाम में 5000 छात्र शामिल हुए और उनमें से 4880 पास हुए. अब सबसे पहले मेरिट के आधार पर A1 ग्रेडिंग होगी. 1/8 फार्मूले के आधार पर 4880 में से पहले 610 स्टूडेंट को A1 ग्रेड दिया जाएगा. अब ग्रेडिंग के लिए 4270 स्टूडेंट बच गए. सीबीएसई फिर 1/8 का फार्मूला लागू करेगा और करीब 534 छात्रों को A2 ग्रेड देगा. अब बचे 3736 छात्र, उनमें से 467 को B1 ग्रेड मिलेगा. अब बचे हुए 3269 सफल छात्रों में 408 को B2 ग्रेड दिया जाएगा. ऐसे ही ग्रेडिंग का सिलसिला C1, C2, D, E तक चलेगा. हर ग्रेड के लिए पॉइंट दिए जाएंगे. यह भी जानना जरूरी है कि किस मार्क्स रेंज के हिसाब से ग्रेडिंग होती है. ये ग्रेड छात्रों के प्राप्त अंकों के आधार पर दिया जाता है.
जानिए क्या है 9 पॉइंट ग्रेडिंग सिस्टम
स्कोर किए गए मार्क्स | ग्रेड | ग्रेड पॉइंट |
91-100 | A1 | 10.0 |
81-90 | A2 | 9.0 |
71-80 | B1 | 8.0 |
61-70 | B2 | 7.0 |
51-60 | C1 | 6.0 |
41-50 | C2 | 5.0 |
33-40 | D | 4.0 |
21-32 | E1 | C |
00-20 | E2 | C |
CGPA से Percent में बदलने का तरीका : इसे समझने के लिए एक उदाहरण पर बात करते हैं. एक स्टूडेंट ने एग्जाम पांच पेपर दिए. उसके रिजल्ट में साइंस के लिए A1 ग्रेड मिला. यानी उसे 91 से 100 के बीच नंबर मिले. मैथ्स के लिए A2 ग्रेड मिला है, यानी उसने 81 से 90 मार्क्स स्कोर किेए है. इसी तरह उसने सोशल साइंस में A2, इंग्लिश में A1 और लैंग्वेज में B2 ग्रेड हासिल किए हैं. इस रिजल्ट के हिसाब से अब स्टूडेंट का ग्रेड पॉइंट कैलकुलेट करते हैं.
उसने दो सब्जेक्ट में A1 ग्रेड हासिल किए थे यानी उसने 20 पॉइंट हासिल किए. उसे दो सब्जेक्ट्स में A2 ग्रेड यानी 18 पॉइंट और जुड़ गए. एक सब्जेक्ट में B2 की ग्रेडिंग मिली, यानी 7 पॉइंट और मिलेंगे. इस हिसाब से पांच विषयों में कुल (10+10+9+9+7) यानी 45 पॉइंट हासिल किए . चूंकि यह पॉइंट पांच विषयों के हैं इसलिए कुल पॉइंटस को 5 से भाग करेंगे यानी (45/5). इसके बाद जो रिजल्ट आएगा, वह अंतिम सीजीपीए होगा. इस हिसाब से स्टूडेंट का ओवरऑल सीजीपीए (CGPA) 9 हो गया.
अगर स्टूडेंट की इच्छा है कि उसे कुल कितने पर्सेंट नंबर मिले हैं, इसे जानने के लिए सभी सब्जेक्ट के सीजीपीए को 9.5 से गुणा करें फिर उसे 5 से भाग (Devide) करें. जैसे ( 9X9.5 = 85.5). सीजीपीए को परसेंटेज में बदलने के लिए छात्र सीजीपीए कैलकुलेटर (CGPA Calculator) का इस्तेमाल कर सकते हैं. रिजल्ट के बाद जिन छात्रों को लगता है कि उनकी ग्रेडिंग उम्मीद से कम है तो वह दो साल के भीतर इसे सुधारने के लिए दोबारा एग्जाम दे सकते हैं.
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