अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कभी कटु आलोचक रहे पूर्व कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए. अहमदाबाद स्थित भाजपा दफ्तर 'कमलम' में हार्दिक पटेल ने नितिन पटेल, गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले हार्दिक ने ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक 'सिपाही' के तौर पर काम करेंगे और एक 'नए अध्याय' का आरंभ करेंगे.
उन्होंने ट्वीट किया, राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं. भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करुंगा.
गुजरात की 182-सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. पटेल (28) ने 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था. कभी भाजपा के धुर आलोचक रहे पटेल के खिलाफ गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार ने राजद्रोह सहित कई आरोपों में मामले दर्ज किए थे.
पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और बाद में उन्हें राज्य इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया था. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद, ऐसी अटकलें थीं कि वह राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी, जबकि फैसले करने की भाजपा की क्षमता और कार्यशैली की तारीफ की थी.
पटेल ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि पार्टी ने देश में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर केवल 'एक अवरोधक की भूमिका निभाई' है और वह 'हर चीज का केवल विरोध करने तक ही सिमट गई' है.
वह 2015 में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदार समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किए गए आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे. उन्होंने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था. आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 10 लोग मारे गए थे और सार्वजनिक संपत्तियों तथा वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा था. पटेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), 121 (ए) तथा 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था और वह 2016 से जमानत पर हैं. भाजपा सरकार ने भी हाल ही में 2015 के आरक्षण आंदोलन के संबंध में हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाए हैं.
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