नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को साफ कर दिया कि अभी आठवें वेतन आयोग के गठन पर विचार नहीं किया गया और न ही इस पर कोई चर्चा की गई है. लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.
उनसे यह सवाल पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार के पास आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन है या नहीं, क्योंकि इसे एक जनवरी 2026 से लागू करना होगा. सरकार ने इसका जवाब 'ना' में दिया.
आपको बता दें कि अभी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार के कर्मियों को सैलरी दी जा रही है. आम तौर पर हर दस साल के बाद वेतन आयोग का गठन किया जाता है. इनकी संस्तुतियों के आधार पर ही केंद्रीय कर्मियों के सैलरी स्ट्रक्चर में संशोधन किया जाता है. सातवें वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी 2014 को किया गया था. सबसे पहला वेतन आयोग का गठन 1946 में किया गया था.
गौरतलब है कि वेतन आयोग का संवैधानिक ढांचा वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अंतर्गत आता है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि बढ़ती महंगाई का असर सैलरी पर न पड़े, इसके लिए सरकार डीए देती है. औद्योगिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति का आकलन कर डीए का संशोधन किया जाता है.
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