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सैलानियों के लिए अच्छी खबर, प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ नौरादेही टाइगर रिजर्व, हिमालयन गिद्ध बने आकर्षण का केंद्र

Good News for Tourists: एमपी के टाइगर रिजर्व में इन दिनों अद्भुत नजारा देखने मिल रहा है. नौरादेही टाइगर रिजर्व में इस समय देशी और विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लगा हुआ है. यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के पक्षी भी यहां पहुंचे हुए हैं. वहीं हिमालयन गिद्ध भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

Good News for Tourists
नौरादेही में अद्भुत नजारा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 29, 2023, 8:13 PM IST

क्या बोले टाइगर रिजर्व के उपसंचालक

सागर। मध्य प्रदेश के सातवें टाइगर रिजर्व के रूप में नौरादेही टाइगर रिजर्व जहां अपने लगातार बढ़ते बाघों के कुनबे के कारण पूरे प्रदेश और देश में मशहूर हो रहा है, तो ठंड के मौसम में टाइगर रिजर्व के जलस्त्रोतों के आसपास प्रवासी पक्षियों का जमकर जमावड़ा लगा है. यहां के छेवला तालाब और जमरासीखेड़ा तालाब पर भी प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा है. टाइगर रिजर्व के अंदर की दोनों नदियां बमनेर और ब्यारमा पर भी काफी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे है.

खास बात ये है कि इस बार पिछले सालों की अपेक्षा प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी ज्यादा है. इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस इलाके में कई तरह के प्रतिबंध लागू होने से नौरादेही में इंसानी दखल कम हुआ है और इन प्रवासी पक्षियों को अनुकूल मौसम और बेहतर माहौल आकर्षित कर रहा है. इस बार बड़ी संख्या में यहां हिमालयन गिद्ध आए हैं, जो इतने बडे़ पैमाने पर पिछले सालों में नहीं आते थे.

Nauradehi Tiger Reserve
नौरादेही टाइगर रिजर्व

यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा: जहां तक नौरादेही टाइगर रिजर्व में प्रवासी पक्षियों की आमद की बात करें, तो यहां ये प्रवासी पक्षी 3 हजार किलोमीटर तक का सफर करके पहुंचते हैं. टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ ए ए अंसारी बताते हैं कि 'नौरादेही के विशाल क्षेत्रफल और यहां मौजूद जलाशय और नदियों के कारण सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षियों की आमद कई सालों से हो रही है. ये मेहमान पक्षी देश के उन इलाकों से तो आते हीं है, जहां काफी ज्यादा ठंड और बर्फबारी होती है. इसके अलावा यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के पक्षी तो 3 हजार किमी सफर तय करके नौरादेही पहुंचते हैं.

Nauradehi Tiger Reserve
नौरादेही में सुंदर पक्षी की तस्वीर

दरअसल जिन इलाकों में बर्फबारी ज्यादा होती है, वहां के पक्षी ऐसे ठिकाने की तलाश में रहते हैं. जहां उन्हें अनुकूल वातावरण मिले. सुरक्षित ठिकाने के अलावा भरपूर भोजन की उपलब्धता के कारण नौरादेही इनका पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा है. फिलहाल हिमालय के अलावा, यूरोप और दक्षिण अफ्रीका में बर्फबारी का सीजन है, तो वहां के पक्षी यहां आ चुके हैं. फरवरी तक आपको ये दिखाई देगें और यही समय इनका प्रजनन काल होता है. इसके बाद ये अपने बढ़े हुए कुनबे के साथ वापस हो जाएंगे.

नौरादेही में इन जगहों पर बनाया ठिकाना: जहां तक इन प्रवासी पक्षियों की बात करें, तो नौरादेही का मौसम इनको रास आने की कई वजहे है. दरअसल यह विशाल क्षेत्रफल का संरक्षित वन है. यहां पर वन्यजीवों के लिए छेवला तालाब और जमरासीखेडा तालाब इनका पसंदीदा ठिकाना है. इन दोनों तालाबों के किनारे के विशाल वृक्षों पर ये ठिकाना बनाते हैं. यहां ठंड के मौसम में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी मिलते हैं. इसके अलावा टाइगर रिजर्व की दो बड़ी नदियां बमनेर और ब्यारमा भी इनका पसंदीदा ठिकाना है. इन नदियों के किनारे सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी धूप सेकते हुए नजर आते हैं. खासकर नौरादेही को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद यहां कई तरह के प्रतिबंध लागू होने के बाद यहां के वातावरण में सुधार हुआ और इंसानी हस्तक्षेप कम हुआ है. इसलिए इस बार काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आए हैं.

Nauradehi Tiger Reserve
प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा

हिमालयन ग्रिफन की भारी तादाद आकर्षण का केंद्र: हिमालय के अलावा अफगानिस्तान, भूटान, तुर्किस्तान और तिब्बत में ये गिद्ध पाए जाते हैं. ये काफी बडे़ आकार और हल्के पीले रंग का गिद्ध होता है. इसका सिर गंजा होता है और पंख काफी बडे़ होते हैं. इनका प्रमुख ठिकाना हिमालय में 1200 से 5000 मीटर की ऊंचाई पर होता है. ये हिमालयन ग्रिफन शिकार नहीं करते हैं, बल्कि आसमान से जमीन पर नजर रखते हुए मरे हुए जानवर इनका प्रमुख भोजन है.

इसी वजह से इनकी संख्या में गिरावट भी देखने मिली है, क्योंकि पशुओं को दी जाने वाली दर्दनाशक दवाएं और अन्य दवाओं से इनकी सेहत पर भी असर पड़ा है. हिमालयन ग्रिफन वैसे तो लंबे समय से नौरादेही में सर्दी के मौसम में देखे जाते थे, लेकिन इस बार में इनकी काफी संख्या बड़ा आकर्षण का केंद्र है.

Nauradehi Tiger Reserve
पेंटेड स्टार्क

दूसरे प्रवासी पक्षी भी कर रहे हैं आकर्षित: हिमालयन ग्रिफन के अलावा नौरादेही में दूसरे प्रवासी पक्षी भी काफी संख्या में देखने को मिल रहे हैं. जिनमें हरियाणा में काफी संख्या में पाये जाने वाला वुली नेक्ड स्टार्क भी काफी संख्या में देखा जा रहा है. इसके अलावा पेंटेड स्टार्क (सारस) अपने परिवार के साथ नौरादेही पहुंचे है. हिमालय में पाये जाना वाले ये सारस गुलाबी छरहरे शरीर के होते हैं. इसके साथ ही ब्लैक स्टार्क अपने प्रजनन काल के हिसाब से काफी संख्या में पहुंचे हैं. इन्होंने तालाब और नदी किनारों के पेड़ों को ठिकाना बनाया है. जहां ये ऊंचे पेड़ों पर अपने अंडे देते हैं. इसके अलावा यूरोप, एशिया और अफ्रीका में पाये जाने वाला ग्रे हेरान भी नौरादेही पहुंचा है.

Nauradehi Tiger Reserve
हिमालयन गिद्ध

यहां पढ़ें...

क्या कहना है प्रबंधन का: नौरादेही टाइगर रिजर्व के उपसंचालक डाॅ एए अंसारी का कहना है कि 'अभी नौरादेही में जो हमारे जलाशय छेवला और जगरासीखेड़ा है. वहीं दो नदियां बमनेर और ब्यारमा है. यहां काफी प्रवासी पक्षी आते हैं. जिनमें कई तरह की बत्तख आती है. पेटेंड स्टाॅर्क, ग्रे हेरान और काफी संख्या में हिमालयन ग्रिफन पहुंचे है. यहां काफी संख्या में ये हिमालयन ग्रिफन (गिद्ध) देखे जा रहे हैं. फिलहाल छेवला तालाब और जगरासीखेडा में इनका जमावडा आपको आसानी से देखने मिल जाएगा.

क्या बोले टाइगर रिजर्व के उपसंचालक

सागर। मध्य प्रदेश के सातवें टाइगर रिजर्व के रूप में नौरादेही टाइगर रिजर्व जहां अपने लगातार बढ़ते बाघों के कुनबे के कारण पूरे प्रदेश और देश में मशहूर हो रहा है, तो ठंड के मौसम में टाइगर रिजर्व के जलस्त्रोतों के आसपास प्रवासी पक्षियों का जमकर जमावड़ा लगा है. यहां के छेवला तालाब और जमरासीखेड़ा तालाब पर भी प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा है. टाइगर रिजर्व के अंदर की दोनों नदियां बमनेर और ब्यारमा पर भी काफी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे है.

खास बात ये है कि इस बार पिछले सालों की अपेक्षा प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी ज्यादा है. इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस इलाके में कई तरह के प्रतिबंध लागू होने से नौरादेही में इंसानी दखल कम हुआ है और इन प्रवासी पक्षियों को अनुकूल मौसम और बेहतर माहौल आकर्षित कर रहा है. इस बार बड़ी संख्या में यहां हिमालयन गिद्ध आए हैं, जो इतने बडे़ पैमाने पर पिछले सालों में नहीं आते थे.

Nauradehi Tiger Reserve
नौरादेही टाइगर रिजर्व

यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा: जहां तक नौरादेही टाइगर रिजर्व में प्रवासी पक्षियों की आमद की बात करें, तो यहां ये प्रवासी पक्षी 3 हजार किलोमीटर तक का सफर करके पहुंचते हैं. टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ ए ए अंसारी बताते हैं कि 'नौरादेही के विशाल क्षेत्रफल और यहां मौजूद जलाशय और नदियों के कारण सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षियों की आमद कई सालों से हो रही है. ये मेहमान पक्षी देश के उन इलाकों से तो आते हीं है, जहां काफी ज्यादा ठंड और बर्फबारी होती है. इसके अलावा यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के पक्षी तो 3 हजार किमी सफर तय करके नौरादेही पहुंचते हैं.

Nauradehi Tiger Reserve
नौरादेही में सुंदर पक्षी की तस्वीर

दरअसल जिन इलाकों में बर्फबारी ज्यादा होती है, वहां के पक्षी ऐसे ठिकाने की तलाश में रहते हैं. जहां उन्हें अनुकूल वातावरण मिले. सुरक्षित ठिकाने के अलावा भरपूर भोजन की उपलब्धता के कारण नौरादेही इनका पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा है. फिलहाल हिमालय के अलावा, यूरोप और दक्षिण अफ्रीका में बर्फबारी का सीजन है, तो वहां के पक्षी यहां आ चुके हैं. फरवरी तक आपको ये दिखाई देगें और यही समय इनका प्रजनन काल होता है. इसके बाद ये अपने बढ़े हुए कुनबे के साथ वापस हो जाएंगे.

नौरादेही में इन जगहों पर बनाया ठिकाना: जहां तक इन प्रवासी पक्षियों की बात करें, तो नौरादेही का मौसम इनको रास आने की कई वजहे है. दरअसल यह विशाल क्षेत्रफल का संरक्षित वन है. यहां पर वन्यजीवों के लिए छेवला तालाब और जमरासीखेडा तालाब इनका पसंदीदा ठिकाना है. इन दोनों तालाबों के किनारे के विशाल वृक्षों पर ये ठिकाना बनाते हैं. यहां ठंड के मौसम में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी मिलते हैं. इसके अलावा टाइगर रिजर्व की दो बड़ी नदियां बमनेर और ब्यारमा भी इनका पसंदीदा ठिकाना है. इन नदियों के किनारे सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी धूप सेकते हुए नजर आते हैं. खासकर नौरादेही को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद यहां कई तरह के प्रतिबंध लागू होने के बाद यहां के वातावरण में सुधार हुआ और इंसानी हस्तक्षेप कम हुआ है. इसलिए इस बार काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आए हैं.

Nauradehi Tiger Reserve
प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा

हिमालयन ग्रिफन की भारी तादाद आकर्षण का केंद्र: हिमालय के अलावा अफगानिस्तान, भूटान, तुर्किस्तान और तिब्बत में ये गिद्ध पाए जाते हैं. ये काफी बडे़ आकार और हल्के पीले रंग का गिद्ध होता है. इसका सिर गंजा होता है और पंख काफी बडे़ होते हैं. इनका प्रमुख ठिकाना हिमालय में 1200 से 5000 मीटर की ऊंचाई पर होता है. ये हिमालयन ग्रिफन शिकार नहीं करते हैं, बल्कि आसमान से जमीन पर नजर रखते हुए मरे हुए जानवर इनका प्रमुख भोजन है.

इसी वजह से इनकी संख्या में गिरावट भी देखने मिली है, क्योंकि पशुओं को दी जाने वाली दर्दनाशक दवाएं और अन्य दवाओं से इनकी सेहत पर भी असर पड़ा है. हिमालयन ग्रिफन वैसे तो लंबे समय से नौरादेही में सर्दी के मौसम में देखे जाते थे, लेकिन इस बार में इनकी काफी संख्या बड़ा आकर्षण का केंद्र है.

Nauradehi Tiger Reserve
पेंटेड स्टार्क

दूसरे प्रवासी पक्षी भी कर रहे हैं आकर्षित: हिमालयन ग्रिफन के अलावा नौरादेही में दूसरे प्रवासी पक्षी भी काफी संख्या में देखने को मिल रहे हैं. जिनमें हरियाणा में काफी संख्या में पाये जाने वाला वुली नेक्ड स्टार्क भी काफी संख्या में देखा जा रहा है. इसके अलावा पेंटेड स्टार्क (सारस) अपने परिवार के साथ नौरादेही पहुंचे है. हिमालय में पाये जाना वाले ये सारस गुलाबी छरहरे शरीर के होते हैं. इसके साथ ही ब्लैक स्टार्क अपने प्रजनन काल के हिसाब से काफी संख्या में पहुंचे हैं. इन्होंने तालाब और नदी किनारों के पेड़ों को ठिकाना बनाया है. जहां ये ऊंचे पेड़ों पर अपने अंडे देते हैं. इसके अलावा यूरोप, एशिया और अफ्रीका में पाये जाने वाला ग्रे हेरान भी नौरादेही पहुंचा है.

Nauradehi Tiger Reserve
हिमालयन गिद्ध

यहां पढ़ें...

क्या कहना है प्रबंधन का: नौरादेही टाइगर रिजर्व के उपसंचालक डाॅ एए अंसारी का कहना है कि 'अभी नौरादेही में जो हमारे जलाशय छेवला और जगरासीखेड़ा है. वहीं दो नदियां बमनेर और ब्यारमा है. यहां काफी प्रवासी पक्षी आते हैं. जिनमें कई तरह की बत्तख आती है. पेटेंड स्टाॅर्क, ग्रे हेरान और काफी संख्या में हिमालयन ग्रिफन पहुंचे है. यहां काफी संख्या में ये हिमालयन ग्रिफन (गिद्ध) देखे जा रहे हैं. फिलहाल छेवला तालाब और जगरासीखेडा में इनका जमावडा आपको आसानी से देखने मिल जाएगा.

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