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लखीमपुर खीरी हिंसा : ETV BHARAT से बोले अखिलेश यादव- इतनी तानाशाही हिटलर के शासन काल में भी नहीं थी

लखीमपुर की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री व सपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.

Akhilesh Yadav
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Published : Oct 4, 2021, 3:37 PM IST

लखनऊ : लखीमपुर की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री व सपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार दिया. उन्होंने कहा कि इतनी तानाशाही हिटलर के शासन काल में भी नहीं थी.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सपा की मांग है कि मृतक किसानों के परिवारों को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए. इस मौके पर उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि किसानों की छवि खराब करने के लिए पुलिस ने ही गाड़ियों को जलाया हो. उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए. बता दें, कि सपाध्यक्ष को पुलिस ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लेकर ईको गार्डन में रखा है. हिरासत में लेने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस उन्हें ईको गार्डन छोड़कर खुद वहां से चली गई.

ETV BHARAT से अखिलेश यादव की बातचीत.

ये है मामला

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. खबरों के मुताबिक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी थी.

लखीमपुर खीरी में किसानों और सरकार के बीच समझौता हो गया है. इसमें सरकार सभी मृतक किसानों को 45-45 लाख रुपये देगी. वहीं घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है. इसके अलावा परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने ट्वीट कर बताया कि लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी. घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे.

उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है. हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियों की तैनाती 6 अक्टूबर तक रहेगी. कोई भी दोषी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा, बहुत जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. तहरीर पर समुचित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई हैं.

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज

लखीमपुर में हिंसक झड़प के दौरान किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या और आपराधिक साजिश सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. लखीमपुर के तिकुनिया थाने में उनके खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना और बलवा की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. यह एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है.

पढ़ेंः मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार

लखनऊ : लखीमपुर की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री व सपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार दिया. उन्होंने कहा कि इतनी तानाशाही हिटलर के शासन काल में भी नहीं थी.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सपा की मांग है कि मृतक किसानों के परिवारों को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए. इस मौके पर उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि किसानों की छवि खराब करने के लिए पुलिस ने ही गाड़ियों को जलाया हो. उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए. बता दें, कि सपाध्यक्ष को पुलिस ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लेकर ईको गार्डन में रखा है. हिरासत में लेने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस उन्हें ईको गार्डन छोड़कर खुद वहां से चली गई.

ETV BHARAT से अखिलेश यादव की बातचीत.

ये है मामला

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. खबरों के मुताबिक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी थी.

लखीमपुर खीरी में किसानों और सरकार के बीच समझौता हो गया है. इसमें सरकार सभी मृतक किसानों को 45-45 लाख रुपये देगी. वहीं घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है. इसके अलावा परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने ट्वीट कर बताया कि लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी. घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे.

उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है. हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियों की तैनाती 6 अक्टूबर तक रहेगी. कोई भी दोषी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा, बहुत जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. तहरीर पर समुचित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई हैं.

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज

लखीमपुर में हिंसक झड़प के दौरान किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या और आपराधिक साजिश सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. लखीमपुर के तिकुनिया थाने में उनके खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना और बलवा की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. यह एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है.

पढ़ेंः मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार

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