नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठकों के साथ-साथ जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के एक हफ्ते के दौरे पर रवाना हो गई हैं.
अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान, सीतारमण के अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन से मिलने की भी उम्मीद है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा, 'केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 अक्टूबर, 2021 से शुरू होने वाली अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान आईएमएफ एवं विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों, जी-20 एफएमसीबीजी बैठक, भारत-अमेरिका आर्थिक और वित्तीय वार्ता तथा निवेश से जुड़ी दूसरी बैठकों में हिस्सा लेंगी.'
अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के तहत, वह बड़े पेंशन फंड और निजी इक्विटी कंपनियों सहित निवेशकों को भी संबोधित करेंगी और उन्हें भारत के विकास के सफर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करेंगी.
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत के सबसे ज्यादा वृद्धि दर दर्ज करने की उम्मीद है. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि हासिल कर सकता है.
महामारी के प्रकोप के बाद यह पहली बार है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक प्रत्यक्ष उपस्थिति में हो रही हैं. हालांकि, गणमान्य लोगों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लेने का विकल्प भी उपलब्ध है.
वैश्विक कर सौदे को मंजूरी मिलने की उम्मीद
सीतारमण 13 अक्टूबर को निर्धारित एफएमसीबीजी में हिस्सा लेंगी, जिसमें वैश्विक कर सौदे को मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इस सौदे के बाद, भारत को डिजिटल सेवा कर या इस तरह के दूसरे उपायों को वापस लेना पड़ सकता है और भविष्य में इस तरह के उपायों को पेश नहीं करने की प्रतिबद्धता देनी पड़ सकती है.
अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली में एक बड़े सुधार के तहत, भारत सहित 136 देशों ने वैश्विक कर मानदंडों में बदलाव के लिए सहमति जताई है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां कहीं भी काम करती हों, वहां न्यूनतम 15 प्रतिशत की दर से करों का भुगतान करें.
हालांकि, शुक्रवार को जारी आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) की कार्यान्वयन योजना के अनुसार इस सौदे के लिए देशों को सभी डिजिटल सेवा कर और इस तरह के दूसरे उपायों को हटाने तथा भविष्य में इस तरह के उपायों को पेश नहीं करने की प्रतिबद्धता देनी होगी.
पढ़ें- वित्त मंत्री का कांग्रेस पर तीखा हमला, बोलीं- इनके डीएनए में 'लूट' है