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Farm Laws Withdrawal : पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा का खुला पत्र, जताया असंतोष

कृषि कानूनों की वापसी (farm laws withdrawal) का एलान होने के बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा (SKM open letter to PM Modi) है. आंदोलनरत किसानों की छह मांगें रखीं हैं. किसानों ने पीएम को लिखे पत्र (farmers letter to pm modi) में असंतोष भी जाहिर किया है.

पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा
पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा
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Published : Nov 21, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Nov 21, 2021, 10:09 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों की वापसी (farm laws withdrawal) का एलान होने के बाद सरकार और किसान संगठनों का गतिरोध खत्म होने की उम्मीद थी. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र (SKM open letter to PM Modi) में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए. ऐसा न होने पर आंदोलन जारी रहेगा.

प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में एसकेएम (SKM open letter to PM Modi) ने कहा है कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं.

एसकेएम ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Kisan Andolan) के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए.

पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा का खुला पत्र
पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा का खुला पत्र

पीएम को लिखे पत्र में एसकेएम ने लिखा है कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवार को पुनर्वास सहायता, मुआवजा मिलना चाहिए.

बता दें कि शुक्रवार को कृषि कानूनों की वापसी (Farm Law Withdrawal) पर पीएम मोदी ने बड़ा एलान किया था. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी. पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को दे सकता है मंजूरी

इससे पहले सरकारी सूत्रों ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके.

कृषि कानूनों को वापस लेने से जुड़ी खबरें-

गौरतलब है कि तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन जगहों पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : कृषि कानूनों की वापसी (farm laws withdrawal) का एलान होने के बाद सरकार और किसान संगठनों का गतिरोध खत्म होने की उम्मीद थी. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र (SKM open letter to PM Modi) में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए. ऐसा न होने पर आंदोलन जारी रहेगा.

प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में एसकेएम (SKM open letter to PM Modi) ने कहा है कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं.

एसकेएम ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Kisan Andolan) के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए.

पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा का खुला पत्र
पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा का खुला पत्र

पीएम को लिखे पत्र में एसकेएम ने लिखा है कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवार को पुनर्वास सहायता, मुआवजा मिलना चाहिए.

बता दें कि शुक्रवार को कृषि कानूनों की वापसी (Farm Law Withdrawal) पर पीएम मोदी ने बड़ा एलान किया था. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी. पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को दे सकता है मंजूरी

इससे पहले सरकारी सूत्रों ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके.

कृषि कानूनों को वापस लेने से जुड़ी खबरें-

गौरतलब है कि तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन जगहों पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Nov 21, 2021, 10:09 PM IST
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