नई दिल्ली : भारतीय पुरुष हॉकी टीम कैप्टन मनप्रीत सिंह ने कहा कि पिछले 15 महीने हमारे लिए मुश्किल भरे रहे, क्योंकि पूरी टीम बेंगलुरु के एक कैंप में ट्रेनिंग कर रही थी. हम लोग अपने परिवारवालों से भी नहीं मिल पा रहे थे. मेडल हासिल करने के लिए पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की.
मनप्रीत सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान ने कहा कि काफी लंबे समय से हॉकी में भारत ने मेडल नहीं जीता था. सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके भव्य स्वागत पर खुशी व्यक्त की.
कैप्टन मनप्रीत ने कहा कि सेमीफाइनल में हारने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें फोन किया. पीएम ने पूरी टीम के साथ बात की. उन्होंने विश्वास दिलाया कि पूरा देश और वो हमारे साथ हैं. हमें किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए और कांस्य पदक जीतने के लिए अगले मैच की तैयारी करनी चाहिए. मनप्रीत सिंह ने कहा कि कांस्य पदक जीतने के बाद भी पीएम मोदी का फोन आया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उनको और पूरे देश को हमारे ऊपर गर्व है.
अंतिम मैच के बारे में बताते हुए मनप्रीत सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य था कि हम लोग अपना बेस्ट दें और मैच को जीते. 60 मिनट तक पूरी टीम ने जी जान लगा दी. इस वजह से हमें कांस्य पदक मिला. इस ओलंपिक में इतिहास बना है. भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात मेडल जीते हैं. इसके कारण काफी समय बाद दूसरे खेलों को भी लोग फॉलो और सपोर्ट कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- जानें, कौन हैं जीत के हीरो और कैसी रही है हॉकी की विजय गाथा
जो लोग आने वाले समय में हॉकी खेलना चाहते हैं उनको क्या संदेश देना चाहेंगे. इस पर मनप्रीत सिंह ने कहा कि इसके लिए हमेशा कड़ी मेहनत करनी चाहिए और एक विशेष लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, क्योंकि यदि कोई निश्चित लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करता है, तो वह निश्चित रूप से इसे प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि घरवालों ने मिलने के लिए काफी उत्साहित हूं.
गौरतलब है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता था.