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सुनंदा पुष्कर मौत मामले में Shashi Tharoor आराेप मुक्त

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर को आराेप मुक्त कर दिया है.

सुनंदा
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Published : Aug 18, 2021, 11:22 AM IST

Updated : Aug 18, 2021, 12:27 PM IST

नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कार मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर को अदालत से बड़ी राहत मिली है. बुधवार को दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर को आरोप मुक्त कर दिया है.

कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर पर आरोप तय करने से इनकार कर दिया है. अदालत ने शशि थरूर के खिलाफ सुबूत पुख्ता नहीं माने.

स्पेशल जज गीतांजलि गोयल का जताया आभार
स्पेशल जज गीतांजलि गोयल का जताया आभार

अदालत में शुरुआती बहस के दौरान ही दिल्ली पुलिस शशि थरूर के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर पाई. लिहाजा इस मामले में ट्रायल शुरू होने से पहले ही शशि थरूर को आरोप मुक्त कर दिया गया.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली पुलिस की ओर से उन पर लगाये गए आरोपों से मुक्त करने को लेकर दिल्ली कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल का आभार जताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था पर उनका भरोसा और बढ़ गया है.

आपको बता दें कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली स्थित एक आलीशान होटल के कमरे में कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की लाश मिली थी. इसी मामले की जांच के दौरान शशि थरूर पर भी सवाल उठे थे. थरूर के खिलाफ घरेलू हिंसा और खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज करते हुए एफआईआर की गई थी. हालांकि थरूर की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई.

सुनंदा पुष्कर के साथ कांग्रेस नेता शशि थरूर.
सुनंदा पुष्कर के साथ कांग्रेस नेता शशि थरूर.

दिल्ली पुलिस ने 14 मई को दायर अपने आरोप पत्र में थरूर पर सुंनदा को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया और कहा है कि अदालत को मामले में उन्हें एक आरोपी के रूप में तलब किया जाना चाहिए. पुलिस ने उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा किया था.

आपकाे बता दें कि बीती 27 जुलाई को स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले पर सुनवाई टाल दी थी. कोर्ट ने पिछले 12 अप्रैल को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है.

वहीं, शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था.

सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती हैं. रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रही हैं कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है.

शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों बाद हो गई थी.

इसे भी पढ़ें : सुनंदा पुष्कर मौत मामला: आज फिर तय नहीं हुए आरोप, 18 अगस्त तक टली सुनवाई

दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. एक जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कार मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर को अदालत से बड़ी राहत मिली है. बुधवार को दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर को आरोप मुक्त कर दिया है.

कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर पर आरोप तय करने से इनकार कर दिया है. अदालत ने शशि थरूर के खिलाफ सुबूत पुख्ता नहीं माने.

स्पेशल जज गीतांजलि गोयल का जताया आभार
स्पेशल जज गीतांजलि गोयल का जताया आभार

अदालत में शुरुआती बहस के दौरान ही दिल्ली पुलिस शशि थरूर के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर पाई. लिहाजा इस मामले में ट्रायल शुरू होने से पहले ही शशि थरूर को आरोप मुक्त कर दिया गया.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली पुलिस की ओर से उन पर लगाये गए आरोपों से मुक्त करने को लेकर दिल्ली कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल का आभार जताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था पर उनका भरोसा और बढ़ गया है.

आपको बता दें कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली स्थित एक आलीशान होटल के कमरे में कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की लाश मिली थी. इसी मामले की जांच के दौरान शशि थरूर पर भी सवाल उठे थे. थरूर के खिलाफ घरेलू हिंसा और खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज करते हुए एफआईआर की गई थी. हालांकि थरूर की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई.

सुनंदा पुष्कर के साथ कांग्रेस नेता शशि थरूर.
सुनंदा पुष्कर के साथ कांग्रेस नेता शशि थरूर.

दिल्ली पुलिस ने 14 मई को दायर अपने आरोप पत्र में थरूर पर सुंनदा को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया और कहा है कि अदालत को मामले में उन्हें एक आरोपी के रूप में तलब किया जाना चाहिए. पुलिस ने उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा किया था.

आपकाे बता दें कि बीती 27 जुलाई को स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले पर सुनवाई टाल दी थी. कोर्ट ने पिछले 12 अप्रैल को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है.

वहीं, शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था.

सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती हैं. रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रही हैं कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है.

शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों बाद हो गई थी.

इसे भी पढ़ें : सुनंदा पुष्कर मौत मामला: आज फिर तय नहीं हुए आरोप, 18 अगस्त तक टली सुनवाई

दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. एक जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

Last Updated : Aug 18, 2021, 12:27 PM IST
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