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Congress President Election: नामांकन की चर्चा के बीच CM गहलोत का दिल्ली दौरा तय

दिल्ली में शशि थरूर की अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के बाद अब यह खबर निकल कर आ रही है, कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी नवरात्रों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं. कयास की वजह ऐन नवरात्रों के वक्त उनका प्रस्तावित दिल्ली दौरा बताया जा रहा है.

CM Gehlot Delhi Tour
CM गहलोत का दिल्ली दौरा तय
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Published : Sep 20, 2022, 10:28 AM IST

जयपुर. अशोक गहलोत कांग्रेस की सोनिया गांधी से मुलाकात (Congress President Nomination) के बाद असल तस्वीर सामने होगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर नामांकन का अंतिम निर्णय आलाकमान से हुई मीटिंग तय करेगी. कयासों को पुख्ता करता है अशोक गहलोत का प्रस्तावित दिल्ली दौरा जो 25 सितंबर से 28 सितंबर के बीच है. सूत्र इशारा कर रहे हैं कि गहलोत दिल्ली नामांकन को लेकर ही जा रहे हैं.

सोनिया से मुलाकात और राजस्थान: कहा जा रहा है कि 25 सितंबर को गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है. इस मुलाकात के बाद ये लगभग तय माना जा रहा है कि नवरात्रों में यानी 26 से 28 सितंबर के बीच अपना नामांकन दाखिल कर देंगे. इससे कहा जा सकता है कि सितंबर का अंतिम सप्ताह न केवल 3 साल से खाली चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर निर्णायक होगा बल्कि राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में भी बदलाव की बयार बहेगी (Gehlot to file Nomination Amidst Rumors). ऐसा इसलिए भी क्योंकि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन दाखिल करते हैं तो फिर राजस्थान में सत्ता से लेकर संगठन तक आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं.

CM गहलोत का दिल्ली दौरा तय

ये भी पढ़ें-congress president election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो सकता है गहलोत बनाम थरूर का मुकाबला

सोनिया की राय अहम: गहलोत भले ही कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान नहीं संभालना चाहते हों, लेकिन तय है कि वो सोनिया गांधी को न भी नहीं कह पाएंगे. अगर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन दाखिल करने को कहेंगी तो वो मना नहीं कर पाएंगे. गहलोत खुद भी ये साफ कर चुके हैं कि कांग्रेस आलाकमान उन्हें जिस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त समझेगा वो उसे निभाएंगे. हाल ही में उन्होंने कम शब्दों में इसकी तस्दीक भी की थी.

गहलोत की मंशा: राजस्थान के सीएम विभिन्न मंचों से अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं. कहते रहे हैं कि वो राहुल गांधी को बतौर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष देखने के ख्वाहिशमंद हैं. बात बिल्कुल साफ है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें और गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालने की जगह राजस्थान के मुख्यमंत्री का दायित्व निभाते रहें. यही कारण है कि गहलोत ने राजस्थान कांग्रेस के निर्वाचित सदस्यों की बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी रख दिया था.

पढ़ें-congress president election : सोनिया ने कहा, हर कोई चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र

ये भी पढ़ें-बैरवा का गहलोत पर तंज, कहा- गांधी परिवार के बाद सिर्फ पायलट ही कांग्रेस के लिए भीड़ जुटा सकते हैं

अफवाह या...: ये भी साफ है कि जब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली जाकर सोनिया से मुलाकात नहीं करेंगे और वो सीएम को नामांकन के लिए नहीं कहेंगी तब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नवरात्रों में नामांकन दाखिल करने की खबरें केवल सुर्खियां मात्र हैं. कहा जा रहा है कि अगर शशि थरूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन करते हैं तो फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन करने को कह सकती हैं. इसके पीछे भी तर्क दिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अध्यक्ष उसी स्थिति में बनेंगे जब वो खुद इस पद को संभालने के इच्छुक हों और दूसरा पार्टी में उनको चुनौती देने वाला नामांकन न भरा जाए.

जयपुर. अशोक गहलोत कांग्रेस की सोनिया गांधी से मुलाकात (Congress President Nomination) के बाद असल तस्वीर सामने होगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर नामांकन का अंतिम निर्णय आलाकमान से हुई मीटिंग तय करेगी. कयासों को पुख्ता करता है अशोक गहलोत का प्रस्तावित दिल्ली दौरा जो 25 सितंबर से 28 सितंबर के बीच है. सूत्र इशारा कर रहे हैं कि गहलोत दिल्ली नामांकन को लेकर ही जा रहे हैं.

सोनिया से मुलाकात और राजस्थान: कहा जा रहा है कि 25 सितंबर को गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है. इस मुलाकात के बाद ये लगभग तय माना जा रहा है कि नवरात्रों में यानी 26 से 28 सितंबर के बीच अपना नामांकन दाखिल कर देंगे. इससे कहा जा सकता है कि सितंबर का अंतिम सप्ताह न केवल 3 साल से खाली चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर निर्णायक होगा बल्कि राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में भी बदलाव की बयार बहेगी (Gehlot to file Nomination Amidst Rumors). ऐसा इसलिए भी क्योंकि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन दाखिल करते हैं तो फिर राजस्थान में सत्ता से लेकर संगठन तक आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं.

CM गहलोत का दिल्ली दौरा तय

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सोनिया की राय अहम: गहलोत भले ही कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान नहीं संभालना चाहते हों, लेकिन तय है कि वो सोनिया गांधी को न भी नहीं कह पाएंगे. अगर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन दाखिल करने को कहेंगी तो वो मना नहीं कर पाएंगे. गहलोत खुद भी ये साफ कर चुके हैं कि कांग्रेस आलाकमान उन्हें जिस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त समझेगा वो उसे निभाएंगे. हाल ही में उन्होंने कम शब्दों में इसकी तस्दीक भी की थी.

गहलोत की मंशा: राजस्थान के सीएम विभिन्न मंचों से अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं. कहते रहे हैं कि वो राहुल गांधी को बतौर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष देखने के ख्वाहिशमंद हैं. बात बिल्कुल साफ है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें और गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालने की जगह राजस्थान के मुख्यमंत्री का दायित्व निभाते रहें. यही कारण है कि गहलोत ने राजस्थान कांग्रेस के निर्वाचित सदस्यों की बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी रख दिया था.

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अफवाह या...: ये भी साफ है कि जब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली जाकर सोनिया से मुलाकात नहीं करेंगे और वो सीएम को नामांकन के लिए नहीं कहेंगी तब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नवरात्रों में नामांकन दाखिल करने की खबरें केवल सुर्खियां मात्र हैं. कहा जा रहा है कि अगर शशि थरूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन करते हैं तो फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन करने को कह सकती हैं. इसके पीछे भी तर्क दिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अध्यक्ष उसी स्थिति में बनेंगे जब वो खुद इस पद को संभालने के इच्छुक हों और दूसरा पार्टी में उनको चुनौती देने वाला नामांकन न भरा जाए.

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