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मुख्य सचिव मारपीट मामला : केजरीवाल, सिसोदिया सहित 'आप' के 11 विधायक बरी

दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राहत मिली है. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से सीएम केजरीवाल, सिसोदिया तथा अन्य नौ विधायकों को बरी कर दिया है. सीएम केजरीवाल ने इसे सत्य की जीत बताया है. वहीं, सिसोदिया ने कहा कि स्वतंत्र भारत में यह पहला मामला है, जिसमें एक मुख्यमंत्री के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया गया.

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Published : Aug 11, 2021, 12:33 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 1:26 PM IST

मुख्य सचिव मारपीट मामला
मुख्य सचिव मारपीट मामला

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी (आप) के 11 विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने यह आदेश दिया.

कोर्ट द्वारा आरोपों से बरी किए गए आप विधायकों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

सीएम केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे सत्य की जीत बताया है. कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया, सत्यमेव जयते!

सीएम के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार हुआ : सिसोदिया
अदालत के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, स्वतंत्र भारत में यह पहला मामला है, जिसमें एक मुख्यमंत्री के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया गया.

उन्होंने कहा, यह न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है. कोर्ट ने माना कि मामले में सभी आरोप झूठे और निराधार थे, सीएम को आज उस झूठे मामले में बरी कर दिया गया. हम कह रहे थे कि आरोप झूठे थे. सीएम के खिलाफ साजिश रची गई थी.

सिसोदिया ने कहा कि भाजपा आप सरकार को पटरी से उतारना चाहती थी और हमारे खिलाफ फर्जी प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लेकिन सच्चाई की जीत हुई है.

इस मामले में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में, उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार पर राहुल का हमला, कहा- खाना बर्बाद करना, गरीब से चोरी जैसा

आरोप पत्र में पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी (आप) के 11 विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने यह आदेश दिया.

कोर्ट द्वारा आरोपों से बरी किए गए आप विधायकों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

सीएम केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे सत्य की जीत बताया है. कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया, सत्यमेव जयते!

सीएम के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार हुआ : सिसोदिया
अदालत के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, स्वतंत्र भारत में यह पहला मामला है, जिसमें एक मुख्यमंत्री के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया गया.

उन्होंने कहा, यह न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है. कोर्ट ने माना कि मामले में सभी आरोप झूठे और निराधार थे, सीएम को आज उस झूठे मामले में बरी कर दिया गया. हम कह रहे थे कि आरोप झूठे थे. सीएम के खिलाफ साजिश रची गई थी.

सिसोदिया ने कहा कि भाजपा आप सरकार को पटरी से उतारना चाहती थी और हमारे खिलाफ फर्जी प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लेकिन सच्चाई की जीत हुई है.

इस मामले में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में, उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार पर राहुल का हमला, कहा- खाना बर्बाद करना, गरीब से चोरी जैसा

आरोप पत्र में पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

Last Updated : Aug 11, 2021, 1:26 PM IST
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