भोपाल। मध्यप्रदेश की सरकार के लिए कूनो नेशनल पार्क में लाए गए नामीबिया चीते चिंता का सबब बने हुए हैं. कूनो में चीतों की लगातार मौतों ने राज्य सरकार को चिंतित कर दिया है. चीतें क्यों मौत का शिकार हो रहे हैं. इसकी कोई ठोस वजह नहीं मिल पा रही है. राज्य सरकार ने इन चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करने की गुहार केंद्र सरकार से लगाई. लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने कूनो में चीते छोड़े हैं, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट की सलाह को भी सरकार मानने को तैयार नहीं है. कोर्ट ने केंद्र को फटकार भी इस मामले में लगाई थी कि चीतों को बचाना है तो उन्हें राजस्थान शिफ्ट किया जा सकता है.
ट्रेनिंग के लिए फिर नामीबिया जाएगी टीम : सोमवार को भोपाल आए केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ चीतों की हिफाजत को लेकर मीटिंग की. मीटिंग में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव, सीएम शिवराज सिंह, वन मंत्री विजय शाह ने चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के साथ मंथन किया. केंद्रीय वन मंत्री ने चीता प्रोजेक्ट को लेकर खास कुछ नहीं बोला, बल्कि प्रदेश सरकार की तारीफ के पुल बांधे. उन्होंने कहा कि चीता प्रोजेक्ट को सीएम शिवराज सिंह ने और मजबूत किया है. इसके लिए उन्हें बधाई. वहीं, 6 चीतों की मौत के बाद सरकार के होश उड़े हुए हैं. अब तय किया गया है कि चीता प्रोजेक्ट के तहत अधिकारी व कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए नामीबिया भेजा जाएगा. साउथ अफ्रीका जाकर ये टीम अध्ययन करेगी और वहां के स्टाफ से सीखेगी कि चीतों को कैसे बचाया जाए.
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गांधी सागर अभयारण्य में शिफ्टिंग की तैयारी : अभी कूनो में राष्ट्रीय उद्यान में 7 चीते खुले वन क्षेत्र और 10 चीते अनुकूलन बाड़ों में रह रहे हैं. आगामी नवंबर तक चीतों के लिए वैकल्पिक रहवास के तौर पर मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार किया जा रहा. 6 जून को केंद्रीय मंत्री सहित अन्य दल कूनो पहुंचेगा. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वह कूनो में व्यवस्थाओं को देखेंगे. बताया जाता है कि चीता एक्शन प्लान में चीतों को एक जगह नहीं रखे जाने का सुझाव है. इसके चलते गांधीसागर और फिर नौरादेही चुना गया है.