नई दिल्ली: सुल्ली डील एवं बुल्ली बाई ऐप मामले में (Sully Deal and Bulli Buy App) गिरफ्तार आरोपियों को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत से सोमवार को जमानत मिल गई है. ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज बिश्नोई के खिलाफ साइबर सेल द्वारा आरोपपत्र दाखिल हो चुका है. केवल एफएसएल की रिपोर्ट आनी है, जिससे वह छेड़छाड़ नहीं कर सकते. इसलिए अदालत ने दोनों को जमानत दे दी है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने सुल्ली डील मामले में ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया था. वहीं बुल्ली बाई ऐप मामले में नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी हुई थी. इन दोनों ही मामलों में कुछ दिन पहले साइबर सेल ने अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया था. इसके बाद आरोपियों के अधिवक्ता की तरफ से सीएमएम की अदालत में जमानत याचिका दायर की गई थी. इसमें आरोपियों के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मामले की जांच पूरी कर पुलिस ने आरोप पत्र दायर कर दिया है. इस मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल होना है, जिसमें एफएसएल की रिपोर्ट आएगी. इसमें आरोपी किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकते. इसलिए उन्हें ज़मानत दी जाए.
अदालत ने सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की इस दलील को मानते हुए दोनों को जमानत दे दी. अदालत ने मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए उनकी जमानत को स्वीकार की है. अदालत ने कहा है कि दोनों आरोपियों का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है. इसलिए आरोप पत्र दायर होने के बाद उन्हें जेल में रखना आवश्यक नहीं है.
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अदालत ने उन्हें जमानत देने के साथ ही इसके साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं. वह किसी भी गवाह को धमकी नहीं देंगे और साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. वह किसी भी पीड़ित से संपर्क करने का प्रयास नहीं करेंगे. वह जांच अधिकारी के संपर्क में रहेंगे और अपनी लोकेशन उसे बताएंगे. वह देश से बाहर नहीं जाएंगे और प्रत्येक तारीख पर अदालत के समक्ष पेश होंगे. जमानत पर जेल से बाहर रहने के दौरान वह इस तरह के अपराध कप दोबारा नहीं करेंगे.