भोपाल। कलियासोत डैम से छोड़े गए पानी के तेज बहाव से मंडीदीप के पास भोपाल जबलपुर नेशनल हाईवे का एक हिस्सा बह गया. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने प्रबंधक (इंजीनियर) एसपी दुबे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. साथ ही तत्कालीन जिला प्रबंधक पवन अरोड़ा और सहायक महाप्रबंधक डीके जैन (सेवानिवृत्त) के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. मंत्री ने पुल की डिजाइन एवं निर्माण करने वाली कंपनी सीडीएस इण्डिया लिमिटेड (CDS India Limited) तथा प्रोजेक्ट कंसलटेंट थीम इंजीनियर को ब्लेक-लिस्टेड करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण क्षति की पूर्ति संबंधित निर्माण एजेंसी से कराई जायेगी.
तकनीकी विशेषज्ञों से जांच के बाद होगी कार्रवाई: पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि ''घटना की जानकारी प्राप्त होने पर वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञों की टीम मौके पर भेजी गई है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात संचालित किया जा रहा है. इसके तहत 8 लेन के स्थान पर 4 लेन से वाहनों की आवाजाही बहाल की गई है''. उन्होंने घटना की समीक्षा के दौरान सम्पूर्ण मार्ग पर निर्मित संरचनाओं की जांच आईआईटी रूड़की से 2 माह में कराये जाने के निर्देश प्रबंध संचालक रोड डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन को दिये हैं.
2017 में हुआ था अनुबंध: भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-12 पर गौहरगंज से भोपाल के मध्य फोरलेन सड़क मार्ग के निर्माण के लिये 48.71 किलोमीटर की लम्बाई का कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा भारत शासन से प्राप्त स्वीकृति एवं व्यय पर वर्ष 2017 में अनुबंधित किया गया था. इस मार्ग पर 3 बायपास, 4 ग्रेड सेपरेटर, 5 अंडरपास, 3 बड़े पुल, 13 छोटे पुल तथा 32 पुलियाएं निर्मित की गई थीं. यह कार्य मई-2021 में पूर्ण किया गया था. इस कार्य की निर्माण एजेंसी सीडीएस इण्डिया प्रा.लि. नई दिल्ली थी. इसके अथॉरिटी थीम इंजीनियर सर्विसेस जयपुर नियुक्त थे.
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कलियासोत डेम के गेट खोले जाने से बने हालात: विगत कुछ दिनों से भोपाल और आसपास के क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है. 24 जुलाई, 2022 की रात कलियासोत बांध के गेट खोल दिये गए. पानी के तेज बहाव के चलते लगभग 40 मीटर लम्बी सुरक्षा दीवार खिसकने से गिर गई, जिससे एक तरफ की सर्विस लेन का कटाव हो गया. पानी के तेज बहाव के कारण सुरक्षा की दृष्टि से लगभग 25 हजार बोरी रेत भर कर कटाव की पिचिंग का कार्य किया जा रहा है. सम्पूर्ण कार्य की मरम्मत और पुनर्निर्माण किये जाने में लगभग 4 माह का समय लगेगा. यह कार्य ठेकेदार कम्पनी मेसर्स सीडीएस इंडिया लिमिटेड और पाइल फाउण्डेशन द्वारा शत-प्रतिशत अपने व्यय पर किया जायेगा.
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