नई दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत का विमानन विजन वर्ष 2040 तक 1.2 बिलियन यात्रियों पर लक्षित है, जो 2018 के 187 मिलियन यात्रियों की संख्या से भी ज्यादा है. सुरेश प्रभु ने ये बात एविएशन कॉन्क्लेव 2019 में अपने संबोधन के दौरान कही.
आपको बता दें, एविएशन कॉन्क्लेव 2019 में कई उद्योगपतियों सहित सरकारी नियामकों ने शिरकत की. इस सभा को संबोधित करते हुए सुरेश प्रभु ने कहा, 'भारत का विमानन विजन 2040 में दो हजार से अधिक हवाई अड्डो का निर्माण करवाना है. आज इनकी संख्या 104 है, जो करीब एक बिलियन यात्रियों को सेवा दे रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि सरकार एक सुगमकर्ता है और स्पष्ट और सुसंगत नीतियों के साथ लोगों को सुविधाएं मुहैया करवाएगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल भारतीय विमानन पांच मिलियन लोगों को रोजगार देता है और इसका लक्ष्य 2040 तक 25 मिलियन को छूने का है. उन्होंने कहा कि हमें विमानन क्षेत्र में और अधिक अवसर पैदा करने के लिए ऐसे अवसरों का निर्माण करना चाहिए.'
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वहीं, इस मौके पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, 'भारत को प्रमुख विमानों के निर्माण करने की क्षमता हासिल करने में कुछ समय लगेगा, क्योंकि उन्हें बहुत परिष्कृत प्रणालियों की आवश्यकता होती है.'
उन्होंने कहा, 'हालांकि, क्षेत्रीय और टर्बो-प्रोप विमान और 50-90 सीटर विमानों का निर्माण सही नीतियों के तहत अगले तीन से पांच वर्षों के भीतर किया जा सकेगा.'
उन्होंने कहा, 'भारत का नागरिक उड्डयन विकास डिगी यात्रा (Digi Yatra) और यूडीएएन-आरसीएस (UDAN-RCS) जैसी नीतियों द्वारा संचालित किया गया है. अब हमारा ध्यान छह और हवाईअड्डों के लिए पीपीपी मॉडल पर केंद्रित है.
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बता दें, एविएशन कॉन्क्लेव 2019 में 30 से अधिक उद्योगपति ड्रोन-इकोसिस्टम पॉलिसी रोडमैप पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए इकट्ठा हुए थे.