नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का असर बढ़ता जा रहा है तो वहीं दिल्ली सरकार ने एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों को एकजुट होने से मना किया है. दक्षिण-पूर्वी दिल्ली स्थित शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खिलाफ लगातार तीन महीने से प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाएं मौजूद हैं, जिससे वायरस के फैलने की आशंका है. इस बाबत मंगलवार को जामिया नगर एसीपी और एसएचओ प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए पहुंचे.
बता दें कि मंगलवार को शाहीन बाग में जामिया नगर एसएचओ और एसीपी प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने कोरोना वायरस और एक ओर की सड़क खोलने के लिए कहा. लेकिन बातों ही बातों में ये मसला मुद्दे से भटक गया और महिलाओं ने कहा, 'अगर आपको हमसे बात करनी है तो प्रदर्शन स्थल पर आकर बात कीजिए, वहां पर सभी महिलाएं एक साथ आपकी बात सुनेंगी. उसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकेगा.' इस बाबत एसीपी और एसएचओ प्रदर्शन स्थल पर नहीं गए. इसके बाद सभी महिलाएं वापस प्रदर्शन में चली गई.
डीएम और डीसीपी के साथ होनी थी मीटिंग
अहम बात ये है कि मंगलवार को दक्षिणी पूर्वी जिले के डीसीपी आरके मीणा और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हरलीन कौर को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के साथ मीटिंग करनी थी. दोनों अधिकारी लोगों को एक तरफ का रास्ता खुलवाने और कोरोना वायरस को लेकर बातचीत करने के लिए पहुंच रहे थे.
लेकिन किन्हीं कारणों से वे प्रदर्शनकारियों से नहीं मिले. इस बाबत स्थानीय एसीपी और एसएचओ मौके पर आए. महिलाओं ने कहा, 'अगर कोई बात करनी है तो उच्चाधिकारियों को यहां पर लेकर आएं उसके बाद ही हम बात करेंगे.'
'कोरोना का नहीं है डर, काले कानून का है'
इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने शाहीन बाग में बैठी महिलाओं से बातचीत की. उन्होंने कहा, 'हमें कोरोना वायरस से इतना डर नहीं है, जितना कि सरकार की ओर से लगाए जा रहे काले कानून का है. हम कोरोना वायरस को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं और पूरी एहतियात बरत रहे हैं.'
उन्होंने बताया, 'यहां पर कई महिलाएं हिजाब पहन कर बैठी हैं और जिन महिलाओं ने हिजाब नहीं लगाया है, उनको हमने मास्क भी दिए हैं. ऐसे में एक दूसरे से संक्रमण फैलने का डर हमने खत्म कर दिया है. इसी के साथ ही यहां पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है, वहीं बच्चों को प्रदर्शन में न लाने की सलाह दी गई है.'
महिलाओं को बैठने के लिए लगाई गई बेंच
शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने बताया, 'कोरोना वायरस को लेकर यहां पर कई तरह की एहतियात बरती जा रही हैं. हमने अब महिलाओं को जमीन पर इकट्ठे होकर न बैठने के लिए बेंच का इंतजाम किया है. अहम बात यह है कि उनके बीच में दो से तीन मीटर की दूरी बनाई गई है, जिससे कि लोग दूरी बनाकर बैठें.'
अब भी अपनी मांग पर अडिग हैं महिलाएं
सीएए और एनआरसी को लेकर जहां पिछले तीन माह से विरोध प्रदर्शन चल रहा है वहीं तीन माह बाद भी महिलाओं की मांग अडिग है. उनका कहना है, 'केंद्र सरकार सीएए वापस ले, तभी हम इस जगह को खाली करेंगे.'
फिलहाल, दिल्ली सरकार ने जहां कोरोना वायरस के चलते एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करने से मना किया है वहीं शाहीन बाग में अब भी प्रदर्शन जारी है और प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.