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कानपुर एनकाउंटर : जेल गए जय वाजपेई के बयान से फिर बढ़ी सियासी हलचल

कानपुर पुलिस हत्याकांड मामले में जय वाजपेई और प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्लू को कानपुर देहात की कोर्ट में पेश किया गया. दोनों गैंगस्टर विकास दुबे से जुड़े हैं. जय वाजपेयी विकास का खजांची था. अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

जय वाजपेई
जय वाजपेई
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Published : Jul 20, 2020, 7:53 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 9:34 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे के खजांची जय वाजपेई और उसके साथी प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्लू को आज कानपुर देहात की कोर्ट में पेश किया. अदालत ने दोनों को जेल भेजा दिया है. जय वाजपेई को नजीराबाद थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर चौबेपुर थाने की पुलिस को सौंपा दिया. वहां से उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

कोर्ट में पेश होने से पहले जय वाजपेई ने बयान दिया कि सत्ताधारी नेता विकास दुबे के साथ मिले हुए थे. इसलिए विकास दुबे का एनकाउंटर करवा दिया गया. वाजपेयी का बयान के सामने आने के बाद एक बार फिर सूबे की सरकार व उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.

जय वाजपेई का बयान.

जय वाजपेई से मीडिया ने कई सवाल किए. सभी सवालों के साथ बिंदुवार जवाब-

  • क्या आरोपों को मानते हैं ?
    पुलिस जबरन फंसा रही है. जो लोग ताकतवर हैं उन तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है. हमको मोहरा बनाया जा रहा है. मुझे गुरुवार को क्लीन चिट मिल चुकी थी, लेकिन ऊपर से बनाए जा रहे दबाव की वजह से मुझे पकड़ा गया है. पुलिस ने मेरी सारी डिटेल और फुटेज निकाल लिए हैं. इसके अलावा मेरी गाड़ियों की भी पुलिस ने फुटेज ली है. बस आधे घंटे के लिए गाड़ी इसलिए हटाए थे कि कहीं कोई हमसे मदद न मांगने आ जाए.
  • थाईलैंड और दुबई में संपत्ति पर क्या कहना है ?
    थाईलैंड और दुबई में कोई संपत्ति नहीं है. होली पर बस घूमने जाते हैं.
  • क्या विकास दुबे के लिए ब्लैक मनी व्हाइट किए गए ?
    मैंने किसी का पैसा ब्लैक से व्हाइट नहीं किया. मेरे ऊपर पहले ही 4-5 लोन हैं. उसकी डिटेल निकाल अधिकारी देख सकते हैं.
  • विकास के अकाउंट से लेनदेन की बात सामने आई है, उसपर क्या कहना है ?
    मेरा कोई लेना देना नहीं, बस मैंने कुछ पैसे उधार दिए थे, जो मुझे वापस किए गए थे.
  • कई बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है. इस पर क्या कहना है ?
    सत्ताधारी, विपक्षी, जिले के बड़े नेता यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी इस मामले में मिले हुए हैं. सभी बड़े नेता विकास दुबे से मिले हुए थे. किसी का नाम नहीं लेना चाहते. कई सत्ताधारी नेता और विधायक विकास से मिले हुए थे. इसलिए उसको मार दिया गया.
  • चीफ सेक्रेटरी की बेटी की शादी में शामिल हुए थे, उस पर क्या कहना है ?
    शादी में गए थे, लेकिन कोई लिंक नहीं है.
  • विकास दुबे से क्या था संबंध ?
    विकास दुबे से लेनदेन और संपत्ति से जुड़ा कोई संबंध नहीं है. बस गांव के कारण आना-जाना था. सात महीने से मेरी रिवॉल्वर घर में लॉकर में रखी थी, जिसका प्रयोग नहीं हुआ है. वो भी पुलिस को सौंप दिए हैं. पुलिस ने हमको पकड़ा नहीं बल्की खुद पांच बार मैं पुलिस के पास गया. सिर्फ शिष्टाचार भेंट होती थी.
  • विदेश कितनी बार गए ?
    पांच बार विदेश गए हैं. दो बार परिवार के साथ और दो बार अकेले गए.
  • करोड़ों की प्रॉपर्टी का क्या है खेल ?
    20 साल पुरानी दुकान है. 11 साल पहले शादी हुई थी. 30 लाख का मकान है, जिसमें 25 लाख फाइनेंस कराए हैं और पांच लाख जमा किया गया है. पुलिस ने 12 दिन जबरन रखा था. करोड़ों के पेश किए जा रहे आंकड़े गलत हैं

बता दें कि जय वाजपेई विकास दुबे का खजांची था. वह विकास की काली कमाई को सफेद करने का काम करता था. यही वजह रही कि पुलिस ने उसको शिकंजे में लिया और उससे कड़ी पूछताछ की, जिसमें कई अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगी है.

बता दें कि बीते 2 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया गया था. इस मामले में जय और डब्लू पर आरोप है कि हमले से पहले विकास के फोन करने पर दोनों बिकरू पहुंचे थे. उन्होंने विकास को दो लाख रुपये और रिवॉल्वर के कारतूस देकर वारदात को अंजाम देने में मदद की थी.

घटना के दो दिन बाद 4 जुलाई को जय, विकास और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए अपनी तीन लक्जरी गाड़ियां भेज रहा था, लेकिन पुलिस की सक्रियता को देखते हुए काकादेव थाना क्षेत्र में गाड़ियों को लावारिस छोड़ दी थी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे के खजांची जय वाजपेई और उसके साथी प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्लू को आज कानपुर देहात की कोर्ट में पेश किया. अदालत ने दोनों को जेल भेजा दिया है. जय वाजपेई को नजीराबाद थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर चौबेपुर थाने की पुलिस को सौंपा दिया. वहां से उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

कोर्ट में पेश होने से पहले जय वाजपेई ने बयान दिया कि सत्ताधारी नेता विकास दुबे के साथ मिले हुए थे. इसलिए विकास दुबे का एनकाउंटर करवा दिया गया. वाजपेयी का बयान के सामने आने के बाद एक बार फिर सूबे की सरकार व उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.

जय वाजपेई का बयान.

जय वाजपेई से मीडिया ने कई सवाल किए. सभी सवालों के साथ बिंदुवार जवाब-

  • क्या आरोपों को मानते हैं ?
    पुलिस जबरन फंसा रही है. जो लोग ताकतवर हैं उन तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है. हमको मोहरा बनाया जा रहा है. मुझे गुरुवार को क्लीन चिट मिल चुकी थी, लेकिन ऊपर से बनाए जा रहे दबाव की वजह से मुझे पकड़ा गया है. पुलिस ने मेरी सारी डिटेल और फुटेज निकाल लिए हैं. इसके अलावा मेरी गाड़ियों की भी पुलिस ने फुटेज ली है. बस आधे घंटे के लिए गाड़ी इसलिए हटाए थे कि कहीं कोई हमसे मदद न मांगने आ जाए.
  • थाईलैंड और दुबई में संपत्ति पर क्या कहना है ?
    थाईलैंड और दुबई में कोई संपत्ति नहीं है. होली पर बस घूमने जाते हैं.
  • क्या विकास दुबे के लिए ब्लैक मनी व्हाइट किए गए ?
    मैंने किसी का पैसा ब्लैक से व्हाइट नहीं किया. मेरे ऊपर पहले ही 4-5 लोन हैं. उसकी डिटेल निकाल अधिकारी देख सकते हैं.
  • विकास के अकाउंट से लेनदेन की बात सामने आई है, उसपर क्या कहना है ?
    मेरा कोई लेना देना नहीं, बस मैंने कुछ पैसे उधार दिए थे, जो मुझे वापस किए गए थे.
  • कई बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है. इस पर क्या कहना है ?
    सत्ताधारी, विपक्षी, जिले के बड़े नेता यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी इस मामले में मिले हुए हैं. सभी बड़े नेता विकास दुबे से मिले हुए थे. किसी का नाम नहीं लेना चाहते. कई सत्ताधारी नेता और विधायक विकास से मिले हुए थे. इसलिए उसको मार दिया गया.
  • चीफ सेक्रेटरी की बेटी की शादी में शामिल हुए थे, उस पर क्या कहना है ?
    शादी में गए थे, लेकिन कोई लिंक नहीं है.
  • विकास दुबे से क्या था संबंध ?
    विकास दुबे से लेनदेन और संपत्ति से जुड़ा कोई संबंध नहीं है. बस गांव के कारण आना-जाना था. सात महीने से मेरी रिवॉल्वर घर में लॉकर में रखी थी, जिसका प्रयोग नहीं हुआ है. वो भी पुलिस को सौंप दिए हैं. पुलिस ने हमको पकड़ा नहीं बल्की खुद पांच बार मैं पुलिस के पास गया. सिर्फ शिष्टाचार भेंट होती थी.
  • विदेश कितनी बार गए ?
    पांच बार विदेश गए हैं. दो बार परिवार के साथ और दो बार अकेले गए.
  • करोड़ों की प्रॉपर्टी का क्या है खेल ?
    20 साल पुरानी दुकान है. 11 साल पहले शादी हुई थी. 30 लाख का मकान है, जिसमें 25 लाख फाइनेंस कराए हैं और पांच लाख जमा किया गया है. पुलिस ने 12 दिन जबरन रखा था. करोड़ों के पेश किए जा रहे आंकड़े गलत हैं

बता दें कि जय वाजपेई विकास दुबे का खजांची था. वह विकास की काली कमाई को सफेद करने का काम करता था. यही वजह रही कि पुलिस ने उसको शिकंजे में लिया और उससे कड़ी पूछताछ की, जिसमें कई अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगी है.

बता दें कि बीते 2 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया गया था. इस मामले में जय और डब्लू पर आरोप है कि हमले से पहले विकास के फोन करने पर दोनों बिकरू पहुंचे थे. उन्होंने विकास को दो लाख रुपये और रिवॉल्वर के कारतूस देकर वारदात को अंजाम देने में मदद की थी.

घटना के दो दिन बाद 4 जुलाई को जय, विकास और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए अपनी तीन लक्जरी गाड़ियां भेज रहा था, लेकिन पुलिस की सक्रियता को देखते हुए काकादेव थाना क्षेत्र में गाड़ियों को लावारिस छोड़ दी थी.

Last Updated : Jul 20, 2020, 9:34 PM IST
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