छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के बेटे की शादी में छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोला. उनका कहना है कि मोदी और ओवैसी की पार्टी एमआईएम का आंतरिक गठबंधन है, दोनों मिलकर देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि अगर लव जिहाद से इस देश की बेरोजगारी खत्म हो जाए, अर्थव्यवस्था सुधर जाए या लोगों में और सामंजस्य हो जाए, प्रदेश सदभाव बढ़ जाए तो हमें आपत्ति नहीं है. लेकिन यह केवल इस देश की अर्थव्यवस्था और पीएम मोदी की असफलता छुपाने के लिए हर मुद्दे में केवल हिंदू मुसलमान करते है. इसमें हिंदू कट्टरपंथी ताकतें और मुस्लिम कट्टरपंथी ताकतें मिलकर देश में नफरत फैलाने का काम कर रही हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा का गुप्त समझौता होता है और मोदी, ओवैसी से मुस्लिमों के पक्ष से भड़काऊ भाषण कराते हैं, ताकि हिंदुओं में मुसलमानों के प्रति नफरत फैले और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सकें, क्योंकि पूरी की पूरी ओवैसी और मोदी की मिली-जुली नूरा कुश्ती है.
'कृषि कानून पीडीएस सिस्टम-एमएसपी खत्म करने का कुटिल प्रयास'
मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह काला कानून है. पीडीएस सिस्टम यानी गरीबी को दिया जाने वाला राशन और एमएसपी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिले, मोदी सरकार का इसका पूरा प्रयास कर रही है.
वहीं, नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस की तैयारी चल रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ चुनावों को लेकर पूरी तैयारी कर रहे हैं.
बता दें कि आगामी नगरीय निकाय चुनावों के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो गई है. भोपाल और खंडवा में अगला महापौर ओबीसी महिला वर्ग से होगा. इसके अलावा ग्वालियर, बुरहानपुर, सागर, कटनी और देवास में सामान्य वर्ग की महिला महापौर बनेगी.
जबलपुर, सिंगरौली, रीवा और इंदौर में सभी वर्ग के प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे. इन चारों नगर निगम को अनारक्षित घोषित किया गया है.
पढ़ें : भोपाल-खंडवा OBC महिला, छिंदवाड़ा ST, इंदौर-जबलपुर-रीवा सभी के लिए फ्री
बुधवार को भोपाल के रविंद्र भवन में नगरी प्रशासन एवं विकास आयुक्त की मौजूदगी में नगरीय निकायों की आरक्षण की प्रक्रिया हुई. इस दौरान कई राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी मौजूद रहे. आरक्षण प्रक्रिया के दौरान 16 नगर निगमों के महापौर के अलावा 99 नगर पालिका की आरक्षण प्रक्रिया की गई.
नगर निगम में महापौर के लिए अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण आबादी के अनुसार किया गया है, जबकि ओबीसी आरक्षण 25 फीसदी के मान से किया गया.