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शीतकालीन सत्र के लिए सरकार के एजेंडा में नागरिकता विधेयक

संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को भी सूचीबद्ध किया है. पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक निष्प्रभावी हो गया था. साथ ही विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था.

शीतकालीन सत्र के लिए सरकार के एजेंडा में नागरिकता विधेयक
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Published : Nov 15, 2019, 9:48 PM IST

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र जल्द ही शुरू होने जा रहा है. ऐसे में मोदी सरकार सत्र में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है. विधेयक में पड़ोसी देशों से आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता प्रदान करने का प्रावधान है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस सत्र के कामकाज में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है.

गौरतलब है कि भाजपा नीत राजग सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी विधेयक पेश किया था लेकिन विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण इसे पारित नहीं करा सकी. विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था.

पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक निष्प्रभावी हो गया था.

पढ़ें : संसद का शीत सत्र 18 नवंबर से, महत्वपूर्ण वित्त अध्यादेश बन सकते हैं कानून

विधेयक में धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों तथा पारसियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विधेयक का विरोध हुआ है.

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र जल्द ही शुरू होने जा रहा है. ऐसे में मोदी सरकार सत्र में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है. विधेयक में पड़ोसी देशों से आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता प्रदान करने का प्रावधान है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस सत्र के कामकाज में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है.

गौरतलब है कि भाजपा नीत राजग सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी विधेयक पेश किया था लेकिन विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण इसे पारित नहीं करा सकी. विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था.

पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक निष्प्रभावी हो गया था.

पढ़ें : संसद का शीत सत्र 18 नवंबर से, महत्वपूर्ण वित्त अध्यादेश बन सकते हैं कानून

विधेयक में धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों तथा पारसियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विधेयक का विरोध हुआ है.

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.NEWDELHI DEL65
SESSION-CITIZENSHIP BILL
Citizenship bill on govt's agenda for Winter Session
         New Delhi, Nov 15 (PTI) The Modi government is set to push for the passage of the contentious Citizenship (Amendment) Bill, a key BJP plank which is aimed at granting nationality to non-Muslim immigrants from neighbouring countries, in Parliament's Winter Session starting from Monday.
         The government has listed the bill in its items of business for the session, official sources said.
         The BJP-led NDA government had introduced the bill in its previous tenure as well but could not push it through due to vehement protests by opposition parties, which criticised the bill as discriminatory on religious grounds.
         The bill had lapsed following the dissolution of the last Lok Sabha.
         The legislation seeks to grant Indian citizenship to Hindus, Jains, Christians, Sikhs, Buddhists and Parsis from Bangladesh, Pakistan and Afghanistan if they have fled their respective country due to religious persecution.
         There has been opposition to the bill in Assam and other Northeastern states
         Student organisations, political parties and socio-cultural bodies have been protesting on the grounds that it seeks to grant nationality to non-Muslims, mostly Hindus, who have come into India up to December 31, 2014, thereby increasing the deadline from 1971 as per the Assam Accord.
          The BJP and its Hindutva affiliates have insisted that minorities, of whom Hindus are in overwhelming numbers, from these countries should be granted Indian citizenship.
          The session is scheduled to be held between November 18 to December 13. PTI NAB KR
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