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माकपा की EC से सुरक्षित चुनाव कराने की मांग, कहा- TMC कर सकती है हिंसा

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Published : May 18, 2019, 8:52 PM IST

लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण के मतदान से पहले सुरक्षा के मुद्दे पर सीपीएम का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा. सीपीएम ने अंतिम चरण के मतदान से पहले सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की. वहीं, ममता ने भी चुनाव आयोग पहुंचकर निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव कराने की मांग की.

सीताराम येचुरी.

नई दिल्ली: अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को देखते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सीताराम येचुरी के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला. माकपा ने चुनाव आयोग से मतदान में राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर बाधा पहुंचाने की आशंका व्यक्त की.

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चुनाव आयोग के पास पहुंचीं. ममता ने चुनाव आयोग से कहा कि बंगाल में रविवार को होने वाला मतदान निष्पक्ष और भाजपा के हस्तक्षेप के बिना संपन्न कराया जाना सुनिश्चित किया जाये.

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान गड़बड़ी की आशंका को पुष्ट करने वाले साक्ष्य मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष पेश करते हुये पुख्ता कार्रवाई करने की मांग की. माकपा ने आयोग से निष्पक्ष एवं भयमुक्त मतदान सुनिश्चित करने के लिये तत्काल कारगर कदम उठाने की मांग की है.

मीडिया को जानकारी देते सीताराम येचुरी.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें भी शामिल हैं.

येचुरी ने कहा, 'रविवार को होने वाले मतदान को लेकर हमें कई तरह की रिपोर्ट मिली हैं. इनमें डायमंड हर्बर और जाधवपुर सहित अन्य सीटों पर असामाजिक तत्वों के सक्रिय होने की पुष्टि हुई है. इनके नामों की सूची भी हमने आयोग को पहले दी थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.'

येचुरी ने पहले भी इस बारे में आयोग को दस पत्र लिखकर सूचित करने का दावा करते हुये कहा, 'चुनाव आयोग ने खुद वादा किया था कि ऐसे असामाजिक तत्वों को चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक हिरासत में रखा जायेगा. इसके बावजूद ये लोग खुले घूम रहे हैं और भय का वातावरण पैदा कर रहे हैं. इस कारण निष्पक्ष चुनाव हो पाना संभव नहीं है.'

येचुरी ने कहा कि राज्य में मतदान के लिये अब महज कुछ घंटे ही बचे हैं और इस बीच शनिवार को टीएमसी के एक कार्यालय में बम विस्फोट हुआ. इससे कल मतदान में बाधा पहुंचाने के लिये टीएमसी के कार्यालयों में विस्फोटक सामग्री जुटाये जाने की आशंका की पुष्टि हुयी है. उन्होंने इस घटना का हवाला देते हुये आयोग से पूछा कि सबूत और जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.

पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं होने का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'हमने आयोग से मांग की है कि अभी भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिये कुछ घंटे बाकी है, आयोग तत्काल ऐसे कदम उठाये जिससे लोग भयमुक्त होकर मतदान के लिये घरों से निकल सकें.'

नई दिल्ली: अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को देखते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सीताराम येचुरी के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला. माकपा ने चुनाव आयोग से मतदान में राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर बाधा पहुंचाने की आशंका व्यक्त की.

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चुनाव आयोग के पास पहुंचीं. ममता ने चुनाव आयोग से कहा कि बंगाल में रविवार को होने वाला मतदान निष्पक्ष और भाजपा के हस्तक्षेप के बिना संपन्न कराया जाना सुनिश्चित किया जाये.

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान गड़बड़ी की आशंका को पुष्ट करने वाले साक्ष्य मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष पेश करते हुये पुख्ता कार्रवाई करने की मांग की. माकपा ने आयोग से निष्पक्ष एवं भयमुक्त मतदान सुनिश्चित करने के लिये तत्काल कारगर कदम उठाने की मांग की है.

मीडिया को जानकारी देते सीताराम येचुरी.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें भी शामिल हैं.

येचुरी ने कहा, 'रविवार को होने वाले मतदान को लेकर हमें कई तरह की रिपोर्ट मिली हैं. इनमें डायमंड हर्बर और जाधवपुर सहित अन्य सीटों पर असामाजिक तत्वों के सक्रिय होने की पुष्टि हुई है. इनके नामों की सूची भी हमने आयोग को पहले दी थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.'

येचुरी ने पहले भी इस बारे में आयोग को दस पत्र लिखकर सूचित करने का दावा करते हुये कहा, 'चुनाव आयोग ने खुद वादा किया था कि ऐसे असामाजिक तत्वों को चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक हिरासत में रखा जायेगा. इसके बावजूद ये लोग खुले घूम रहे हैं और भय का वातावरण पैदा कर रहे हैं. इस कारण निष्पक्ष चुनाव हो पाना संभव नहीं है.'

येचुरी ने कहा कि राज्य में मतदान के लिये अब महज कुछ घंटे ही बचे हैं और इस बीच शनिवार को टीएमसी के एक कार्यालय में बम विस्फोट हुआ. इससे कल मतदान में बाधा पहुंचाने के लिये टीएमसी के कार्यालयों में विस्फोटक सामग्री जुटाये जाने की आशंका की पुष्टि हुयी है. उन्होंने इस घटना का हवाला देते हुये आयोग से पूछा कि सबूत और जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.

पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं होने का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'हमने आयोग से मांग की है कि अभी भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिये कुछ घंटे बाकी है, आयोग तत्काल ऐसे कदम उठाये जिससे लोग भयमुक्त होकर मतदान के लिये घरों से निकल सकें.'

Intro:लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरन में पश्चिम बंगाल एक बार फिर चर्चा में है और सवाल यही है कि क्या कम से कम अंतिम चरन का चुनाव भी शांतिपूर्ण होगा या नहीं ।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज सीताराम येचुरी के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला और बंगाल में होने वाले अंतिम चरन के मतदान में सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की ।
माकपा ने चुनाव आयोग को हिंसा संभावित सीटों और ऐसे पोलिंग बूथों का भी विवरण दिया है जहां हिंसक वारदातों की संभावना है और मतदान के हिसाब से ये संवेदनशील हैं ।


Body:सीताराम येचुरी ने कहा कि अंतिम चरन के मतदान में अब महज कुछ घंटों का समय ही रह गया है ऐसे में चुनाव आयोग को अपने ही वायदे के मुताबिक बंगाल में सभी नौ सीटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिये । साथ ही संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय पुलिस बल द्वारा फ्लैग मार्च निकालने की मांग भी माकपा प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से की है ।
माकपा महासचिव ने तृणमूल पार्टी के एक कार्यालय में विस्फोट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि अंतिम चरन के चुनाव में हिंसा फैलाने के लिये वहां विस्फोटक रखे गये थे जो दुर्घटनावश फट गए । ऐसे मामले में चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिये क्योंकि बंगाल में मतदाताओं में भी भय और आतंक का माहौल है ।
ऐसे में जरूरी है कि मतदाताओं में ये आत्मविश्वास भरने का काम किया जाए ताकि वो बेझिझक अपना मतदान कर सकें ।


Conclusion:बंगाल में सभी छः चरानों में कहीं न कहीं हिंसक वारदात जरूर हुई है और इसी को ध्यान रखते हुए वहां पर्याप्त केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती भी चुनाव आयोग द्वारा की गई है । ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अंतिम चारन का चुनाव रविवार को किस तरह पूरा होता है ।
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