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ऐसी व्यवस्था हो कि आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े : अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 14वें स्थापना दिवस पर कहा कि देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि लोगों को आरटीआई दाखिल करने की जरूरत ही न पड़े. जानें क्या कुछ कहा शाह ने...

अमित शाह
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Published : Oct 12, 2019, 3:17 PM IST

Updated : Oct 12, 2019, 4:08 PM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवर को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 14वें स्थापना दिवस पर कहा कि देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि लोगों को आरटीआई दाखिल करने की जरूरत ही न पड़े, बल्कि सरकार खुद सामने आकर सूचनाएं दे.

अमित शाह का बयान

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में हम इसी तरह का प्रशासन देना चाहते हैं कि सूचना का अधिकार के आवेदन कम से कम आएं और लोगों को आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े.

उन्होंने कहा कि आजादी से पहले प्रशासन का उद्देश्य अपने आकाओं की इच्छा की पूर्ति करना था, इस कारण बड़े कालखंड में जनता और प्रशासन के बीच बड़ी खाई बन गई थी, मगर आरटीआई ने इस खाई को पाटने का काम किया है.

गृह मंत्री ने कहा, '2016 में जब मैंने कानून का अध्ययन किया तो मुझे भी लगा कि इसका दुरुपयोग हो सकता है. लेकिन आज हम कह सकते हैं कि दुरुपयोग बहुत कम हुआ है और सदुपयोग बहुत ज्यादा हुआ है.'

आरटीआई के दुरुपयोग की तरफ इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अकारण इस अधिकार का उपयोग न करें, इसका उपयोग परदर्शिता और गतिशीलता लाने के लिए ही करें. सूचना के अधिकार के साथ-साथ लोगों में दायित्व की भावना को भी जगाना जरूरी है.

अमित शाह ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता का उदाहरण देते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत लोग डैशबोर्ड में ये देख सकते हैं कि उनके घर में बिजली कब लगने वाली है.
उन्होंने कहा, केदारनाथ धाम के नये स्वरूप का निर्माण हो रहा है, वहां घाटी में ऑल वेदर रोड बन रही है. आपको आश्चर्य लगेगा, लेकिन वहां की पूरी निगरानी ड्रोन के माध्यम से ऑनलाइन हो रही है.

आरटीआई दिवस के मौके पर केंद्रीय सूचना आयोग के 14 वें स्थापना दिवस पर गृह मंत्री ने कहा कि आरटीआई एक्ट अन्याय रहित सुशासन देने की दिशा में अच्छा प्रयास है, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था देने और अधिकारों के अतिक्रमण को नियंत्रित करने में भी आरटीआई ने अपनी पूरी भूमिका निभाई है.

ये भी पढ़ें : कश्मीर को लेकर शाह का राहुल पर निशाना, बिना नाम लिए चीन को दी नसीहत

शाह ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग से लेकर हर राज्य में सूचना आयोग की स्थापना की गई है. इस अधिनियम के तहत लगभग 5 लाख से ज्यादा सूचना अधिकारी इस कानून के तहत काम कर रहे हैं. भारत विश्व में पहला ऐसा देश है, जो नीचे तक सूचना तंत्र की रचना करने में सफल हुआ है और एक जवाबदेह सूचना तंत्र का गठन कर पाया है.

गृह मंत्री ने बताया कि 1990 तक केवल 11 ही देशों में आरटीआई का कानून था. वैश्वीकरण, आर्थिक उदारीकरण और तकनीक इनोवेशन के युग की शुरुआत होते ही ये संख्या बढ़ने लगी.

आरटीआई के कारण कई देशों में अच्छे प्रशासनिक बदलाव देखने को मिले हैं, जिनमें भारत भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पिछले 14 वर्षों में आरटीआई एक्ट के कारण जनता और प्रशासन के बीच की खाई को पाटने में बहुत मदद मिली है और जनता का प्रशासन व व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है.

नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवर को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 14वें स्थापना दिवस पर कहा कि देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि लोगों को आरटीआई दाखिल करने की जरूरत ही न पड़े, बल्कि सरकार खुद सामने आकर सूचनाएं दे.

अमित शाह का बयान

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में हम इसी तरह का प्रशासन देना चाहते हैं कि सूचना का अधिकार के आवेदन कम से कम आएं और लोगों को आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े.

उन्होंने कहा कि आजादी से पहले प्रशासन का उद्देश्य अपने आकाओं की इच्छा की पूर्ति करना था, इस कारण बड़े कालखंड में जनता और प्रशासन के बीच बड़ी खाई बन गई थी, मगर आरटीआई ने इस खाई को पाटने का काम किया है.

गृह मंत्री ने कहा, '2016 में जब मैंने कानून का अध्ययन किया तो मुझे भी लगा कि इसका दुरुपयोग हो सकता है. लेकिन आज हम कह सकते हैं कि दुरुपयोग बहुत कम हुआ है और सदुपयोग बहुत ज्यादा हुआ है.'

आरटीआई के दुरुपयोग की तरफ इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अकारण इस अधिकार का उपयोग न करें, इसका उपयोग परदर्शिता और गतिशीलता लाने के लिए ही करें. सूचना के अधिकार के साथ-साथ लोगों में दायित्व की भावना को भी जगाना जरूरी है.

अमित शाह ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता का उदाहरण देते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत लोग डैशबोर्ड में ये देख सकते हैं कि उनके घर में बिजली कब लगने वाली है.
उन्होंने कहा, केदारनाथ धाम के नये स्वरूप का निर्माण हो रहा है, वहां घाटी में ऑल वेदर रोड बन रही है. आपको आश्चर्य लगेगा, लेकिन वहां की पूरी निगरानी ड्रोन के माध्यम से ऑनलाइन हो रही है.

आरटीआई दिवस के मौके पर केंद्रीय सूचना आयोग के 14 वें स्थापना दिवस पर गृह मंत्री ने कहा कि आरटीआई एक्ट अन्याय रहित सुशासन देने की दिशा में अच्छा प्रयास है, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था देने और अधिकारों के अतिक्रमण को नियंत्रित करने में भी आरटीआई ने अपनी पूरी भूमिका निभाई है.

ये भी पढ़ें : कश्मीर को लेकर शाह का राहुल पर निशाना, बिना नाम लिए चीन को दी नसीहत

शाह ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग से लेकर हर राज्य में सूचना आयोग की स्थापना की गई है. इस अधिनियम के तहत लगभग 5 लाख से ज्यादा सूचना अधिकारी इस कानून के तहत काम कर रहे हैं. भारत विश्व में पहला ऐसा देश है, जो नीचे तक सूचना तंत्र की रचना करने में सफल हुआ है और एक जवाबदेह सूचना तंत्र का गठन कर पाया है.

गृह मंत्री ने बताया कि 1990 तक केवल 11 ही देशों में आरटीआई का कानून था. वैश्वीकरण, आर्थिक उदारीकरण और तकनीक इनोवेशन के युग की शुरुआत होते ही ये संख्या बढ़ने लगी.

आरटीआई के कारण कई देशों में अच्छे प्रशासनिक बदलाव देखने को मिले हैं, जिनमें भारत भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पिछले 14 वर्षों में आरटीआई एक्ट के कारण जनता और प्रशासन के बीच की खाई को पाटने में बहुत मदद मिली है और जनता का प्रशासन व व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है.

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ऐसी व्यवस्था हो कि आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े : अमित शाह



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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 14वें स्थापना दिवस पर कहा कि देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि लोगों को आरटीआई दाखिल करने की जरूरत ही न पड़े, बल्कि सरकार खुद सामने आकर सूचनाएं दे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में हम इसी तरह का प्रशासन देना चाहते हैं कि सूचना का अधिकार के आवेदन कम से कम आएं और लोगों को आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले प्रशासन का उद्देश्य अपने आकाओं की इच्छा की पूर्ति करना था, इसके कारण बड़े कालखंड में जनता और प्रशासन के बीच बड़ी खाई बन गई थी, मगर आरटीआई ने इस खाई को पाटने का काम किया है।



अमित शाह ने कहा, "2016 में जब मैंने कानून का अध्ययन किया तो मुझे भी लगा कि इसका दुरुपयोग हो सकता है। लेकिन आज हम कह सकते हैं कि दुरुपयोग बहुत कम हुआ है और सदुपयोग बहुत ज्यादा हुआ है।"



आरटीआई के दुरुपयोग की तरफ इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अकारण इस अधिकार का उपयोग न करें, इसका उपयोग परदर्शिता और गतिशीलता लाने के लिए ही करें। सूचना के अधिकार के साथ-साथ लोगों में दायित्व की भावना को भी जगाना जरूरी है।



अमित शाह ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता का उदाहरण देते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत लोग डेशबोर्ड में ये देख सकते हैं कि उनके घर में बिजली कब लगने वाली है। उन्होंने कहा, "केदारनाथ धाम के नए स्वरूप का निर्माण हो रहा है, वहां घाटी में ऑल वेदर रोड बन रही हैं। आपको आश्चर्य लगेगा लेकिन वहां की पूरी निगरानी ड्रोन के माध्यम से ऑनलाइन हो रही है।"



आरटीआई दिवस के मौके पर केंद्रीय सूचना आयोग के 14 वें स्थापना दिवस पर गृह मंत्री ने कहा कि आरटीआई एक्ट अन्याय रहित सुशासन देने की दिशा में अच्छा प्रयास है, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था देने और अधिकारों के अतिक्रमण को नियंत्रित करने में भी आरटीआई ने अपनी पूरी भूमिका निभाई है।



उन्होंने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग से लेकर हर राज्य में सूचना आयोग की स्थापना की गई है। इस अधिनियम के तहत लगभग 5 लाख से ज्यादा सूचना अधिकारी इस कानून के तहत काम कर रहे हैं। भारत विश्व में पहला ऐसा देश है जो नीचे तक सूचना तंत्र की रचना करने में सफल हुआ है और एक जवाबदेह सूचना तंत्र का गठन कर पाया है।



गृह मंत्री ने बताया कि 1990 तक केवल 11 ही देशों में आरटीआई का कानून था। वैश्वीकरण, आर्थिक उदारीकरण और तकनीक इनोवेशन के युग की शुरुआत होते ही ये संख्या बढ़ने लगी।



आरटीआई के कारण कई देशों में अच्छे प्रशासनिक बदलाव देखने को मिले हैं जिनमें भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले 14 साल में आरटीआई एक्ट के कारण जनता और प्रशासन के बीच की खाई को पाटने में बहुत मदद मिली है और जनता का प्रशासन व व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है।


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Last Updated : Oct 12, 2019, 4:08 PM IST
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