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भारत बायोटेक ने 2-18 साल तक के बच्चों पर कोवैक्सीन बूस्टर के परीक्षण की मंजूरी मांगी

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की बूस्टर डोज, दो साल से 18 साल के बच्चों, के लिए परीक्षण की इजाजत मांगी है. अभी बूस्टर डोज सिर्फ 18 साल के ऊपर वालों के लिए उपलब्ध है.

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Published : May 4, 2022, 5:24 PM IST

नई दिल्ली : भारत बायोटेक ने दो वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक संबंधी दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण के लिए औषधि नियामक से अनुमति मांगी है. फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड की एहतियाती खुराक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के वैसे लोगों को दी जाती है, जिन्हें दूसरी खुराक लिये हुए नौ महीने पूरे हो चुके हैं.

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, "हैदराबाद की कंपनी ने 29 अप्रैल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष आवेदन करके कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण की अनुमति मांगी है." यह अध्ययन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली और पटना सहित छह स्थानों पर किया जाएगा. भारत ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं तथा अन्य बीमारियों वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके की एहतियाती खुराक इस वर्ष 10 जनवरी से देना शुरू कर दिया था.

मार्च में सह-रुग्णता (को-मॉर्बिडिटी) की शर्त खत्म करके 60 एवं अधिक आयु के सभी लोगों को एहतियाती खुराक देने के योग्य माना गया. भारत ने गत 10 अप्रैल को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी व्यक्तियों के लिए निजी टीका केंद्रों में एहतियाती खुराक की अनुमति दी थी.

(एजेंसी)

नई दिल्ली : भारत बायोटेक ने दो वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक संबंधी दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण के लिए औषधि नियामक से अनुमति मांगी है. फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड की एहतियाती खुराक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के वैसे लोगों को दी जाती है, जिन्हें दूसरी खुराक लिये हुए नौ महीने पूरे हो चुके हैं.

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, "हैदराबाद की कंपनी ने 29 अप्रैल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष आवेदन करके कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण की अनुमति मांगी है." यह अध्ययन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली और पटना सहित छह स्थानों पर किया जाएगा. भारत ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं तथा अन्य बीमारियों वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके की एहतियाती खुराक इस वर्ष 10 जनवरी से देना शुरू कर दिया था.

मार्च में सह-रुग्णता (को-मॉर्बिडिटी) की शर्त खत्म करके 60 एवं अधिक आयु के सभी लोगों को एहतियाती खुराक देने के योग्य माना गया. भारत ने गत 10 अप्रैल को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी व्यक्तियों के लिए निजी टीका केंद्रों में एहतियाती खुराक की अनुमति दी थी.

(एजेंसी)

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