वर्धा: सेवाग्राम आश्रम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित विश्व प्रसिद्ध आश्रम है. यह सेवाग्राम में स्थित है. यह आश्रम गांधी जी के रचनात्मक कार्यक्रमों एवं राजनीतिक आंदोलन संचालन का केंद्र हुआ करता था. गांधीजी ने इससे पहले साबरमती में आश्रम की स्थापना की थी. सेवाग्राम की पवित्र भूमि 1936 में जमनालाल बजाज ने महात्मा गांधी को दी थी.
सेवा ग्राम आश्रम के आकाश लोखंडे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस बापू कुटी का निर्माण स्थानीय मजदूरों और स्थानीय सामानों की मदद से किया गया था. यहां मिट्टी से निर्मित बापू कुटी, रसोड़ा और बापू का कार्यालय आदि है. आठ दशकों के बाद भी बापू कुटी उसी स्थिति में हैं. मिट्टी से बने होने के बावजूद भी आज यह जस के तस है. इसके लिए आश्रम प्रशासन को काफी सतर्क रहना पड़ता है. इसे काफी संभालकर रखा जाता है. गोबर और मिट्टी से प्रतिदिन संरक्षित किया जाता है.
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वहीं, बारिश के मौसम में इसे सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रबंध किये जाते हैं. बारिश के पानी से बचाव के लिए एक विशेष पत्ते से तैयार शेड मिट्टी की दीवारों के साथ लगाये जाते हैं. ताकि बारिश के पानी का दीवार पर कोई असर न हो. इसी तरह पत्ते की सहायता से ऐतिहासिक स्थान को कई वर्षों तक संरक्षित रखा गया है. सेवाग्राम आश्रम में दूर-दूर से दर्शनार्थी आते हैं. इसलिए दीवारों की रक्षा की जाती है.