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Ashad Month 2023 : आज से आषाढ़ माह शुरू, इस माह में भगवान की विष्णु की पूजा-पाठ से मिलता है वांछित फल - जून माह व्रत त्योहार

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आज जून माह की 5 तारीख है लेकिन आज से हिंदी कैलेंडर का आषाढ़ महीना शुरू हो गया है. पढ़ें पूरी खबर..Ashad Month 2023

Ashad Month 2023
आषाढ़ माह
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Published : Jun 5, 2023, 11:12 AM IST

दिल्ली: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अभी जून माह चल रहा है. वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार आज से आषाढ़ महीना शुरू हो रहा है. आसान भाषा में समझें तो आषाढ़ का महीना 5 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा. गुरु पूर्णिमा के साथ यह महीना संपन्न होगा. अषाढ़ का महीना तीर्थ यात्रा के काफी शुभ माना जाता है. जरूरतमंदों को दान व मदद काफी फलदायी होता है.

आषाढ़ के मुख्य व्रत-त्योहार महीना
ज्येष्ठ के बाद आषाढ़ का महीना आता है. हिंदू कैंलेंडर के अनुसार साल का चौथा महीना है. इस महीने में कई व्रत और त्योहार होते हैं. योगिनी एकादशी, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, अषाढ़ अमावस्या, हलहारिणी अमावस्या, जगन्नाथ यात्रा, गुप्त नवरात्रि आदि अषाढ़ माह के मुख्य व्रत-त्योहार हैं.

एकादशी से 4 माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं भगवान विष्णु
अषाढ़ के महीना का काफी धार्मिक महत्व है. इस महीने में भगवान शिव और विष्णु की पूजा करना ज्यादा फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि अषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं. इसके साथ ही चातुर्मास शुरु हो जाता है. इस दौरान ज्यादातर शुभ कार्य वर्जित माना जाता है. चातुर्मास में शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन सहित अन्य कार्य करना वर्जित माना जाता है. अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी 29 जून से शुरू होकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को खत्म होने के साथ सभी शुभ कार्य का रास्ता साफ हो जाता है.

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आषाढ़ के मुख्य व्रत-त्योहार महीना
ज्येष्ठ के बाद आषाढ़ का महीना आता है. हिंदू कैंलेंडर के अनुसार साल का चौथा महीना है. इस महीने में कई व्रत और त्योहार होते हैं. योगिनी एकादशी, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, अषाढ़ अमावस्या, हलहारिणी अमावस्या, जगन्नाथ यात्रा, गुप्त नवरात्रि आदि अषाढ़ माह के मुख्य व्रत-त्योहार हैं.

एकादशी से 4 माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं भगवान विष्णु
अषाढ़ के महीना का काफी धार्मिक महत्व है. इस महीने में भगवान शिव और विष्णु की पूजा करना ज्यादा फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि अषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं. इसके साथ ही चातुर्मास शुरु हो जाता है. इस दौरान ज्यादातर शुभ कार्य वर्जित माना जाता है. चातुर्मास में शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन सहित अन्य कार्य करना वर्जित माना जाता है. अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी 29 जून से शुरू होकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को खत्म होने के साथ सभी शुभ कार्य का रास्ता साफ हो जाता है.

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